नए साल के साथ ही महाराष्ट्र की सियासत में एक चाचा और भतीजे के एक होने की अटकले शुरू हो गई है. डिप्टी CM अजित पवार और राज्यसभा सांसद शरद पवार के फिर से साथ होने के कयासों को अजित पवार की मां के दावे ने जोर दे दिया है. आशा पवार ने परिवार और NCP को लेकर भी अपनी राय रखी. उन्होंने शरद पवार और अजित पवार के फिर से साथ आने की कामना करते हुए कहा कि मैंने भगवान विट्ठल से यही प्रार्थना की है.
महाराष्ट्र की सियासत में दबादबा रखने वाला पवार परिवार दो गुटो में बट चुका है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 से करीब डेढ़ साल पहले शरद पवार की बनाई पार्टी एनसीपी से बगावत कर पार्टी को तोड़ दिया. कभी हमसाया रहे चाचा-भतीजे पहले हालिया लोकसभा चुनाव और फिर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे को चुनौती देते नजर आए. लोकसभा चुनाव में नतीजे शरद पवार के पक्ष में गए तो विधानसभा चुनाव में अजित ने चाचा की पार्टी को पटखनी दे दी. दो चुनावी फाइट के बाद अब नए वर्ष में चाचा-भतीजे की पार्टियों को लेकर नई चर्चा छिड़ गई है. फिर एक बार दोनों की एक होने की चर्चा महाराष्ट्र में शुरू हो गई है.
दरअसल, महाराष्ट्र सरकार के डिप्टी सीएम अजित की मां आशा पवार ने नववर्ष की बधाई देते हुए कहा है कि नया साल सभी के लिए अच्छा हो. उन्होंने ये भी कहा है कि सभी पारिवारिक विवाद खत्म हो जाएं और दादा (अजित पवार) के पीछे लगी हर आपदा खत्म हो जाए. आशा पवार ने परिवार और पार्टी को लेकर भी अपनी राय रखी. उन्होंने शरद पवार और अजित पवार के फिर से साथ आने की कामना करते हुए कहा कि मैंने भगवान विट्ठल से यही प्रार्थना की है.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र की सत्ता में काबिज महायुति में एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ भारतीय जनता पार्टी के साथ अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी (एपी) गठबंधन में शामिल है. शरद पवार ने अपनी ही बनाई पार्टी पर कब्जे की जंग में अजित से पिछड़ने के बाद एनसीपी (एसपी) नाम से नई पार्टी बना ली थी.
विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी में शरद पवार की पार्टी कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) में शामिल है. अजित पवार और शरद पवार की पार्टियां महाराष्ट्र की सियासत के दो ध्रुव माने जाने वाले गठबंधनों में शामिल हैं. अजित पवार की मां के बयान के बाद अब फिर चाचा-भतीजे के एक होने के कयासों का दौर शुरू हो गया है.