छत्तीसगढवैज्ञानिक पद्धति द्वारा उच्चतम गुणवत्ता एवं अधिकतम मात्रा में गोंद निकालने की...

वैज्ञानिक पद्धति द्वारा उच्चतम गुणवत्ता एवं अधिकतम मात्रा में गोंद निकालने की तकनीक पर चर्चा…

बिलासपुर। गोंद उत्पादन तकनीक पर प्रशिक्षण सम्पन्न की अंतर्गत गोद दिवसीय प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केन्द्र बिलासपुर में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा संचालित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की परियोजना राल एवं गौद कटाई, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन के उत्पादन नवाचार तकनीक पर एक सह प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसके अंतर्गत डा प्रतिभा कटियार प्राध्यापक एवं डा. नूतन सिंग पादप कार्यिकी द्वारा छ.ग. के प्रमुख वृक्षो जैसे कि बबूल, कराया, घावडा मूंगा, पलाश, रोहिला एवं चिरौंजी से वैज्ञानिक पद्धति द्वारा उच्चतम गुणवत्ता एवं अधिकतम मात्रा में गोंद निकालने की तकनीक पर चर्चा की गई साथ ही वैज्ञानिक पद्धति को अपना कर वृक्षों के जीवन काल को सुरक्षित रखने के प्रयासों पर भी जानकारी दी गई और इन पद्धतियों को अपना कर गोद उत्पादन से जुड़े हुये लोगो को आजीविका को बढ़ाने का मार्गदर्शन दिया गया।

इसका प्रदर्शन एवं डा. मनेन्द्र धृतलहरे उत्पादक कार्यिकी विभाग एवं इंजी – पूजा साहू गोद उत्पादक सलई, साजा, इत्यादि वृक्षो द्वारा किया गया। जयंत

इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक शिल्पा कौशिक, डा. अमित शुक्ला, डा. निवेदिता पाठक, जयंत साहू, चेचला पटेल, स्वाति शर्मा ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।

इस कार्यक्रम में जिले अग्रणी कृषक माधो सिंग, विक्रम सिंग, कुमारी विनीता, देवी प्रसाद कुर्रे आदि कृषक उपस्थित रहे ।

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बिलासपुर। गोंद उत्पादन तकनीक पर प्रशिक्षण सम्पन्न की अंतर्गत गोद दिवसीय प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केन्द्र बिलासपुर में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा संचालित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की परियोजना राल एवं गौद कटाई, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन के उत्पादन नवाचार तकनीक पर एक सह प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसके अंतर्गत डा प्रतिभा कटियार प्राध्यापक एवं डा. नूतन सिंग पादप कार्यिकी द्वारा छ.ग. के प्रमुख वृक्षो जैसे कि बबूल, कराया, घावडा मूंगा, पलाश, रोहिला एवं चिरौंजी से वैज्ञानिक पद्धति द्वारा उच्चतम गुणवत्ता एवं अधिकतम मात्रा में गोंद निकालने की तकनीक पर चर्चा की गई साथ ही वैज्ञानिक पद्धति को अपना कर वृक्षों के जीवन काल को सुरक्षित रखने के प्रयासों पर भी जानकारी दी गई और इन पद्धतियों को अपना कर गोद उत्पादन से जुड़े हुये लोगो को आजीविका को बढ़ाने का मार्गदर्शन दिया गया। इसका प्रदर्शन एवं डा. मनेन्द्र धृतलहरे उत्पादक कार्यिकी विभाग एवं इंजी – पूजा साहू गोद उत्पादक सलई, साजा, इत्यादि वृक्षो द्वारा किया गया। जयंत इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक शिल्पा कौशिक, डा. अमित शुक्ला, डा. निवेदिता पाठक, जयंत साहू, चेचला पटेल, स्वाति शर्मा ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया। इस कार्यक्रम में जिले अग्रणी कृषक माधो सिंग, विक्रम सिंग, कुमारी विनीता, देवी प्रसाद कुर्रे आदि कृषक उपस्थित रहे ।
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