झारखंड के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हफीजुल हसन ने बड़ा बयान दिया है. उन्हाेंने कहा कि हर मुस्लमानों को अरबी सीखनी चाहिए और इसे सीखने के लिए मदरसा जाने की जरूरत नहीं है. हफीजुल हसन ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब झारखंड में मदरसा बोर्ड का गठन होने वाला है. अब उनके बयान की चर्चा होने लगी है. उन्होंने कहा कि जो अंग्रेजी मीडियम में पढ़ रहा है, वह भी घर पर मौलाना से अरबी सीख सकता है.
हफीजुल हसन ने कहा, ”हम अपने लोगों को बोलते हैं कि पहले जो मेरा किताब मेरे लिए उतारा गया है, उसको पहले पढ़ाइए बाद में कोई और. मेरा भतीजा हाफिज-ए-कुरान बन गया. वह मदरसा में नहीं पढ़ा है. अंग्रेजी मीडियम में पढ़ा है, लेकिन मौलाना दो घंटा आकर घर में पढ़ाते हैं और हाफीज-ए-कुरान हो गए. मदरसा जाएगा तभी अरबी सिखेगा, ऐसा नहीं है. हर मुसलमान को अरबी सीखना जरूरी है.”
झारखंड की हेमंत सरकार में अल्पसंख्यक समुदाय से दो मंत्री बनाए गए हैं. इनमें मधुपुर से विधायक हफीजुल हसन अल्पसंख्यक मामलो के मंत्री है. वह तीसरी बार मंत्री बने है. मंत्री हफीजुल इससे पहले अपने विवादित बयानो को लेकर चर्चा में रहे है. हेमंत सरकार में कैबिनेट विस्तार के दौरान उन्होनें मंत्री पद की शपथ बिसमिल्लाहिर रहिमानिर रहीम शब्द से शपथ की शुरूआत की थी. उनके ऐसे शपथ लिए जाने को बीजेपी ने असंवैधानिक बताया था. वहीं दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर मंत्री हफीजुल हसन ने हमारा 20 तो आपका 80 घर बंद होगा वाला सांप्रदायिक बयान दिया था.
मदरसा बोर्ड का होगा गठन
झारखंड सरकार राज्य में मदरसा बोर्ड गठन करने की तैयारी में है. मंत्री हफीजुल हसन ने इसके संकेत दिए है. झारखंड विधानसभा के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण में भी इसका जिक्र था. हसन ने कहा था कि बिहार, ओडिशा और तेलंगाना से नियम कानून मंगवाए गए हैं और उसके अध्ययन के बाद राज्य में मदरसा बोर्ड को अंतिम रूप देने के लिए सरकार उचित कदम उठाएगी.