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पार्ट 5 – बिना टेंडर के बन गया रोड, अधिकारियों की मिलीभगत से बना रोड, निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने नगर पालिका के अधिकारियों ने रचा षडयंत्र, सूचना के अधिकार से मिली जानकारी

चांपा,

किसी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने अधिकारी किस हद तक जा सकते हैं इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है? सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार रामबांधा तालाब के पास स्थित मां समलेश्वरी मंदिर के बगल से बने हुए रोड का ना ही टेंडर किया गया है और ना ही उसका दस्तावेज नगर पालिका में मौजूद है? सूचना के अधिकार के तहत दी गई जानकारी में पुरानी बनी हुई रोड और नाली का दस्तावेज प्रार्थी को सौंप दिया गया।

वहीं जब इसकी जानकारी लेने नगर पालिका परिषद के इंजीनियर से पूछा गया तो उन्होंने संबंधित इंजीनियर देवेन्द्र कैवर्त से बात करने और जानकारी पूछने की बात कही। लेकिन जब इस मामले में इंजीनियर देवेन्द्र कैवर्त से फोन के माध्यम से बात की गई तो उन्होंन कहा कि मैं बाहर से आए अधिकारी के साथ काम में व्यस्त हूं। बाद में बता पाउंगा लेकिन जब उनसे समय पूछा गया कि कब बताएंगे तब वे बात को टालमटोल करते रहे और फोन काट दिया। जिससे यही प्रतीत होता है कि नगर पालिका परिषद के अधिकारियों की मिलीभगत से ही रामबांधा तालाब के पास स्थित मां समलेश्वरी मंदिर के बगल से बने हुए रोड का निर्माण कराया गया और वह भी निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए?

आम जनता के पैसे का दुरूपयोग करना कोई नगर पालिका परिषद चांपा के अधिकारियों व कर्मचारियों से सीखे। सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेज में सिर्फ पुराने टेंडर की प्रक्रिया और ठेकेदार का विवरण ही दिया गया, वहीं किसकी जमीन पर यह रोड बनाया गया है उसकी जानकारी भी नहीं दी गई है। जिससे साफ स्पष्ट है कि आपसी मिलीभगत और निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए रोड का निर्माण करवाया गया है।

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चांपा, किसी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने अधिकारी किस हद तक जा सकते हैं इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है? सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार रामबांधा तालाब के पास स्थित मां समलेश्वरी मंदिर के बगल से बने हुए रोड का ना ही टेंडर किया गया है और ना ही उसका दस्तावेज नगर पालिका में मौजूद है? सूचना के अधिकार के तहत दी गई जानकारी में पुरानी बनी हुई रोड और नाली का दस्तावेज प्रार्थी को सौंप दिया गया। वहीं जब इसकी जानकारी लेने नगर पालिका परिषद के इंजीनियर से पूछा गया तो उन्होंने संबंधित इंजीनियर देवेन्द्र कैवर्त से बात करने और जानकारी पूछने की बात कही। लेकिन जब इस मामले में इंजीनियर देवेन्द्र कैवर्त से फोन के माध्यम से बात की गई तो उन्होंन कहा कि मैं बाहर से आए अधिकारी के साथ काम में व्यस्त हूं। बाद में बता पाउंगा लेकिन जब उनसे समय पूछा गया कि कब बताएंगे तब वे बात को टालमटोल करते रहे और फोन काट दिया। जिससे यही प्रतीत होता है कि नगर पालिका परिषद के अधिकारियों की मिलीभगत से ही रामबांधा तालाब के पास स्थित मां समलेश्वरी मंदिर के बगल से बने हुए रोड का निर्माण कराया गया और वह भी निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए? आम जनता के पैसे का दुरूपयोग करना कोई नगर पालिका परिषद चांपा के अधिकारियों व कर्मचारियों से सीखे। सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेज में सिर्फ पुराने टेंडर की प्रक्रिया और ठेकेदार का विवरण ही दिया गया, वहीं किसकी जमीन पर यह रोड बनाया गया है उसकी जानकारी भी नहीं दी गई है। जिससे साफ स्पष्ट है कि आपसी मिलीभगत और निजी व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए रोड का निर्माण करवाया गया है।
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