छत्तीसगढअकलतराभाजपा नेता का भाई था इसलिए बन गया फर्जी पुलिस और करने...

भाजपा नेता का भाई था इसलिए बन गया फर्जी पुलिस और करने लगा वसूली, जब एक व्यवसाई ने पैसे देने से किया इनकार तो कर दी इतनी पिटाई कि व्यवसाई की मौत …….

सारंगढ़,

अब तक कहावत था कि सैयां भए कोतवाल तो डर काहे का, लेकिन इस जिले में कहावत यह चल निकली है कि भैया हैं नेता तो डर काहे का। नेतागिरी के नशे में एक भाजपा नेता के भाई फर्जी पुलिस वाला बनकर वसूली भी करने लग गया। जब एक व्यापारी ने उसे पैसे देने से मना किया तो उसकी इतनी पिटाई कर दी कि उसकी मौत हो गई। 

मामला छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ जिले का है। यहां के भाजपा नेता व बरमकेला मंडल के अध्यक्ष गोकुल विश्वकर्मा के भाई ने सत्ता का रंग चढ़ते ही वसूली के लिए योजना बनाने लग गया। इसी क्रम में वह पुलिस बनकर भी कई जगह व्यापारियों को हड़काकर वसूली करने लग गया। जो उसे पैसे नहीं देता उसके साथ ये बदतमीजी और मारपीट भी करता रहा लेकिन किसी ने शिकायत न की लेकिन जब गुरुवार की रात नरेश सारंगढ़ के मल्दा पहुंचा और किरण दुकान चलने वाले छविलाल पटेल पर अवैध शराब बेचने का आरोप लगाकर पैसे मांगने लगा।

इस पर ठाकुर राम ने कहा कि जब वह अवैध शराब बेचता ही नहीं तो किस बात का पैसा देगा ? इसी बीच बहस बढ़ गई और नौबत मारपीट की आ गई। इसके बाद छविलाल अचेत हो गया। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता उसकी मौत हो गई। इसके बाद मामला गर्म गया। पुलिस को खबर की गई फिर मौके पर तमाम पुलिस के अधिकारी पहुंच गए और कार्रवाई शुरू की गई। पुलिस ने फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

इस मामले में राजनीति भी अब तेज हो गई है। अवैध वसूली के आरोप और आरोपी का भाजपा नेता से संबंध की खबर के बाद सरकार को घेरने की कोशिशें तेज हो गई है। पंचायत और नगरीय निकायों के चुनाव होने वाले हैं ऐसे में कोई भी मामला चुनावी मुद्दा बन सकता है ।

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सारंगढ़, अब तक कहावत था कि सैयां भए कोतवाल तो डर काहे का, लेकिन इस जिले में कहावत यह चल निकली है कि भैया हैं नेता तो डर काहे का। नेतागिरी के नशे में एक भाजपा नेता के भाई फर्जी पुलिस वाला बनकर वसूली भी करने लग गया। जब एक व्यापारी ने उसे पैसे देने से मना किया तो उसकी इतनी पिटाई कर दी कि उसकी मौत हो गई।  मामला छत्तीसगढ़ के सारंगढ़ जिले का है। यहां के भाजपा नेता व बरमकेला मंडल के अध्यक्ष गोकुल विश्वकर्मा के भाई ने सत्ता का रंग चढ़ते ही वसूली के लिए योजना बनाने लग गया। इसी क्रम में वह पुलिस बनकर भी कई जगह व्यापारियों को हड़काकर वसूली करने लग गया। जो उसे पैसे नहीं देता उसके साथ ये बदतमीजी और मारपीट भी करता रहा लेकिन किसी ने शिकायत न की लेकिन जब गुरुवार की रात नरेश सारंगढ़ के मल्दा पहुंचा और किरण दुकान चलने वाले छविलाल पटेल पर अवैध शराब बेचने का आरोप लगाकर पैसे मांगने लगा। इस पर ठाकुर राम ने कहा कि जब वह अवैध शराब बेचता ही नहीं तो किस बात का पैसा देगा ? इसी बीच बहस बढ़ गई और नौबत मारपीट की आ गई। इसके बाद छविलाल अचेत हो गया। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता उसकी मौत हो गई। इसके बाद मामला गर्म गया। पुलिस को खबर की गई फिर मौके पर तमाम पुलिस के अधिकारी पहुंच गए और कार्रवाई शुरू की गई। पुलिस ने फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में राजनीति भी अब तेज हो गई है। अवैध वसूली के आरोप और आरोपी का भाजपा नेता से संबंध की खबर के बाद सरकार को घेरने की कोशिशें तेज हो गई है। पंचायत और नगरीय निकायों के चुनाव होने वाले हैं ऐसे में कोई भी मामला चुनावी मुद्दा बन सकता है ।
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