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प्यार के इंतजार का सबूत: 18 की होते ही प्रेमी से की शादी, प्रेम कहानी का अनोखा मामला

कानपुर,

कहते हैं कि प्रेम न जाति देखता है, न धर्म, न उम्र और न रंग। जब दिल किसी पर आ जाए तो बाकी सारी बाधाएं बेमानी हो जाती हैं। ऐसा ही एक अनोखा मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में सामने आया, जहां एक युवती ने अपने प्रेम को सच्चाई में बदलने के लिए लंबे समय तक इंतजार किया। युवती ने बालिग होने का दिन गिन-गिन कर इंतजार किया और 18 की उम्र पूरी करते ही अपने प्रेमी से शादी करने का निर्णय लिया।

बालिग होते ही प्रेमिका पहुंची प्रेमी के घर

यह घटना कानपुर के घाटमपुर के सांढ थाना क्षेत्र की है। बबली नाम की एक लड़की को अपने ही गांव के रमेश नाम के युवक से कुछ साल पहले प्रेम हो गया था। उस समय बबली नाबालिग थी और रमेश की उम्र करीब 23-24 साल थी। उम्र का यह फासला और बबली का नाबालिग होना, दोनों की शादी में सबसे बड़ी बाधा बन गया।

हालांकि, बबली ने धैर्य नहीं खोया और अपने बालिग होने का इंतजार किया। 31 दिसंबर 2024 को जैसे ही बबली ने 18 साल की उम्र पूरी की, अगले ही दिन वह रमेश के घर पहुंच गई। उसने रमेश और उसके परिवार वालों के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। यह देखकर रमेश के परिवार वाले हैरान रह गए।

पुलिस तक पहुंचा मामला, फिर शादी बनी मुमकिन

रमेश के घर वालों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। उन्होंने बबली की जिद को देखकर पुलिस को मामले में हस्तक्षेप के लिए बुलाया। सांढ थाना पुलिस दोनों के परिजनों और प्रेमी युगल को थाने ले आई।

पुलिस पूछताछ में बबली ने बताया कि वह रमेश से लंबे समय से प्यार करती है और शादी करना चाहती है। लेकिन चूंकि वह नाबालिग थी, इसलिए वह पहले किसी कानूनी अड़चन में नहीं फंसना चाहती थी। उसने बताया कि बालिग होने के बाद ही उसने शादी का फैसला लिया।

परिजनों की सहमति और शादी की परिणति

थाने में जब बबली और रमेश ने शादी की अपनी इच्छा पर जोर दिया, तो उनके परिजन भी अंततः तैयार हो गए। इसके बाद पुलिस और दोनों परिवारों की सहमति से थाने के बाहर बने एक मंदिर में बबली और रमेश की शादी कराई गई।

पुलिस ने क्या कहा?

सांढ थाना प्रभारी केपी सिंह ने बताया कि बबली ने बालिग होने के बाद ही शादी का निर्णय लिया। दोनों परिवारों ने थाने में लिखित समझौता किया कि वे इस शादी को लेकर किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं करेंगे।

प्रेम की अनोखी मिसाल

यह घटना इस बात का उदाहरण है कि सच्चा प्रेम समय और समाज की बंदिशों को पार कर सकता है। बबली ने अपने प्रेम को साकार करने के लिए न केवल इंतजार किया, बल्कि अपने दृढ़ संकल्प से परिवार और समाज को भी अपने पक्ष में कर लिया।

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कानपुर, कहते हैं कि प्रेम न जाति देखता है, न धर्म, न उम्र और न रंग। जब दिल किसी पर आ जाए तो बाकी सारी बाधाएं बेमानी हो जाती हैं। ऐसा ही एक अनोखा मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में सामने आया, जहां एक युवती ने अपने प्रेम को सच्चाई में बदलने के लिए लंबे समय तक इंतजार किया। युवती ने बालिग होने का दिन गिन-गिन कर इंतजार किया और 18 की उम्र पूरी करते ही अपने प्रेमी से शादी करने का निर्णय लिया।
बालिग होते ही प्रेमिका पहुंची प्रेमी के घर
यह घटना कानपुर के घाटमपुर के सांढ थाना क्षेत्र की है। बबली नाम की एक लड़की को अपने ही गांव के रमेश नाम के युवक से कुछ साल पहले प्रेम हो गया था। उस समय बबली नाबालिग थी और रमेश की उम्र करीब 23-24 साल थी। उम्र का यह फासला और बबली का नाबालिग होना, दोनों की शादी में सबसे बड़ी बाधा बन गया।
हालांकि, बबली ने धैर्य नहीं खोया और अपने बालिग होने का इंतजार किया। 31 दिसंबर 2024 को जैसे ही बबली ने 18 साल की उम्र पूरी की, अगले ही दिन वह रमेश के घर पहुंच गई। उसने रमेश और उसके परिवार वालों के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। यह देखकर रमेश के परिवार वाले हैरान रह गए।
पुलिस तक पहुंचा मामला, फिर शादी बनी मुमकिन
रमेश के घर वालों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। उन्होंने बबली की जिद को देखकर पुलिस को मामले में हस्तक्षेप के लिए बुलाया। सांढ थाना पुलिस दोनों के परिजनों और प्रेमी युगल को थाने ले आई।
पुलिस पूछताछ में बबली ने बताया कि वह रमेश से लंबे समय से प्यार करती है और शादी करना चाहती है। लेकिन चूंकि वह नाबालिग थी, इसलिए वह पहले किसी कानूनी अड़चन में नहीं फंसना चाहती थी। उसने बताया कि बालिग होने के बाद ही उसने शादी का फैसला लिया। परिजनों की सहमति और शादी की परिणति
थाने में जब बबली और रमेश ने शादी की अपनी इच्छा पर जोर दिया, तो उनके परिजन भी अंततः तैयार हो गए। इसके बाद पुलिस और दोनों परिवारों की सहमति से थाने के बाहर बने एक मंदिर में बबली और रमेश की शादी कराई गई।
पुलिस ने क्या कहा?
सांढ थाना प्रभारी केपी सिंह ने बताया कि बबली ने बालिग होने के बाद ही शादी का निर्णय लिया। दोनों परिवारों ने थाने में लिखित समझौता किया कि वे इस शादी को लेकर किसी तरह की कानूनी कार्रवाई नहीं करेंगे।
प्रेम की अनोखी मिसाल
यह घटना इस बात का उदाहरण है कि सच्चा प्रेम समय और समाज की बंदिशों को पार कर सकता है। बबली ने अपने प्रेम को साकार करने के लिए न केवल इंतजार किया, बल्कि अपने दृढ़ संकल्प से परिवार और समाज को भी अपने पक्ष में कर लिया।
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