दिल्ली में बुजुर्गों की आबादी और जनसंख्या में अनुपात लगातार बढ़ रहा है। 2001 में 8.6 फीसद बुजुर्ग थे जो 2021 में 10.1 फीसद हो चुके हैं। 2021 में बुजुर्गों की संख्या दिल्ली में 21 लाख थी जो अब माना जा रहा है कि 26 लाख से ज्यादा हो चुकी है। ऐसे में बुजुर्गों को क्वालिटी लाइफ कैसे मुहैया करायी जाए, यह आप सरकार के लिए चुनौती है। मगर, संवेदनशील सरकार हमेशा लाभ-हानि से ऊपर उठकर फैसला करती है। दिल्ली के पास अरविंद केजरीवाल जैसे ‘रेवड़ी मैन’ हैं जिनकी नकल देश भर में राजनीतिज्ञ करने लगे हैं।
अरविंद केजरीवाल खुद को दिल्ली का बेटा, भाई बताते हैं। हाल में बुजुर्गों के लिए पूर्व सीएम और आप संयोजक केजरीवाल ने कई घोषणाएं कर इसी भावना को सामने रखा है। हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने वृद्धावस्था पेंशन योजना की नयी कैटेगरी शुरू की है, जिसके तहत 80 हजार और बुजुर्गों को फायदा होगा। अब तक 4.50 लाख बुजुर्ग पेंशन पाते रहे हैं, 80 हजार और बुजुर्गों के नाम जुड़ जाने के बाद ये संख्या बढ़कर 5.30 लाख हो जाएगी। नई कैटेगरी में शामिल ये बुजुर्ग आर्थिक रूप से भी कमजोर हैं। एक लाख से कम की सालाना इनकम है और इन पर आश्रित लोगों को मिलाकर भी ये इनकम एक लाख से अधिक नहीं है। जो एससी, एसटी या अल्पसंख्यक वर्ग से बुजुर्ग आते हैं उनके लिए पेंशन की राशि थोड़ी बेहतर है।
पेंशन से बुजुर्गों को 30 हजार रुपये महीने तक का फायदा
बुजुर्गों को पेंशन की नयी स्कीम लागू हो जाने के बाद अब वृद्धावस्था पेंशन हर उस व्यक्ति को मिलेगा जिसकी उम्र 60 से ज्यादा है। 60 से 69 की उम्र वाले बुजुर्गों को 2 हजार रुपये प्रतिमाह मिल रहे हैं। इसी उम्र के दायरे में एससी, एसटी और अल्पसंख्यक वर्ग के बुजुर्गों को अतिरिक्त 500 रुपये यानी कुल 2500 रुपये हर महीने मिला करेंगे। 70 या इससे अधिक आयु वाले बुजुर्गों को 2500 रुपये महीने मिल रहे हैं। वृद्धावस्था पेंशन के लिए परिवार की आमदनी सभी स्रोतों से एक लाख रुपये से कम होना चाहिए। यहां परिवार का मतलब पति-पत्नी है और उन पर निर्भर व्यक्ति भी। बैंक से जुड़े आधार कार्ड और कम से कम पांच साल से दिल्ली में रहने की अनिवार्यता है।
80 हजार वृद्धों को कुछ इस तरह से होगा फायदा
उम्र सीमा रकम प्रतिमाह अतिरिक्त रकम/माह कुल रकम/माह कुल रकम/वर्ष
60-69 वर्ष 2,000 रु 2,000 रु 24,000 रु
SC-ST वर्ग 2,000 रु 500 रु 2,500 रु 30,000 रु
70+ उम्र 2,500 रु 2,500 रु 30,000 रु
स्पष्ट है कि अगले दस साल में 2 लाख 40 हजार रुपये 60 वर्ष के बुजुर्गों को नकद प्राप्त होगा। इस बीच जो 70 वर्ष की कैटेगरी में आते जाएंगे उनके लिए यह आमदनी 30 हजार रुपये सालाना की दर से अगले दस साल में 3 लाख की हो जाएगी। एससी-एसटी और अल्पसंख्यक वर्ग के बुजुर्गों को आरंभ से ही 30 हजार रुपये सालाना की दर से अगले दस साल में 3 लाख रुपये की निश्चित आमदनी होगी।
बीवी-पोते-पोती को समोसे दे सकेंगे विश्वंभर दयाल
दिल्ली के कनाट प्लेस के पार्क में विश्वंभर दयाल मिले। सफेद हो चुकी दाढ़ी, झुकी हुई कमर, चेहरे पर झुर्रियां लिए खामोशी से धूप सेंक रहे थे। टोक कर पूछा तो बताया कि बेटा यहीं कनाट प्लेस में दुकान में काम करता है। उसके साथ आ जाया करते हैं अक्सर। पेंशन की बात पर चेहरे में चमक लौटी। बताया कि ये दो हजार रुपये की बड़ी अहमियत है। चाह कर भी पोते-पोतियों को कुछ दे नहीं पाता था। अब ये हो सकेगा। बूढ़ी के हाथ में भी कुछ पैसे होंगे। समोसा-पकौड़ी कभी-कभी लाकर दे सकूंगा। क्या आपके बच्चे ये जरूरत पूरी नहीं करते? इस सवाल के जवाब में विश्वंभर बोले- करते हैं। मगर, मैं वापस से उस दौर में लौटूंगा जब बीवी-पोते-पोती के लिए कुछ दे सकूंगा।
