“घी खाने से होता है तेज दिमाग और मजबूत शरीर” ऐसे विज्ञापन को देखकर आपको घी खाने का मन करता ही होगा लेकिन क्या आपको पता है कि इसमें कई बार मिलावट का भंडाफोड़ भी हुआ है ? अब यह भी कई लोग सोचते हैं कि बड़े ब्रांड वाले घी शुद्ध ही होते हैं खासकर बाबा रामदेव की पतंजलि का घी लेकिन इन सारे दावों और डिंग हांकने वालों की पोल उत्तरप्रदेश पुलिस ने खोल दी है। 18 बड़े ब्रांड के कारखानों पर छापेमारी की गई है जिसमें यूरिया जैसे नुकसानदायक केमिकल की मिलावट इन घी में पाई गई है। हालांकि अभी तक यह पुलिस के आरोप हैं और कई तथ्यों की जांच होनी शेष है।
उत्तर प्रदेश के आगरा में नकली घी बनाने वाली तीन फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ हुआ है। पतंजलि, अमूल और पारस जैसे 18 बड़े ब्रांड के नाम पर नकली घी तैयार कर इसे उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में सप्लाई किया जा रहा था। नकली घी बनाने में यूरिया, पाम आयल और अन्य खतरनाक केमिकल्स का इस्तेमाल हो रहा था।
पुलिस ने 2 जनवरी को थाना ताजगंज क्षेत्र में तीन अवैध फैक्ट्रियों पर छापा मारा। ये फैक्ट्रियां “श्याम एग्रो” के नाम से पंजीकृत थीं और इनके मालिक ग्वालियर के नीरज अग्रवाल बताए गए हैं। पहली फैक्ट्री में नकली घी बनाया जाता था, दूसरी में रॉ मटेरियल रखा जाता था, और तीसरी फैक्ट्री में तैयार घी का स्टॉक रखा जाता था।
छापेमारी में लगभग 2500 किलो रॉ मटेरियल, नकली घी, 18 बड़े ब्रांड के स्टिकर, और पैकेजिंग मटेरियल जब्त किए गए। पुलिस ने फैक्ट्री में काम कर रहे चार मजदूरों और एक मैनेजर को हिरासत में लिया। पूछताछ में पता चला कि तैयार नकली घी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड जैसे राज्यों में भेजा जा रहा था।
डीसीपी नगर सूरज कुमार राय ने बताया कि गुरुवार को 50 टिन नकली घी एक ट्रक के जरिए मेरठ भेजा गया था। पुलिस ट्रक का पता लगाने में जुटी है। नकली घी की गुणवत्ता जांच के लिए सैंपल खाद्य विभाग को भेजे गए हैं।
मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और नकली उत्पादों की सप्लाई चेन का पूरा खुलासा किया जाएगा। नकली घी की अनुमानित कीमत का आकलन किया जा रहा है।