खैरागढ़,
शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 12 साल पहले बाईपास का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, लेकिन आज तक वह अधूरा है. बाईपास पूरा न होने की वजह से भारी वाहन अभी भी शहर के बीच से ही गुजर रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ता है. अब खैरागढ़ की जनता जल्द से जल्द बाईपास को पूर्ण करने की मांग कर रही है.
खैरागढ़ शहर में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिला बनने के बाद से यहां यातायात का दबाव भी तेजी से बढ़ा है. बड़े वाहनों का शहर के बीच से गुजरना इसका मुख्य कारण है. इस मार्ग पर कई महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ प्रसिद्ध संगीत विश्वविद्यालय भी स्थित है. ऐसे में बड़े वाहनों के गुजरने से न केवल यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है, बल्कि लगातार दुर्घटनाएं भी हो रही हैं.
डोंगरगढ़, कवर्धा, बिलासपुर, राजनांदगांव समेत मध्यप्रदेश तक जाने वाले बड़े वाहन खैरागढ़ के मुख्य मार्ग से होकर गुजरते हैं. इस कारण न केवल सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही हैं, बल्कि यातायात व्यवस्था भी पूरी तरह बाधित हो जाती है. शहर के बीचों-बीच कलेक्ट्रेट, एसपी कार्यालय और संगीत विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख स्थल मौजूद हैं, जहां रोजाना बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. इन स्थानों के आस-पास बड़े वाहनों के आवागमन के चलते यातायात जाम और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है.
आरोप-प्रत्यारोप में उलझे राजनीतिक दल
12 साल पहले शुरू हुआ बाईपास निर्माण आज तक अधूरा पड़ा है. राजनीतिक पार्टियां आरोप-प्रत्यारोप में उलझी हुई हैं, लेकिन इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है. सड़क हादसों में कई लोगों ने अपने परिजनों को खो दिया है. बाईपास पूरा न होने की वजह से शहरवासियों का सब्र टूट रहा है. अब देखना यह होगा कि शासन-प्रशासन इस मुद्दे पर कब जागता है.