नकद की अहमियत कोई विश्वंभर दयाल की दयालु भावना को समझते हुए समझे। ऐसी न जाने कितनी हसरतें होती हैं जो हम आप समझ नहीं पाते। बुजुर्गों का दर्द समझने के लिए आपके पास समय भी होना चाहिए और दूरदर्शिता के साथ भावनाएं भी।
ओल्ड एज होम में निराश्रित बुजुर्गों की मदद
दिल्ली में ऐसे कई बदनसीब बुजुर्ग हैं जिन्हें उनकी अपनी संतानों ने अपनों से अलग कर दिया है। बीमार होने पर जिनका इलाज नहीं कराते हैं औलादें। निराश्रित और बेघर ऐसे बुजुर्गों के लिए दिल्ली में पांच ओल्ड एज होम सेंटर हैं। इनके नाम और ठिकाने बताएं तो ये हैं – बिन्दापुर के पॉकेट 4 में होम फॉर एज्ड एंड इनफर्म्ड पर्सन्स, वजीरपुर के अशोक विहार में ज्योतिबा फुले ओल्ड एज होम फॉर सीनियर सिटिजन, कांतिनगर के शांति मोहल्ला में डॉ बीआर अंबेडकर सीनियर सिटिजन होम, ताहिरपुर के लेप्रोसी कॉम्पलेक्स में ओल्ड एज होम एट ताहिरपुर लेप्रोसी कॉम्पलेक्स और पश्चिम विहार में सावित्रीबाई फुले सीनियर सिटिजन होम।
पश्चिम विहार के सावित्रीबाई फुले सीनियर सिटिजन होम से पहले दिल्ली में चार वृद्धाश्रम थे जहां 505 बुजुर्ग आश्रय लिए हुए थे। 14 दिसंबर 2021 को जारी पीआईबी की प्रेस रिलीज के अनुसार दिल्ली में सिर्फ तीन ओल्ड एज होम थे और केवल 100 बुजुर्ग वृद्धाश्रम में थे। अब पांच ओल्ड एज होम हो चुकी हैं और वृद्धांश्रम में शरण लेने वाले बुजुर्गों की संख्या भी पांच गुणी से ज्यादा हो गयी है। ओल्ड एज होम में बुजुर्गों की उचित देखभाल, मुफ्त आश्र्य, स्वास्थ्य की देखभाल और दूसरी तरह की सुविधाएं दी जाती हैं।
बुजुर्गों को सहूलियत देना जरूरी
दिल्ली सरकार बुजुर्गों के लिए संस्थान चलाने के लिए भी उचित प्रोत्साहन देती है। इंटीग्रेटेड प्रोग्राम फॉर ओल्डर पर्सन्स (IPOP) के तहत सीनियर सिटिजन्स होम, मोबाइल मेडीकेयर यूनिट और दूसरी सुविधाएं उपलबप्ध कराई जाती हैं। इसका मकसद ऐसी व्यवस्था का निर्माण करना है जो बुजुर्गों के लिए सेवा को तत्पर रहें। उन्हें अभाव की जिन्दगी से उबारा जा सके।
निराश्रित और वृद्ध व्यक्ति को वित्तीय सहायता भी दी जाती है। इसके लिए बुजुर्गों के पास इनकम सर्टिफिकेट, आधार नंबर होना चाहिए। दिल्ली में सार्वजनिक जगहों पर चाहे वो सरकारी अस्पताल हो, जनवितरण केंद्र हों या फिर रेलवे बुजुर्गों के लिए अगल काउंटर और कतार में लगने की व्यवस्था भी की जाती है ताकि उन्हें कोई दिक्कत ना हो। इसका मकसद बुजुर्गों की सुविधा का अधिक से अधिक ख्याल रखना है।
बुजुर्गों के लिए ‘संजीवनी’
अरविन्द केजरीवाल सरकार ने 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए संजीवनी योजना भी दिल्ली में शुरू की है। इसका फायदा ये होगा कि अब बिना किसी भेदभाव के सभी बुजुर्गों का अनलिमिटेड इलाज फ्री में हो सकेगा। न सिर्फ सरकारी अस्पताल में बल्कि निजी अस्पतालों में भी। और, ये बुजुर्ग स्वयं तय करेंगे कि कहां वो अपना इलाज कराना चाहते हैं।
बुजुर्गों के लिए इस स्कीम से मेडीक्लेम के लिए प्रीमियम की बचत होगी। इस बचत का ज्यादातर फायदा उनकी प्रीमियम का बोझ उठाने वाले बुजुर्गों या फिर उनके बच्चों को होगा। बहुत साधारण वर्ग से आने वाले बुजुर्ग के लिए भी अगर 10 लाख की बीमा कराया जाता है तो प्रीमियम आता है 2325 रुपये महीना। प्रीमियम की सालाना रकम होती है 27,901 रुपये। जाहिर है कि सिर्फ पेंशन और संजीवनी योजना से कम से कम एक बुजुर्ग को 24 हजार नकद और 27,901 रुपये की बचत यानी 51,901 रुपये का फायदा पक्का नज़र आता है।