जशपुर,
छ्ग के सबसे चर्चित कुनकुरी नगर पंचायत के अध्यक्ष पद का आरक्षण तय हो जाने के बाद यहाँ से नगर पंचायत अध्यक्ष बनने का सपना संजोए बैठे कई भाजपा नेताओं के सपने धरे के धरे रह गए। सामान्य सीट की घोषणा की प्रत्याशा में भाजपा प्रत्याशी बनकर अध्यक्ष बनने की चाहत तार तार होने के बाद नगर की सियासत में गज्जब की मायूसी देखी जा रही है। मंगलवार को दोपहर 3 बजे तक जो भाजपा नेता दावेदारी की दांव पर दांव फेक रहे थे आरक्षण की घोषणा होते ही धड़ाम हो गए। हांलाकि भाजपा खेमे के ओबीसी नेताओं में आरक्षण की घोषणा के बाद एकबारगी जान सी आ गयी है। वार्ड के आरक्षण से निराश हो चुके कई भाजपा पार्षदों के चेहरे इसलिए खिल उठे क्योंकि अब उन्हें अध्यक्ष पद के लिए किस्मत आजमाने का मौका मिलेगा।
आरक्षण की घोषणा के बाद ओबीसी नेताओ की दावेदारी के चर्चे भी शुरू हो गए हैं। चर्चे पर गौर करें तो अध्यक्ष पद के दावेदारों में से पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष सुदबल राम यादव का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। अंदरखाने की खबर यह है कि भाजपा सुदबल राम यादव के नाम पर सर्वे करा चुकी है और संगठन के हिसाब से सुदबल राम जीताऊ प्रत्याशी साबित हो सकते है। उन्होंने बताया कि 2015 के चुनाव में वह 1700 से ज्यादा वोट से जीत हासिल किये थे इसलिए उन्हें लगता है कि पार्टी इस बार भी इनपर भरोसा कर लेगी लेकिन पब्लिक दुबारा इन पर भरोसा करती है या नहीं यह तो आने वाला वक़्त बताएगा।
सुदबल राम के बाद भाजपा के 2 पार्षदों के नामो के भी खूब चर्चे हो रहे हैं । पहला नाम 4 बार के पार्षद रहे राजेश ताम्रकार का है । 4 कार्यकालों में कई सारे वार्डों से चुनाव लड़कर जीत हासिल करने का रिकार्ड बना चुके राजेश ताम्रकार भी दावेदारों की पंक्ति में हैं । जमीन से जुड़े होने के चलते अधिकांश लोगों का कहना है कि भाजपा इस बार राजेश जैसे युवा चेहरे पर दाँव लगा सकती है ।
इसी क्रम में भाजपा पार्षद राजेन्द्र गुप्ता के नाम की भी चर्चा है । अपने वार्ड में लगातार 2 बार जीत कर पार्षदी हासिल करने वाले राजेन्द्र गुप्ता रौनियार समाज से हैं और शहर में रौनियार समाज के वोट निर्णायक हैं। जातीय समीकरण के आधार पर सामाजिक कोटे से इनके नाम पर भी मूहर लगने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा रहा है।
खाश बात यह है कि कांग्रेस की ओर से अभी तक किसी की दावेदारी सामने नहीं आयी है । ना ही काँग्रेस के नेता अभी अपने दावेदार का पत्ता खोलने के मूड में हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस ठोश रणनीति बनाने में लगी है ताकि कुनकुरी सीट पर किला फतेह करके अलग नजीर पेश की जा सके