बिलासपुर। कानन पेंडारी में जानवरों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हिप्पो, शेरनी समेत अन्य जानवरों के बाद अब भालू ने भी सुबह दम तोड़ दिया है। आश्चर्य की बात है कि स्थानीय डॉक्टर को रोग और मौत की जानकारी भी नहीं है। यद्यपि वाइल्ड लाइफ एसओएस के डाक्टर इलियाराजा ने बताया कि भालू की मौत मौत कैनाइन हेपेटाइटी की वजह से हुआ है।
कानन पेंडारी जूलॉजिकल गार्डन में गुरूवार की सुबह करीब 10:30 बजे चार साल के नर भालू की संदिध परिस्थियों में मौत हो गयी है। 10 दिन पहले ही एक भालू की मौत हुई थी। इसके बाद गर्भवत्ती हिप्पो और शेरनी की भी मौत हो चुकी है।
भरसक दबाने का प्रयास
गूुरूवार की सुबह चार साल के नर भालू की मौत के बाद कानन पेन्डारी में जानवारों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। यद्यपि भालू की मौत को कनान पेंडारी प्रशासन ने भरसक दबाने का असफल प्रयास किया है। जानकारी के अनुसार नर भालू की मौत के बाद अब कानन पेन्डारी में 9 भालू बचे है। एहतियातन सभी भालुओं को अलग अलग केज में पर्यटकों से दूर रखा गया है।
डॉक्टरों को जानकारी नहीं
सूत्रों की माने तो भालू की मौत की वजह कानन के डाक्टरों की टीम को भी नही है।कनान प्रबंधन ने इसके लिए वाइल्डलाइफ एसओएस के डाक्टर इलियाराजा से संपर्क किया। रिपोर्ट देखने के बाद आगरा में बैठे डॉक्टर ने भालू की मौत की वजह कैनाइन हेपेटिटी संक्रमण बताया। साथ ही आईवीआर बरेली लैब भेजने को कहा।
सवाल कई
पोस्टमार्टम के बाद भालू के शव का दाहसंस्कार कनान पेंडारी में ही शाम को किया गया। सभी कार्रवाई वरिष्ठ अधिकारियों के निगरानी में हुआ। बरहाल कानन पेन्डारी में फिर एक जानवर की मौत ने जूलॉजिकल गार्डन के प्रबंधन पर सवालिया निशान लगा दिया है।