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अब लोन लेना होगा और भी मुश्किल, RBI ने पर्सनल लोन के नियमों में किया बदलाव…

कोई भी व्यक्ति अपनी निजी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक से पर्सनल लोन ले सकता है. ऐसे में अगर आप इस नए साल में पर्सनल लोन लेने का प्लान बना रहे हैं तो आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने नए साल से पर्सनल लोन लेने के नियमों में अहम बदलाव किया है. ऐसे में पर्सनल लोन लेने से पहले आपको इस नए नियम के बारे में जरूर जान लेना चाहिए. आइए जानते हैं.

RBI ने लागू किया नया नियम

RBI द्वारा लागू किए गए नए नियम में अब कर्जदाताओं को हर 15 दिन में लोन लेने वालों की गतिविधि की जानकारी क्रेडिट ब्यूरो को देनी होगी. पहले यह अवधि 1 महीने की होती थी लेकिन अब इसे बदलकर हर 15 दिन कर दिया गया है.

नए नियम के लागू होने से लोन लेने वाले व्यक्ति को ज्यादा जांच का सामना करना पड़ेगा. इस नए नियम में एक साथ कई लोन लेने की संभावना कम हो जाएगी.

RBI के इस नए नियम से लोन देने वाली एजेंसियों की उधारकर्ता को लोन देने में जोखिम की जांच करने की क्षमता बढ़ जाएगी. RBI ने अगस्त में ही यह नया नियम जारी किया था, जिसे अब लागू कर दिया गया है.

क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी CRIF हाई मार्क के चेयरमैन सचिन सेठ ने कहा कि “ईएमआई पूरे महीने में अलग-अलग तारीखों पर आती है. महीने में एक बार डेटा रिपोर्ट करने से डिफॉल्ट या रीपेमेंट पर अपडेट में 40 दिन तक की देरी हो सकती है.

क्रेडिट असेसमेंट के लिए पुरानी जानकारी उपलब्ध हो सकती है. 15-दिवसीय रिपोर्टिंग चक्र पर स्विच करने से ये देरी काफी कम हो जाएगी. ऋणदाताओं के पास अब अधिक सटीक और समय पर डेटा तक पहुंच होगी.”

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कोई भी व्यक्ति अपनी निजी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक से पर्सनल लोन ले सकता है. ऐसे में अगर आप इस नए साल में पर्सनल लोन लेने का प्लान बना रहे हैं तो आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने नए साल से पर्सनल लोन लेने के नियमों में अहम बदलाव किया है. ऐसे में पर्सनल लोन लेने से पहले आपको इस नए नियम के बारे में जरूर जान लेना चाहिए. आइए जानते हैं.

RBI ने लागू किया नया नियम

RBI द्वारा लागू किए गए नए नियम में अब कर्जदाताओं को हर 15 दिन में लोन लेने वालों की गतिविधि की जानकारी क्रेडिट ब्यूरो को देनी होगी. पहले यह अवधि 1 महीने की होती थी लेकिन अब इसे बदलकर हर 15 दिन कर दिया गया है. नए नियम के लागू होने से लोन लेने वाले व्यक्ति को ज्यादा जांच का सामना करना पड़ेगा. इस नए नियम में एक साथ कई लोन लेने की संभावना कम हो जाएगी. RBI के इस नए नियम से लोन देने वाली एजेंसियों की उधारकर्ता को लोन देने में जोखिम की जांच करने की क्षमता बढ़ जाएगी. RBI ने अगस्त में ही यह नया नियम जारी किया था, जिसे अब लागू कर दिया गया है. क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी CRIF हाई मार्क के चेयरमैन सचिन सेठ ने कहा कि “ईएमआई पूरे महीने में अलग-अलग तारीखों पर आती है. महीने में एक बार डेटा रिपोर्ट करने से डिफॉल्ट या रीपेमेंट पर अपडेट में 40 दिन तक की देरी हो सकती है. क्रेडिट असेसमेंट के लिए पुरानी जानकारी उपलब्ध हो सकती है. 15-दिवसीय रिपोर्टिंग चक्र पर स्विच करने से ये देरी काफी कम हो जाएगी. ऋणदाताओं के पास अब अधिक सटीक और समय पर डेटा तक पहुंच होगी.”
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