छत्तीसगढअकलतराजशपुर के जादूई जिला अस्पताल ने 12 घण्टे के भीतर कर दिखाया...

जशपुर के जादूई जिला अस्पताल ने 12 घण्टे के भीतर कर दिखाया बड़ा कारनामा ! “विज्ञान” भी हुआ फेल, पढिये चौंकाने वाली एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

जशपुर,

जिला अस्पताल जशपुर के अनोखे कारनामो की श्रृंखला में आज एक और कड़ी जुड़ गई। जिला अस्पताल के होनहार कर्मचारियों ने एक सख्श का ब्लड ग्रुप 12 घण्टे के भीतर ही बदल दिया। 12 घण्टों के भीतर ब्लड ग्रुप चेंज करने का तिलस्मी कारनामा जिला अस्पताल के “हमर लैब” ने कर दिखाया है।

हाथ लगे लैब रिपोर्ट के मुताबिक 27 दिसम्बर को किसी सुखदेवराम नाम के व्यक्ति के ब्लड ग्रुप का रिपोर्ट ए पॉजिटिव बताया गया है जबकि अगले दिन याने 28 दिसम्बर को जब दुबारा उसका ब्लड ग्रुप टेस्ट किया गया तो उसी सुखदेव राम का ब्लड ग्रुप बदलकर ए निगेटिव हो जाता है।

जिला अस्पताल के इसी हमर लैब मे लैब रिपोर्ट में भारी गड़बड़ी के चलते फरसाबहार ब्लॉक के केरसई टोंगरी टोली निवासी 60 वर्षीय हरदयाल राम की मौत हो गई है। हरदयाल राम के लैब रिपोर्ट गलत होने के कारण जिला अस्पताल के सिविल सर्जन के द्वारा लैब प्रभारी को विधिवत सरकारी नोटिस जारी किया गया लेकिन नोटिस का जवाब मिलते मिलते हरदयाल की मौत हो जाती है। मीडिया में मामला उजागर होने के बाद इस मामले में क्या कार्रवाई हुई इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं है।

इसी तरह कांसाबेल ब्लॉक के टाँगर गाँव निवासी किसी महेश यादव जो कि पीलिया से ग्रसित होकर जिलाअस्पताल ईलाज कराने आया था। 22 दिसम्बर की रात महेश के पीलिया का कैब परीक्षण किया गया तब पीलिया बिल्कुल नार्मल याने 1.93 बताया गया लेकिन महेश की जब हालत बिगड़ी और दुबारा उसका लैब परीक्षण कराया गया तो पीलिया का लेबल बहुत हाई याने 22.66 बताया गया।

अब सवाल यह उठता है कि मरीजों की जिंदगी और जान से खुल्लम खुल्ला खिलवाड़ किये जाने का दोषी कौन है? हमर लैब के कर्मचारी जितना दोषी है उससे ज्यादा दोषी स्वास्थ विभाग के अधिकारी हैं जो मरीजों की जान का तमाशा देख रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

जशपुर, जिला अस्पताल जशपुर के अनोखे कारनामो की श्रृंखला में आज एक और कड़ी जुड़ गई। जिला अस्पताल के होनहार कर्मचारियों ने एक सख्श का ब्लड ग्रुप 12 घण्टे के भीतर ही बदल दिया। 12 घण्टों के भीतर ब्लड ग्रुप चेंज करने का तिलस्मी कारनामा जिला अस्पताल के "हमर लैब" ने कर दिखाया है। हाथ लगे लैब रिपोर्ट के मुताबिक 27 दिसम्बर को किसी सुखदेवराम नाम के व्यक्ति के ब्लड ग्रुप का रिपोर्ट ए पॉजिटिव बताया गया है जबकि अगले दिन याने 28 दिसम्बर को जब दुबारा उसका ब्लड ग्रुप टेस्ट किया गया तो उसी सुखदेव राम का ब्लड ग्रुप बदलकर ए निगेटिव हो जाता है। जिला अस्पताल के इसी हमर लैब मे लैब रिपोर्ट में भारी गड़बड़ी के चलते फरसाबहार ब्लॉक के केरसई टोंगरी टोली निवासी 60 वर्षीय हरदयाल राम की मौत हो गई है। हरदयाल राम के लैब रिपोर्ट गलत होने के कारण जिला अस्पताल के सिविल सर्जन के द्वारा लैब प्रभारी को विधिवत सरकारी नोटिस जारी किया गया लेकिन नोटिस का जवाब मिलते मिलते हरदयाल की मौत हो जाती है। मीडिया में मामला उजागर होने के बाद इस मामले में क्या कार्रवाई हुई इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं है। इसी तरह कांसाबेल ब्लॉक के टाँगर गाँव निवासी किसी महेश यादव जो कि पीलिया से ग्रसित होकर जिलाअस्पताल ईलाज कराने आया था। 22 दिसम्बर की रात महेश के पीलिया का कैब परीक्षण किया गया तब पीलिया बिल्कुल नार्मल याने 1.93 बताया गया लेकिन महेश की जब हालत बिगड़ी और दुबारा उसका लैब परीक्षण कराया गया तो पीलिया का लेबल बहुत हाई याने 22.66 बताया गया। अब सवाल यह उठता है कि मरीजों की जिंदगी और जान से खुल्लम खुल्ला खिलवाड़ किये जाने का दोषी कौन है? हमर लैब के कर्मचारी जितना दोषी है उससे ज्यादा दोषी स्वास्थ विभाग के अधिकारी हैं जो मरीजों की जान का तमाशा देख रहे हैं।
error: Content is protected !!