असम के दीमा हसाओ जिले में स्थित कोयला खदान (Coal Mine) में बड़ी दुर्घटना हो गई है। 300 फीट गहरी कोयला खदान में पानी भरने के कारण 9 मजदूर अंदर फंस गए हैं। बताया जा रहा है कि खदान में करीब 100 फीट तक पानी भर गया है। मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन में भारतीय सेना भी उतरी है। साथ ही राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की विशेष टीमें भी लगी हुई है।
मेघालय की सीमा के पास स्थित यह अवैध खदान उमरंगसो शहर में है। मजदूरों को बचाने के लिए बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन लॉन्च कर दिया गया है। हालांकि लेखदान ‘चूहे के बिल’ के जैसी होने और काफी ऊंचाई तक पानी भर जाने के कारण बचाव कार्य में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के अनुरोध पर मजदूरों को बचाने के लिए सेना के विशेष राहत कार्य बल को तैनात किया गया है। इस टीम में गोताखोर, इंजीनियर और सेना के दूसरे प्रशिक्षित जवान शामिल हैं। भारतीय सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक रेस्क्यू मिशन को एक सीनियर और अनुभवी अधिकारी की देखरेख में चलाया जा रहा है।
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा- उमरंगशू से दुखद खबर है। यहां मजदूर कोयला खदान में फंस गए हैं। श्रमिकों की सही संख्या और स्थिति का पता अभी नहीं चल पाया है। डीसी, एसपी और मेरे सहयोगी कौशिक राय घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं। ईश्वर से सभी की सुरक्षा की प्रार्थना कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि बचाव अभियान में सेना की सहायता मांगी गई है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) भी मदद के लिए घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं।
मेघालय सरकार पर लग चुका है 100 करोड़ का जुर्माना
रैट माइनिंग कोयला खदानों में काम करने वाले मजदूरों ने ईजाद की थी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, यानी NGT ने 2014 में इस पर बैन लगा दिया था। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने 2019 में अवैध कोयला खनन पर अंकुश लगाने में विफल रहने के बाद मेघालय सरकार पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगा चुकी है।
2018 और 2021 में हो चुकी हैं घटनाएं
दिसंबर 2018 में इसी तरह की एक घटना मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स में हुई थी। तब एक अवैध कोयला खदान में पास की नदी का पानी घुसने के बाद वहां 15 मजदूर फंस गए थे। वहीं, 2021 में इसी तरह की एक और घटना हुई थी, जिसमें मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में डायनामाइट विस्फोट के बाद पानी से भरी एक अवैध कोयला खदान में पांच मजदूर फंस गए थे।