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केबिनेट में लंबित कष्टम मिलिंग प्रोत्साहन राशि भुगतान का निर्णय, मिलर्स ने फोड़े पटाखे, बांटी मिठाईयाॅ, सीएम और केबिनेट मंत्रियों का जताया आभार

जांजगीर चांपा,

साल 2024 का अंतिम केबिनेट मिटिंग राईस मिलर्स के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया। 4 सालों से लंबित कस्टम मिलिंग प्रोत्साहन राशि, परिवहन व्यय एवं एसएलसी के भुगतान का निर्णय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं छग केबिनेट द्वारा लिया गया। जो कि आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे मिलर्स के लिए किसी संजीवनी से कम नही। इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए जांजगीर-चांपा जिले के मिलर्स ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, खाद्यमंत्री दयालदास बघेल, वित्तमंत्री ओ पी चौधरी, स्वास्थ मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, भूपेंद्र सवन्नी, सौरभ सिंग, राम गर्ग व जांजगीर जिले से समन्वय समिति सदस्य अमर सुल्तानिया के प्रति आभार जताते हुए जांजगीर के नेताजी चौक में आतिशबाजी की और मिठाईयां बांटकर खुशी का इजहार करते हुए केबिनेट के निर्णय का स्वागत किया।

बता दे कि छग केबिनेट द्वारा साल के अंतिम बैठक में मिलर्स के लंबित वर्ष 2022-23, 2023-24 के कस्टम मिलिंग की प्रोत्साहन राशि, परिवहन व्यय एवं एसएलसी का भुगतान का निर्णय लिया जो कि मिलर्स के लिए संजीवनी के समाना हैं।

केबिनेट के निर्णय के बाद उत्सव मनाने जुटे मिलर्स को संबोधित करते हुए समन्वय समिति के सदस्य अमर सुल्तानिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार व्यापारी हित एवं किसान हित की सरकार है। सरकार की कथनी एवं करनी में फर्क नही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राईस मिलर्स के हित में जितनी घोषणाएं की उन सब पर अमल भी किया है जिसका लाभ मिलर्स को मिलने लगा है। उन्होने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ को धान कटोरा कहा जाता है, जिसमें जांजगीर-चांपा जिले की पहचान कृषि प्रधान जिले के रूप में है। यहां किसान भाईयों के द्वारा 95 प्रतिशत भूमि पर धान की खेती की जाती है। अमर सुल्तानिया ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के मिलर्स को मिली उनकी बकाया राशि से धान की कष्टम मिलिंग में तेजी आयेगी, सोसायटी से धान का उठाव प्रारंभ हो जायेगा। जिससे किसान भाईयों को धान बेचने में सहुलियत मिलेगी। पूरे प्रदेश में जांजगीर-चांपा जिले के मिलर्स सरकार के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चल रहे है। प्रदेश में सबसे ज्यादा डिओ जांजगीर-चांपा जिले के मिलर्स भाईयों द्वारा कटवाया गया। सरकार ने बहुत से पेनाल्टी को हटा दिया है, मिलर्स की सभी मांगो को पूरा कर मिलर्स को प्रोत्साहित किया है जिसके लिए जांजगीर-चांपा जिले सहित प्रदेश भर के मिलर्स ने सरकार का आभार व्यक्त किया।

