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‘सरकार से नहीं करेंगे कोई बात…,’ सुप्रीम कोर्ट की गठित हाईलेवल कमेटी से बात करने से किसानों ने किया इंकार

मांगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गठित कमेटी के साथ बात करने से किसानों ने इंकार कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हम सरकार से अब कोई बातचीत या समझौता नहीं करेंगे। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के आंदोलन के कारण पंजाब के शंभू और खनौरी सीमा पर मोर्चाबंदी के संदर्भ में हाईलेवल कमेटी का गठन किया था। एसकेएम उस आंदोलन का हिस्सा नहीं है।

इधर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने एसकेएम (SKM) को किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 3 जनवरी को बैठक में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। कमेटी ने कहा कि आप अपनी मांगों के लेकर हमसे बात करने के लिए पहुंचे।

शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान संगठनों ने पहले ही कमेटी से बात करने से मना कर दिया था। एसकेएम के मुताबिक मोर्चा न्यायालय के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता है क्योंकि किसान केंद्र सरकार के साथ नीतिगत मुद्दों पर लड़ रहे हैं, जहां न्यायालय की कोई भूमिका नहीं है।

26 नवंबर से हैं आमरण अनशन पर

फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाने के लिए डल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं। सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली कूच से रोके जाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।

4 जनवरी को बुलाई किसानों की महापंचायत 

इधर किसानों ने खनौरी बॉर्डर पर 4 जनवरी को महापंचायत बुलाई है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि वो जरूरी संदेश किसानों को देना चाहते हैं. ये महापंचायत सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक होगी. कहा जा रहा है कि इसमें पंजाब, हरियाणा के अलावा देश के अन्य राज्यों से भी किसाने पहुंच रहे हैं।

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मांगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गठित कमेटी के साथ बात करने से किसानों ने इंकार कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हम सरकार से अब कोई बातचीत या समझौता नहीं करेंगे। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के आंदोलन के कारण पंजाब के शंभू और खनौरी सीमा पर मोर्चाबंदी के संदर्भ में हाईलेवल कमेटी का गठन किया था। एसकेएम उस आंदोलन का हिस्सा नहीं है।

इधर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने एसकेएम (SKM) को किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 3 जनवरी को बैठक में शामिल होने का निमंत्रण दिया है। कमेटी ने कहा कि आप अपनी मांगों के लेकर हमसे बात करने के लिए पहुंचे। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान संगठनों ने पहले ही कमेटी से बात करने से मना कर दिया था। एसकेएम के मुताबिक मोर्चा न्यायालय के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता है क्योंकि किसान केंद्र सरकार के साथ नीतिगत मुद्दों पर लड़ रहे हैं, जहां न्यायालय की कोई भूमिका नहीं है। 26 नवंबर से हैं आमरण अनशन पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाने के लिए डल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं। सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली कूच से रोके जाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। 4 जनवरी को बुलाई किसानों की महापंचायत  इधर किसानों ने खनौरी बॉर्डर पर 4 जनवरी को महापंचायत बुलाई है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि वो जरूरी संदेश किसानों को देना चाहते हैं. ये महापंचायत सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक होगी. कहा जा रहा है कि इसमें पंजाब, हरियाणा के अलावा देश के अन्य राज्यों से भी किसाने पहुंच रहे हैं।
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