वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को राजस्थान के जैसलमेर में जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक हुई. इस बैठक में पॉपकॉर्न पर लागू जीएसटी को लेकर अहम स्पष्टीकरण जारी किया गया.
इसके तहत अब पॉपकॉर्न को विभिन्न श्रेणियों में बांटकर टैक्स के दायरे में लाया गया है. इसके अलावा फूड डिलीवरी एप पर जीएसटी समेत कई अन्य मुद्दों पर गहन मंथन हुआ है.
क्या है नया नियम ?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद बताया कि रेडी-टू-ईट पॉपकॉर्न पर 5 फीसदी जीएसटी लागू होगा, जबकि पैकेज्ड पॉपकॉर्न पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. वहीं, कैरामेलाइज्ड पॉपकॉर्न पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा.
Nirmala Sitharaman ने बताया कि पॉपकॉर्न के कैरामेलाइज्ड वेरिएंट (Caramel Popcorn) में चीनी मिलाए जाने की वजह से इसे अलग श्रेणी में रखा गया है. सभी स्टेट ने इस पर सहमति जताई है.
सभी राज्यों ने सहमति जताई
बैठक में पॉपकॉर्न पर कर लगाने के मुद्दे पर व्यापक चर्चा हुई. वित्त मंत्री ने कहा कि सभी राज्यों ने इस फैसले पर सहमति जताई है. पॉपकॉर्न जैसे खाद्य पदार्थों में चीनी मिलाने पर कर की दर बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है, जो आमतौर पर मिठाइयों और अन्य मीठे स्नैक्स पर लागू होती है.
ऑनलाइन डिलीवरी और ई-कॉमर्स पर चर्चा
इसके साथ ही बैठक में क्विक कॉमर्स, ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी ऐप पर जीएसटी को लेकर भी व्यापक चर्चा हुई. हालांकि, वित्त मंत्री ने कहा कि इस मामले में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है और सभी से अपील की है कि जब तक अंतिम फैसला नहीं हो जाता, तब तक इस विषय पर अटकलें न लगाएं.
Movie Theater पॉपकॉर्न पर इतना टैक्स
पॉपकॉर्न पहले से ही जीएसटी थियेटर में आप जो पॉपकॉर्न खाते हैं, उस पर सिर्फ 5 प्रतिशत टैक्स लगता है, क्योंकि यह खुले पैकेट में होता है और इस पर कोई ब्रांड नाम नहीं लिखा होता है.