केबिनेट के निर्णय के पश्चात मिलर्स समन्वय समिति के सदस्य अमर सुल्तानिया के नेतृत्व में चांवल उद्योग संघ एवं मिलर्स जुगल लिखमानिया, रतन अग्रवाल, सचिन बगड़िया, राकेश पालीवाल, बाकेबिहारी, विमल पालीवाल, प्रिंश, रामशंकर साहू, राघवेन्द्र साहू, अंकित मोदी, संजय भोपालपुरिया, अंकित झाझड़िया, विष्णु जगनी, पंकज भोपालपुरिया, सुनील खंडेलिया, अशिमपाल, सौरभ डिडवानिया, अमित पालीवाल, मनोज सावित्री मिल, अफरीद मिल के राठौर जी सहित बड़ी संख्या में मिलरों द्वारा नेता जी चौक जांजगीर में आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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जांजगीर चांपा, साल 2024 का अंतिम केबिनेट मिटिंग राईस मिलर्स के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया। 4 सालों से लंबित कस्टम मिलिंग प्रोत्साहन राशि, परिवहन व्यय एवं एसएलसी के भुगतान का निर्णय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं छग केबिनेट द्वारा लिया गया। जो कि आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे मिलर्स के लिए किसी संजीवनी से कम नही। इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए जांजगीर-चांपा जिले के मिलर्स ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, खाद्यमंत्री दयालदास बघेल, वित्तमंत्री ओ पी चौधरी, स्वास्थ मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, भूपेंद्र सवन्नी, सौरभ सिंग, राम गर्ग व जांजगीर जिले से समन्वय समिति सदस्य अमर सुल्तानिया के प्रति आभार जताते हुए जांजगीर के नेताजी चौक में आतिशबाजी की और मिठाईयां बांटकर खुशी का इजहार करते हुए केबिनेट के निर्णय का स्वागत किया। बता दे कि छग केबिनेट द्वारा साल के अंतिम बैठक में मिलर्स के लंबित वर्ष 2022-23, 2023-24 के कस्टम मिलिंग की प्रोत्साहन राशि, परिवहन व्यय एवं एसएलसी का भुगतान का निर्णय लिया जो कि मिलर्स के लिए संजीवनी के समाना हैं। केबिनेट के निर्णय के बाद उत्सव मनाने जुटे मिलर्स को संबोधित करते हुए समन्वय समिति के सदस्य अमर सुल्तानिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार व्यापारी हित एवं किसान हित की सरकार है। सरकार की कथनी एवं करनी में फर्क नही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राईस मिलर्स के हित में जितनी घोषणाएं की उन सब पर अमल भी किया है जिसका लाभ मिलर्स को मिलने लगा है। उन्होने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ को धान कटोरा कहा जाता है, जिसमें जांजगीर-चांपा जिले की पहचान कृषि प्रधान जिले के रूप में है। यहां किसान भाईयों के द्वारा 95 प्रतिशत भूमि पर धान की खेती की जाती है। अमर सुल्तानिया ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के मिलर्स को मिली उनकी बकाया राशि से धान की कष्टम मिलिंग में तेजी आयेगी, सोसायटी से धान का उठाव प्रारंभ हो जायेगा। जिससे किसान भाईयों को धान बेचने में सहुलियत मिलेगी। पूरे प्रदेश में जांजगीर-चांपा जिले के मिलर्स सरकार के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चल रहे है। प्रदेश में सबसे ज्यादा डिओ जांजगीर-चांपा जिले के मिलर्स भाईयों द्वारा कटवाया गया। सरकार ने बहुत से पेनाल्टी को हटा दिया है, मिलर्स की सभी मांगो को पूरा कर मिलर्स को प्रोत्साहित किया है जिसके लिए जांजगीर-चांपा जिले सहित प्रदेश भर के मिलर्स ने सरकार का आभार व्यक्त किया। केबिनेट के निर्णय के पश्चात मिलर्स समन्वय समिति के सदस्य अमर सुल्तानिया के नेतृत्व में चांवल उद्योग संघ एवं मिलर्स जुगल लिखमानिया, रतन अग्रवाल, सचिन बगड़िया, राकेश पालीवाल, बाकेबिहारी, विमल पालीवाल, प्रिंश, रामशंकर साहू, राघवेन्द्र साहू, अंकित मोदी, संजय भोपालपुरिया, अंकित झाझड़िया, विष्णु जगनी, पंकज भोपालपुरिया, सुनील खंडेलिया, अशिमपाल, सौरभ डिडवानिया, अमित पालीवाल, मनोज सावित्री मिल, अफरीद मिल के राठौर जी सहित बड़ी संख्या में मिलरों द्वारा नेता जी चौक जांजगीर में आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
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