छत्तीसगढअकलतराआबकारी विभाग के साहब से मिलना हो तो अपाइंटमेंट लेकर मिलें या...

आबकारी विभाग के साहब से मिलना हो तो अपाइंटमेंट लेकर मिलें या घंटों इंतजार करें…

जांजगीर-चांपा। जिले के नए आबकारी इतने ज्यादा व्यस्त रहते हैं कि उन्हें किससे कब मिलना है और कैसे ये उनकी सोच पर निर्भर है। वर्तमान समय में अधिकारियों के पास आम जनता के कार्यों को लेकर इतना ज्यादा समय देना पड़ रहा है कि वे लोगों को समय भी नहीं दे पा रहे है। जिले के बड़े अधिकारियों के कार्यालय के बाहर आए हुए लोगों को पहले तो उनके नाम का पर्चा साहब के पास भेजना पड़ता है उसके बाद साहब बताएंगे कि वे कितने समय मिलेंगे। आगंतुक बाहर बैठकर या खड़े रहकर अधिकारी से मिलने सिर्फ इंतजार करता रहता है।

जिले के आबकारी अधिकारी का भी कुछ इसी तरह का हाल है। हालांकि उन्हें अभी जिले में आए कुछ ही समय हुआ है। लेकिन इतने व्यस्त अधिकारी आखिर आम जनता के लिए समय निकालें भी तो कैसे? आखिरकार जिले में लगातार आबकारी से होने वाली दिक्कतों को दूर जो करना है। लेकिन जिले की आबकारी विभाग की दिक्कतेे शायद ही कम हो पाएं? वहीं आबकारी विभाग में इतने पेंडिंग शिकायत है कि नए आए आबकारी अधिकारी को सिर्फ पेंडिंग दूर करने में ही पूरा समय देना पड़ेगा। जिसके चलते वे शायद ही आम जनता को समय दे पाएं। अब देखना यह है कि आबकारी विभाग के नए मुखिया सिर्फ पेंडिंग मामले का ही निराकरण कर पाते है या आम जनता को भी कुछ संतुष्ट कर पाएं। हालांकि आम जनता को संतुष्ट कर पाना शायद ही किसी अधिकारी के बस की बात हो। फिलहाल कुछ आगंतुक आबकारी विभाग में घंटो इंतजार के बाद अपने गंतव्य की ओर निकल गए।

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जांजगीर-चांपा। जिले के नए आबकारी इतने ज्यादा व्यस्त रहते हैं कि उन्हें किससे कब मिलना है और कैसे ये उनकी सोच पर निर्भर है। वर्तमान समय में अधिकारियों के पास आम जनता के कार्यों को लेकर इतना ज्यादा समय देना पड़ रहा है कि वे लोगों को समय भी नहीं दे पा रहे है। जिले के बड़े अधिकारियों के कार्यालय के बाहर आए हुए लोगों को पहले तो उनके नाम का पर्चा साहब के पास भेजना पड़ता है उसके बाद साहब बताएंगे कि वे कितने समय मिलेंगे। आगंतुक बाहर बैठकर या खड़े रहकर अधिकारी से मिलने सिर्फ इंतजार करता रहता है। जिले के आबकारी अधिकारी का भी कुछ इसी तरह का हाल है। हालांकि उन्हें अभी जिले में आए कुछ ही समय हुआ है। लेकिन इतने व्यस्त अधिकारी आखिर आम जनता के लिए समय निकालें भी तो कैसे? आखिरकार जिले में लगातार आबकारी से होने वाली दिक्कतों को दूर जो करना है। लेकिन जिले की आबकारी विभाग की दिक्कतेे शायद ही कम हो पाएं? वहीं आबकारी विभाग में इतने पेंडिंग शिकायत है कि नए आए आबकारी अधिकारी को सिर्फ पेंडिंग दूर करने में ही पूरा समय देना पड़ेगा। जिसके चलते वे शायद ही आम जनता को समय दे पाएं। अब देखना यह है कि आबकारी विभाग के नए मुखिया सिर्फ पेंडिंग मामले का ही निराकरण कर पाते है या आम जनता को भी कुछ संतुष्ट कर पाएं। हालांकि आम जनता को संतुष्ट कर पाना शायद ही किसी अधिकारी के बस की बात हो। फिलहाल कुछ आगंतुक आबकारी विभाग में घंटो इंतजार के बाद अपने गंतव्य की ओर निकल गए।
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