रायगढ़,
छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री व रायगढ़ के विधायक ओपी चौधरी द्वारा चुनाव जीतने के बाद कथित तौर पर किसी का फोन नही उठाने के छोटे से मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया में ऐसा तूल दे दिया है जिसको लेकर ओपी चौधरी को ही कथित भाजपाई और उनके साथ रहने वाले कुछ लोगों की टिप्पणी भारी पड़ सकती है। इतना ही नही इस मामले में बतौर कलेक्टर रहते खास लोगों ने भी अपनी टिप्पणी की थी और उनको भी विलेन बनाने के लिये अलग से उनके ही लोग लगे हुए है पर ओपी चौधरी जैसे शख्सित को ऐसे हल्के ढंग से सोशल मीडिया में मजाक बनाना ठीक नही है चूंकि वे केवल रायगढ़ के विधायक नही है बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की बड़ी जिम्मेदारी उनके कंधों पर है और कभी काम काज के दौरान फोन नही उठना मुद्दा बनाना ठीक नही है और समय-समय पर वे खुद फोन करके हाल चाल भी पूछते हैं ऐसे में फेसबुक हो या अन्य संसाधन उसमें घटिया टिप्पणी के जरिये वाद विवाद बढ़ता जा रहा है जिस पर रोक लगनी चाहिए।
रायगढ़ विकास की दृष्टि से लगातार हो रहा है अग्रसर
काकाजी को अच्छे से याद है कि विधायक बनने से पहले पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी ने विधानसभा चुनाव के समय अपना खुद का एक एजेंडा तय किया जिसमें रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में विकास के लिये हर छोटी बड़ी योजना को मूर्त रूप देने के लिये खाखा खींच लिया था, इतना ही नही विधानसभा चुनाव में भी यूथ आईकाॅन ओपी चौधरी ने हर घर जाकर चाहे युवा हो चाहे महिला हो या पुरूष हो या बुजुर्ग सभी से मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ मुलाकात करते हुए इस बात को जता दिया था कि वे केवल विधायक नही बल्कि रायगढ के ऐसे जनप्रतिनिधि साबित होंगे, जो विकास के नाम पर नये तरीके से इस विधानसभा को छत्तीसगढ़ में सबसे विकसित विधानसभा का दर्जा देने के लिये तत्पर रहेंगे और ऐसा हो भी हो रहा है। चुनाव जीतने के बाद जिस प्रकार उन्होंने एक के बाद एक रायगढ़ वासियों को सौगात दी है उसमें अधिकांश वो वादे पूरे भी हो गए हैं जो ओपी चौधरी ने अपने घोषणा पत्र में किये थे।
साल भर के भीतर ही लग गई विकास की झड़ी
रायगढ़ जिला मुख्यालय में छत्तीसगढ़ का सर्वश्रेष्ठ व सर्वसुविधायुक्त नालंदा परिसर की परिकल्पना विधानसभा चुनाव से पहले ओपी चौधरी ने की थी और चुनाव जीतने के तुरंत बाद वित्त मंत्री होते हुए उन्होंने केलो नदी के किनारे इसकी आधार शीला रखवाकर यह साबित कर दिया वे रायगढ़ के बेरोजगारों के लिये क्या सोच रखते हैं इतना ही नही भारत का यह पहला नालंदा परिसर है जिसमें सरकारी खजाने से एक भी रूपया नही लग रहा है और यह ओपी चौधरी की सोच का साबित करता है कि वे कैसे रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में जनता के सपनो को पूरा करने के लिये किस तरह योजनाओं को धीरे-धीरे अमलीजामा पहनाने में लगे हैं। सड़क, बिजली, पानी जैसे मूलभूत समस्याओं पर जिस गति से काम हुआ है उससे कांगे्रसियों की भी बोलती बंद हो गई है और हर मोहल्लों में आज चमचमाती सड़क इस बात का उदाहरण है कि उन्होंने जो कहा था वो पूरा किया। एक अन्य जानकारी के अनुसार वित्त मंत्री होनें के साथ-साथ रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी ने हर शनिवार रविवार को विकास को गति देने के लिये टायमिंग फिक्स कर दी है, और लगातार करोड़ो की सौगात रायगढ़ वासियों को मिल रही है।
सोशल मीडिया में विवाद खड़ा करना ठीक नही है
किसी का फोन नही उठाना और इस बात को लेकर मुद्दा बना लेना अपनी-अपनी सोच का परिचायक है हम अपनी बात कहे तो कई बार हम भी किसी का फोन नही उठाते, चूंकि सामने वाला जिस मुद्दे को लेकर फोन करता है वह हमारे बस के बाहर का रहता है और शायद ही कुछ ऐसा ओपी चौधरी के साथ हो रहा है जो बतौर वित्त मंत्री छत्तीसगढ़ खजाने की चाबी रखने के बाद विकास कार्यो के लिये आबंटन और उनकी योजनाओं को बनाने में लगे हुए हैं और ऐसे में किसी का फोन आने पर नही उठा पाते तो इस पर विवाद खड़ा करने वाले वे लोग है जो उन्हें फोन करके अपनी व्यक्तिगत या अन्य कोई समस्या बताकर यह जताना चाहते थे कि वे ओपी चौधरी से कैसे बात करते हैं। बहरहाल काकाजी का यह मानना है कि प्रदेश के वित्त मंत्री व रायगढ़ विधायक एक कुशल आईएएस अधिकारी भी रह चुके हैं और उन्हें मालूम है कि कब किससे क्या बात करना है और किसका फोन उठाना है और इस पर बेवजह टिप्पणी करना उचित नही है। कुछ भाजपा से जुडे लोग ऐसे सवाल उठाने वाले लोगों को जैसा जवाब दे रहे हैं वह भी बिल्कुल अनूचित है और यह सब बंद होना चाहिए।