26/11 अटैक (मुंबई हमले) का गुनहगार और भारत का वॉन्टेड लश्कर आतंकी अब्दुल रहमान मक्की की मौत हो गई है। मक्की की पाकिस्तान के लाहौर में हार्ट अटैक से मौत हुई है। वह वर्तमान में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ था। अब्दुल रहमान मक्की, आतंकी हाफिज सईद का रिश्तेदार है।
मअब्दुल रहमान मक्की पिछले कुछ दिनों से बीमार था। हाई शुगर की वजह से लाहौर के एक प्राइवेट अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। आतंकी मक्की के पारिवारिक सूत्रों ने बताया है कि शुक्रवार की शाम मुरीदके के तैय्यबा मरकज़ में जनाजे की नमाज पढ़ी जाएगी, जिसके बाद उसे दफन कर दिया जाएगा।
जमात-उद-दावा (JUD) के अनुसार, अब्दुल रहमान मक्की पिछले कुछ दिनों से बीमार था और लाहौर के एक निजी अस्पताल में हाई डायबिटीज़ के बाद उनका इलाज चल रहा था। JUD के एक अधिकारी ने PTI को बताया कि, ‘मक्की को आज सुबह दिल का दौरा पड़ा और अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
2023 में संयुक्त राष्ट्र ने उसे ग्लोबल आतंकी घोषित किया था
अब्दुल मक्की आतंकी संगठन जमात-उद-दावा का डिप्टी चीफ भी था। उसे 2020 में आतंकी फंडिग के लिए एक अदालत ने 6 महीने की सजा भी सुनाई थी। सजा के बाद उसने खुद को लो प्रोफाइल कर लिया था। 2023 में संयुक्त राष्ट्र ने उसे ग्लोबल आतंकी घोषित किया था।
टेरर फंडिंग केस में मिली थी 6 महीने की सज़ा
JUD प्रमुख हाफिज सईद के बहनोई मक्की को पाकिस्तान की एक आतंक विरोधी अदालत ने साल 2020 में टेरर फंडिंग के मामले में 6 महीने की जेल की सजा सुनाई थी। जानकारी के अनुसार टेरर फंडिंग केस में सजा सुनाए जाने के बाद से मक्की ने अपनी गतिविधियां कम कर दी थी। पाकिस्तान मुताहिदा मुस्लिम लीग (PMML) ने एक बयान में कहा कि मक्की पाकिस्तानी विचारधारा का समर्थक था।
अमेरिका ने रखा था 2 मिलियन डॉलर का इनाम
मक्की को अंतरराष्ट्रीय दवाब के बाद 2019 में पाकिस्तानी पुलिस ने टेरर फंडिंक के आरोप में गिरफ्तार किया था। अप्रैल 2021 में उसे 9 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि सबूतों की कमी का हवाला देकर लाहौर हाईकोर्ट ने कुछ महीने बाद उसे रिहा कर दिया था। अमेरिका ने रिवॉर्ड फॉर जस्टिस प्रोग्राम के तहत मक्की पर 2 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था और उसे सजा दिलाने के लिए लोगों से उसकी जानकारी मांगी थी।