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CBI-ED बनकर सुप्रीम कोर्ट का गिरफ्तारी वारंट भेजा, 5 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट के बाद इतने लाख रुपए ठगे…पुलिस ने इस राज्य से दबोचा

भिलाई,

छत्तीसगढ़ में डिजिटल अरेस्ट के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट का गिरफ्तारी वारंट दिखाकर एक कंपनी के वाइस प्रेसिडंट को डिजिटल अरेस्ट कर 49 लाख की ठगी कर ली गई है। शिकायत के बाद पुलिस ने शेख नवीद और सोमनाथ मच्छिन्द्र धोबले को भिलाईनगर थाना पुलिस ने महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है। इस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रश्मि ग्रुप ऑफ कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट इंद्रप्रकाश कश्यप ने रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से वाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया।  

इसके बाद सोशल मीडिया के जरिए अलग-अलग नंबरों से कॉल आए और सीबीआई, ईडी और सुप्रीम कोर्ट से नोटिस भेजे गए। नोटिस के साथ ही सुप्रीम कोर्ट का गिरफ्तारी वारंट भी उन्हें भेजा गया। इसके बाद गिरफ्तारी का डर दिखाकर 49 लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। विवेचना के दौरान पुलिस की टीम ने हिस्सा लेकर ट्रांजेक्शन के लिए बैंक खाता देने वाले आरोपी बापू श्रीधर भराड़ को उसके गृहग्राम राहे जिला संभाजीनगर महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया। आरोपी से पूछताछ के दौरान उसने अपने आईसीआईसीआई बैंक के एकाउंट डिटेल, एटीएम कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग का यूजर नेम, पासवर्ड और बैंक में रजिस्टर्ड सिम को सोमनाथ धोबले के माध्यम से शेख नवीद नाम के व्यक्ति को देना बताया।

जांच के दौरान आरोपी सोमनाथ का लोकेशन बीड़ महाराष्ट्र और शेख नवीद का लोकेशन पुणे महाराष्ट्र में मिला। इस पर दो अलग-अलग टीमें पूणे व बीड़ महाराष्ट्र रवाना की गई थी। टीम ने आरोपी सोमनाथ को समर्थ नगर बीड़ से पकड़ लिया। जबकि आरोपी शेख नवीद को कोंढ़वा पुणे महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों ने दो और आरोपियों की दी जानकारी दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि बापू श्रीधर भराड़ के आईसीआईसीआई बैंक खाते की सारी डिटेल, एटीएम कार्ड, इन्टरनेट बैंकिंग का यूजर नेम व पासवर्ड और बैंक में रजिस्टर्ड सिम को ठाणे मुबंई निवासी मनोज विश्वनाथ पाल और सद्दाम नाम के व्यक्तियों को उपयोग में लाने के लिए 20 प्रतिशत के कमीशन पर उपलब्ध कराया।

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भिलाई, छत्तीसगढ़ में डिजिटल अरेस्ट के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट का गिरफ्तारी वारंट दिखाकर एक कंपनी के वाइस प्रेसिडंट को डिजिटल अरेस्ट कर 49 लाख की ठगी कर ली गई है। शिकायत के बाद पुलिस ने शेख नवीद और सोमनाथ मच्छिन्द्र धोबले को भिलाईनगर थाना पुलिस ने महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है। इस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रश्मि ग्रुप ऑफ कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट इंद्रप्रकाश कश्यप ने रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से वाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया।   इसके बाद सोशल मीडिया के जरिए अलग-अलग नंबरों से कॉल आए और सीबीआई, ईडी और सुप्रीम कोर्ट से नोटिस भेजे गए। नोटिस के साथ ही सुप्रीम कोर्ट का गिरफ्तारी वारंट भी उन्हें भेजा गया। इसके बाद गिरफ्तारी का डर दिखाकर 49 लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए। विवेचना के दौरान पुलिस की टीम ने हिस्सा लेकर ट्रांजेक्शन के लिए बैंक खाता देने वाले आरोपी बापू श्रीधर भराड़ को उसके गृहग्राम राहे जिला संभाजीनगर महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया। आरोपी से पूछताछ के दौरान उसने अपने आईसीआईसीआई बैंक के एकाउंट डिटेल, एटीएम कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग का यूजर नेम, पासवर्ड और बैंक में रजिस्टर्ड सिम को सोमनाथ धोबले के माध्यम से शेख नवीद नाम के व्यक्ति को देना बताया। जांच के दौरान आरोपी सोमनाथ का लोकेशन बीड़ महाराष्ट्र और शेख नवीद का लोकेशन पुणे महाराष्ट्र में मिला। इस पर दो अलग-अलग टीमें पूणे व बीड़ महाराष्ट्र रवाना की गई थी। टीम ने आरोपी सोमनाथ को समर्थ नगर बीड़ से पकड़ लिया। जबकि आरोपी शेख नवीद को कोंढ़वा पुणे महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों ने दो और आरोपियों की दी जानकारी दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि बापू श्रीधर भराड़ के आईसीआईसीआई बैंक खाते की सारी डिटेल, एटीएम कार्ड, इन्टरनेट बैंकिंग का यूजर नेम व पासवर्ड और बैंक में रजिस्टर्ड सिम को ठाणे मुबंई निवासी मनोज विश्वनाथ पाल और सद्दाम नाम के व्यक्तियों को उपयोग में लाने के लिए 20 प्रतिशत के कमीशन पर उपलब्ध कराया।
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