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“दाल में बहुत कुछ काला है…” ED की पूछताछ में नहीं पहुंचे पूर्व मंत्री लखमा, भाजपा ने पोस्टर जारी कर किया प्रहार

रायपुर,

छत्तीसगढ़ के कथित 2000 करोड़ के शराब घोटाले की आग नए सरकार के कार्यकाल का 1 साल पूरा होने पर भी नहीं बुझी है. बीते दिनों पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के घर में ईडी की दबीश से राज्य की राजनीति में उबाल आ गया है. अब पूछताछ के लिए कांग्रेस नेता कवासी लखमा के ईडी दफ्तर नहीं पहुंचने पर भाजपा ने सोशल मीडिया पर पोस्टर जारी करते हुए प्रहार किया है.

भाजपा ने पोस्टर किया जारी

सोशल मीडिया पर भाजपा ने एक पोस्ट जारी किया है. इसमें शराब घोटाले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा नहीं पहुंचे पर कहा है कि भूपेश के कुशासन में हुए 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में ED के पूछताछ में बुलाए जाने पर पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा नहीं पहुंचे, उनका ED से बचना ये बताता है कि दाल में बहुत कुछ काला है. मामले में ईडी की पूछताछ में कवासी लखमा सहयोग नहीं कर रहे हैं और मलाई चाटकर खुद को अनपढ़ बता रहे हैं.

पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के धरमपुरा, रायपुर स्थित बंगले और बेटे हरीश कवासी के सुकमा स्थित घर पर ED ने छापेमारी की थी. यहां दस्तावेज खंगालने के बाद अफसर पूर्व मंत्री की कार को घर से बाहर निकालकर तलाशी ली थी. केवल कवासी लखमा और हरीश लखमा ही नहीं बल्कि कवासी के करीबी सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी स्थित निवास और सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर पर भी ED ने छापा मारा था. छापेमारी के बाद ईडी की टीम कवासी और उनके बेटे का मोबाइल अपने साथ ले गई थी. सूत्रों के हवाले से अब खबर है कि ईडी ने अपनी ECIR में दावा किया है कि इस घोटाले में बतौर कमीशन हर महीने 50 लाख रुपए पूर्व मंत्री कवासी लखमा को भी मिलते थे.

रेड के बाद कवासी का बयान

पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने ईडी की कार्रवाई के बाद कहा था कि सुबह से रात तक ईडी की कार्रवाई चलती रही. एक भी कागज निवास से नहीं मिला. अधिकारियों ने मेरे अनपढ़ होने का फायदा उठाया. अधिकारियों ने जो कागज लाए उसमें दस्तखत करता रहा. अधिकारी ही कागज को पढ़ते लिखते थे, पूरे मामले में अधिकारियों ने गड़बड़ी की है. ईडी का छापा राजनीति से प्रेरित है. कांग्रेस ने विधानसभा में बहुत से मुद्दे उठाए, विधानसभा में जब बड़ा घोटाला को उजागर हुआ, सरकार ने आनन-फानन में दबाव बनाया. भाजपा चुनाव को देखते हुए बदनाम कर राजनीति करने का काम कर रही है.

उन्होंने कहा था कि एपी त्रिपाठी जैसे अधिकारियों ने मुझको अंधेरे में रखा. मुझे इस घोटाले के बारे में कोई जानकारी नहीं है. मुझसे संपत्ति की जानकारी मांगी है, मैंने समय मांगा है पूरी जानकारी दूंगा. हालांकि अब पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर नहीं पहुंचने पर भाजपा ने चोर की दाड़ी में तिनका करार दिया है.

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रायपुर, छत्तीसगढ़ के कथित 2000 करोड़ के शराब घोटाले की आग नए सरकार के कार्यकाल का 1 साल पूरा होने पर भी नहीं बुझी है. बीते दिनों पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के घर में ईडी की दबीश से राज्य की राजनीति में उबाल आ गया है. अब पूछताछ के लिए कांग्रेस नेता कवासी लखमा के ईडी दफ्तर नहीं पहुंचने पर भाजपा ने सोशल मीडिया पर पोस्टर जारी करते हुए प्रहार किया है.

भाजपा ने पोस्टर किया जारी

सोशल मीडिया पर भाजपा ने एक पोस्ट जारी किया है. इसमें शराब घोटाले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा नहीं पहुंचे पर कहा है कि भूपेश के कुशासन में हुए 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में ED के पूछताछ में बुलाए जाने पर पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा नहीं पहुंचे, उनका ED से बचना ये बताता है कि दाल में बहुत कुछ काला है. मामले में ईडी की पूछताछ में कवासी लखमा सहयोग नहीं कर रहे हैं और मलाई चाटकर खुद को अनपढ़ बता रहे हैं. पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के धरमपुरा, रायपुर स्थित बंगले और बेटे हरीश कवासी के सुकमा स्थित घर पर ED ने छापेमारी की थी. यहां दस्तावेज खंगालने के बाद अफसर पूर्व मंत्री की कार को घर से बाहर निकालकर तलाशी ली थी. केवल कवासी लखमा और हरीश लखमा ही नहीं बल्कि कवासी के करीबी सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी स्थित निवास और सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर पर भी ED ने छापा मारा था. छापेमारी के बाद ईडी की टीम कवासी और उनके बेटे का मोबाइल अपने साथ ले गई थी. सूत्रों के हवाले से अब खबर है कि ईडी ने अपनी ECIR में दावा किया है कि इस घोटाले में बतौर कमीशन हर महीने 50 लाख रुपए पूर्व मंत्री कवासी लखमा को भी मिलते थे.

रेड के बाद कवासी का बयान

पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने ईडी की कार्रवाई के बाद कहा था कि सुबह से रात तक ईडी की कार्रवाई चलती रही. एक भी कागज निवास से नहीं मिला. अधिकारियों ने मेरे अनपढ़ होने का फायदा उठाया. अधिकारियों ने जो कागज लाए उसमें दस्तखत करता रहा. अधिकारी ही कागज को पढ़ते लिखते थे, पूरे मामले में अधिकारियों ने गड़बड़ी की है. ईडी का छापा राजनीति से प्रेरित है. कांग्रेस ने विधानसभा में बहुत से मुद्दे उठाए, विधानसभा में जब बड़ा घोटाला को उजागर हुआ, सरकार ने आनन-फानन में दबाव बनाया. भाजपा चुनाव को देखते हुए बदनाम कर राजनीति करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा था कि एपी त्रिपाठी जैसे अधिकारियों ने मुझको अंधेरे में रखा. मुझे इस घोटाले के बारे में कोई जानकारी नहीं है. मुझसे संपत्ति की जानकारी मांगी है, मैंने समय मांगा है पूरी जानकारी दूंगा. हालांकि अब पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर नहीं पहुंचने पर भाजपा ने चोर की दाड़ी में तिनका करार दिया है.
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