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मयाली नेचर कैम्प में मजदूरों ने किया हंगामा, नेचर कैम्प के गेट पर धरने पर बैठ गए मजदूर, मौके पर पहुँची पुलिस ,पढिये पूरी खबर

जशपुर,

जशपुर के मयाली नेचर कैम्प में काम करने वाले मजदूर मंगलवार की सुबह सुबह नेचर कैम्प के गेट के सामने धरने पर बैठ गए। मजदूरों ने नेचर कैम्प में 8 दिनों तक काम किया लेकिन महीनों हो गए उन्हें मजदूरी के नाम पर फूटी कौड़ी नहीं मिली। 

जानकारी के मुताबिक मजदूरों ने पहले से ही मजदूरी रकम के लिए कुनकुरी वन परिक्षेत्र के रेंजर को आवेदन दिया हुआ है लेकिन आवेदन पर जब कोई कार्रवाई नहीं हुई और बुधवार को नया साल है ऐसे में उन्होंने आंदोलन का रास्ता अख्तेयार करते हुए मजदूर धरने पर बैठ गए।

मजदूरो के धरने पर बैठने की खबर जब कुनकुरी थाने की पुलिस को लगी तो कुनकुरी थाना प्रभारी सुनील सिंह मौके पर पहुँच गए और मामले को शांत कराया।

थाना प्रभारी सुनील सिंह ने बताया कि कूल 10-11 मजदूर है जिनकी मजदूरी की राशि करीब 86 हजार बकाया है। उसी बकाया मजदूरी के लिए मजदूर गेट पर बैठ गए थे। बाद में वन विभाग के अधिकारियों से बात करके मजदूरो का थोड़ा बहुत मजदूरी भुगतान करा दिया गया है। फिलहाल 30 हजार रुपये दिलवाया गया है बाकी रकम बाद में देने की बात कहीं गयी है।

वन परिक्षेत्र कुनकुरी के रेंजर सुरेंद्र होता ने मजदूरों के मजदूरी भुगतान नेचर कैम्प में कार्य कर रही समिति को करना  होता है। नेचर कैंप से होने वाली कमाई चूंकि समिति के पाश रहती है इसलिए मजदूरी भुगतान का जिम्मा भी समिति की ही है।

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जशपुर, जशपुर के मयाली नेचर कैम्प में काम करने वाले मजदूर मंगलवार की सुबह सुबह नेचर कैम्प के गेट के सामने धरने पर बैठ गए। मजदूरों ने नेचर कैम्प में 8 दिनों तक काम किया लेकिन महीनों हो गए उन्हें मजदूरी के नाम पर फूटी कौड़ी नहीं मिली।  जानकारी के मुताबिक मजदूरों ने पहले से ही मजदूरी रकम के लिए कुनकुरी वन परिक्षेत्र के रेंजर को आवेदन दिया हुआ है लेकिन आवेदन पर जब कोई कार्रवाई नहीं हुई और बुधवार को नया साल है ऐसे में उन्होंने आंदोलन का रास्ता अख्तेयार करते हुए मजदूर धरने पर बैठ गए। मजदूरो के धरने पर बैठने की खबर जब कुनकुरी थाने की पुलिस को लगी तो कुनकुरी थाना प्रभारी सुनील सिंह मौके पर पहुँच गए और मामले को शांत कराया। थाना प्रभारी सुनील सिंह ने बताया कि कूल 10-11 मजदूर है जिनकी मजदूरी की राशि करीब 86 हजार बकाया है। उसी बकाया मजदूरी के लिए मजदूर गेट पर बैठ गए थे। बाद में वन विभाग के अधिकारियों से बात करके मजदूरो का थोड़ा बहुत मजदूरी भुगतान करा दिया गया है। फिलहाल 30 हजार रुपये दिलवाया गया है बाकी रकम बाद में देने की बात कहीं गयी है। वन परिक्षेत्र कुनकुरी के रेंजर सुरेंद्र होता ने मजदूरों के मजदूरी भुगतान नेचर कैम्प में कार्य कर रही समिति को करना  होता है। नेचर कैंप से होने वाली कमाई चूंकि समिति के पाश रहती है इसलिए मजदूरी भुगतान का जिम्मा भी समिति की ही है।
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