उल्लेखनीय है कि प्रदेश भाजपा ने योजना के मुताबिक पहले संगठन चुनाव के तहत जिलाध्यक्षों का मनोनयन करने का निर्णय लिया था. चूंकि 5 और 6 जनवरी को जिलाध्यक्षों की नियुक्ति कर दी जाएगी. इसके बाद कभी भी मंत्रिमंडल विस्तार की तिथि घोषित की जाएगी. मंत्रियों के शपथ ग्रहण और विभाग के बंटवारे के तुरंत बाद निगम, मंडल, आयोग में नियुक्तियां होंगी. बताया जा रहा है कि निगम, मंडल, आयोग, बोर्ड में नियुक्तियों की सूची तैयार कर ली गई है. इसे लेकर मुख्यमंत्री साय से भाजपा संगठन के नेताओं की चर्चा भी हो गई है.
यदि सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ, तो 10 जनवरी तक निगम, मंडल की सूची भी आ जाएगी. भले ही पदाधिकारी 14 जनवरी के बाद पदभार ग्रहण करें. भाजपा के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि हाल ही में छत्तीसगढ़ दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिवप्रकाश ने अब नियुक्तियों में विलंब नहीं करने का निर्देश दिया है. भाजपा में निगम, मंडल, आयोग को लेकर वैसे तो दर्जनों दावेदार हैं, लेकिन पहली सूची छोटी होने की संभावना है. जिसमें संगठन के बेहद नजदीकी लोगों की नियुक्तियां की जा सकती हैं, जो राज्य में भाजपा की सरकार बनाने की योजना पर पिछले पांच सालों से लगातार काम करते रहे हैं और सरकार आने के बाद भी धैर्य नहीं खोए हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर यह भी बताया गया कि जिन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट मिला था, उन्हें निगम, मंडल, आयोग में जगह नहीं दी जाएगी. वहीं वर्तमान विधायकों को भी पद देने जैसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है. कुल मिलाकर भाजपा में जितनी तेजी से चर्चाएं शुरू होती हैं, उतनी तेजी से निर्णय नहीं हो पाते हैं. यही वजह है कि अधिकांश संभावनाओं की ओर नजरें टिकी हुई हैं.