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ASP के गनमैन के परिवार को गांव से बहिष्कृत कर किया हुक्का पानी बंद, जमीन विवाद पर गांव वालों के फैसले को मानने से किया था इनकार…

खैरागढ़,

जिले के सेम्हरा में एएसपी के गनमैन डोमन वर्मा और उसके परिवार को गांव वालों ने बहिष्कृत कर हुक्का पानी बंद कर दिया है. मामला जमीन विवाद से शुरू होकर बहिष्कार तक पहुंचा है. दरअसल, गनमैन डोमन वर्मा के पिता चंद्रेश वर्मा और पड़ोसियों के बीच जमीन को लेकर बीते अक्टूबर महीने में विवाद हुआ था.

मामले को सुलझाने के लिए गांव के बड़े-बुजुर्गों ने दोनों पक्षों से 15-15 हजार रुपए जमा कराए गए थे, लेकिन बाद में चंद्रेश वर्मा ने गांव के फैसले को मानने से इनकार कर दिया. जिसके बाद से गांव वालों ने डोमन वर्मा और उसके परिवार को बहिष्कार करने का फैसला कर दिया.

दुकानदार सामान देने से करते है मना 

गांव से बहिष्कृत डोमन वर्मा का परिवार सामाजिक और मानसिक प्रताड़ना झेल रहा है. उनकी पत्नी यमुना वर्मा ने बताया कि, “गांव वाले हमसे बात नहीं करते. तालाब पर नहाने जाते हैं, तो लोग मुंह फेर लेते हैं. गांव में भागवत हो रही है, लेकिन हमें बुलाया तक नहीं गया. जब दुकान पर सामान लेने जाते हैं, तो दुकानदार सामान देने से मना कर देता है. मेरे पति पुलिस में हैं, फिर भी उन्हें फंसाने की कोशिश हो रही है. गांव के लोग हम पर गंदे आरोप लगाते हैं. हम बहुत परेशान हैं और न्याय चाहते हैं.”

मामले पर सरपंच और SDOP ने ये कहा…

वहीं पूरे मामले में ग्राम पंचायत सेम्हरा की सरपंच लक्ष्मी बाई वर्मा ने कहा, “यह पंचायत का निर्णय नहीं है. यह दो पक्षों का आपसी विवाद है. गांव वाले नाराज हैं, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया है. पंचायत इसमें दोषी नहीं है.”

वहीं खैरागढ़ एसडीओपी लालचंद मोहले ने कहा, “हमें शिकायत मिली थी कि गांववालों ने एक परिवार को बहिष्कृत कर दिया है. जमीन विवाद के चलते यह मामला हुआ. दोनों पक्षों को समझौते के लिए बुलाया गया था, लेकिन अब फिर से ऐसा हुआ है. जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.”

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खैरागढ़, जिले के सेम्हरा में एएसपी के गनमैन डोमन वर्मा और उसके परिवार को गांव वालों ने बहिष्कृत कर हुक्का पानी बंद कर दिया है. मामला जमीन विवाद से शुरू होकर बहिष्कार तक पहुंचा है. दरअसल, गनमैन डोमन वर्मा के पिता चंद्रेश वर्मा और पड़ोसियों के बीच जमीन को लेकर बीते अक्टूबर महीने में विवाद हुआ था. मामले को सुलझाने के लिए गांव के बड़े-बुजुर्गों ने दोनों पक्षों से 15-15 हजार रुपए जमा कराए गए थे, लेकिन बाद में चंद्रेश वर्मा ने गांव के फैसले को मानने से इनकार कर दिया. जिसके बाद से गांव वालों ने डोमन वर्मा और उसके परिवार को बहिष्कार करने का फैसला कर दिया. दुकानदार सामान देने से करते है मना  गांव से बहिष्कृत डोमन वर्मा का परिवार सामाजिक और मानसिक प्रताड़ना झेल रहा है. उनकी पत्नी यमुना वर्मा ने बताया कि, “गांव वाले हमसे बात नहीं करते. तालाब पर नहाने जाते हैं, तो लोग मुंह फेर लेते हैं. गांव में भागवत हो रही है, लेकिन हमें बुलाया तक नहीं गया. जब दुकान पर सामान लेने जाते हैं, तो दुकानदार सामान देने से मना कर देता है. मेरे पति पुलिस में हैं, फिर भी उन्हें फंसाने की कोशिश हो रही है. गांव के लोग हम पर गंदे आरोप लगाते हैं. हम बहुत परेशान हैं और न्याय चाहते हैं.” मामले पर सरपंच और SDOP ने ये कहा… वहीं पूरे मामले में ग्राम पंचायत सेम्हरा की सरपंच लक्ष्मी बाई वर्मा ने कहा, “यह पंचायत का निर्णय नहीं है. यह दो पक्षों का आपसी विवाद है. गांव वाले नाराज हैं, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया है. पंचायत इसमें दोषी नहीं है.” वहीं खैरागढ़ एसडीओपी लालचंद मोहले ने कहा, “हमें शिकायत मिली थी कि गांववालों ने एक परिवार को बहिष्कृत कर दिया है. जमीन विवाद के चलते यह मामला हुआ. दोनों पक्षों को समझौते के लिए बुलाया गया था, लेकिन अब फिर से ऐसा हुआ है. जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.”
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