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नितिन गडकरी ने लिव-इन-रिलेशनशिप, समलैंगिक विवाह पर कहा – समाज को नष्ट कर देगा…

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक यूट्यूब पॉडकास्ट में लिव-इन रिलेशनशिप पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि समलैंगिक विवाह और लिव-इन रिलेशनशिप समाज के नियमों के खिलाफ हैं और इससे सामाजिक ढांचे का पतन हो सकता है. उन्होंने बताया कि वे एक बार ब्रिटिश संसद के दौरे पर लंदन गए थे, जहां उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से देश के महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में पूछा था. उन्होंने बताया कि यूरोपीय देशों में सबसे बड़ी समस्या यह है कि पुरुष और महिलाएं शादी करने में रुचि नहीं रखते हैं और लिव-इन रिलेशनशिप को पसंद करते हैं.

गडकरी ने यह भी पूछा कि अगर लोग शादी नहीं करेंगे तो उनके बच्चे कैसे होंगे और उनका भविष्य कैसा होगा? उन्होंने कहा, “अगर आप सामाजिक ढांचे को तोड़ देंगे तो इसका लोगों पर क्या असर होगा?”

केंद्रीय मंत्री ने इस विषय पर बोलते हुए कहा, ‘सवाल यह नहीं है. माता-पिता का कर्तव्य है कि वे बच्चे पैदा करें और उनका पालन-पोषण ठीक से करें. अगर आप कहते हैं कि आपने मजे के लिए बच्चे पैदा किए हैं और फिर बिना जिम्मेदारी के देखते रहते हैं, तो यह काम नहीं करेगा.

गडकरी ने यह भी कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप समाज को नष्ट कर देगा, उन्होंने जोर देकर कहा कि समाज में नियम हैं और उन्हें मानना चाहिए. समलैंगिक विवाह पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सामाजिक ढांचे को गिरा देगा.

जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत में तलाक पर प्रतिबंध लगाना चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा “बिल्कुल नहीं. लेकिन लिव-इन रिलेशनशिप अच्छे नहीं होते,”

गडकरी ने कहा, “अगर ऐसा समय आ गया जहां 1500 महिलाएं और केवल 1000 पुरुष हों तो हमें पुरुषों को 2 पत्नी रखने की अनुमति देनी पड़ सकती है.”

सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2023 में समलैंगिक विवाह को वैध करने से मना कर दिया था, लेकिन कोर्ट ने कहा कि राज्य समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाले कानून बना सकते हैं, भले ही केंद्र सरकार ऐसा कोई कानून नहीं बनाए.

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक यूट्यूब पॉडकास्ट में लिव-इन रिलेशनशिप पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि समलैंगिक विवाह और लिव-इन रिलेशनशिप समाज के नियमों के खिलाफ हैं और इससे सामाजिक ढांचे का पतन हो सकता है. उन्होंने बताया कि वे एक बार ब्रिटिश संसद के दौरे पर लंदन गए थे, जहां उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से देश के महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में पूछा था. उन्होंने बताया कि यूरोपीय देशों में सबसे बड़ी समस्या यह है कि पुरुष और महिलाएं शादी करने में रुचि नहीं रखते हैं और लिव-इन रिलेशनशिप को पसंद करते हैं. गडकरी ने यह भी पूछा कि अगर लोग शादी नहीं करेंगे तो उनके बच्चे कैसे होंगे और उनका भविष्य कैसा होगा? उन्होंने कहा, “अगर आप सामाजिक ढांचे को तोड़ देंगे तो इसका लोगों पर क्या असर होगा?” केंद्रीय मंत्री ने इस विषय पर बोलते हुए कहा, ‘सवाल यह नहीं है. माता-पिता का कर्तव्य है कि वे बच्चे पैदा करें और उनका पालन-पोषण ठीक से करें. अगर आप कहते हैं कि आपने मजे के लिए बच्चे पैदा किए हैं और फिर बिना जिम्मेदारी के देखते रहते हैं, तो यह काम नहीं करेगा. गडकरी ने यह भी कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप समाज को नष्ट कर देगा, उन्होंने जोर देकर कहा कि समाज में नियम हैं और उन्हें मानना चाहिए. समलैंगिक विवाह पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सामाजिक ढांचे को गिरा देगा. जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत में तलाक पर प्रतिबंध लगाना चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा “बिल्कुल नहीं. लेकिन लिव-इन रिलेशनशिप अच्छे नहीं होते,” गडकरी ने कहा, “अगर ऐसा समय आ गया जहां 1500 महिलाएं और केवल 1000 पुरुष हों तो हमें पुरुषों को 2 पत्नी रखने की अनुमति देनी पड़ सकती है.” सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2023 में समलैंगिक विवाह को वैध करने से मना कर दिया था, लेकिन कोर्ट ने कहा कि राज्य समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाले कानून बना सकते हैं, भले ही केंद्र सरकार ऐसा कोई कानून नहीं बनाए.
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