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वक्फ संसोधन बिल के बाद ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ विधयेक भी टला, सोमवार को लोकसभा में पेश होना था बिल, मोदी सरकार ने पीछे खींचे हाथ

“वन नेशन, वन इलेक्शन” के प्रस्तावित विधेयक काे संसद की कार्यसूची से हटा दिया गया है. सोमवार को सदन में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल चर्चा के लिए लाया जाना था, लेकिन आखिरी समय पर इस बिल को हटा दिया गया है. अब इस विधेयक को इस सत्र में पेश करने की संभावना कम है. सरकार ने इस बिल को पेश करने तारीख अब तक तय नहीं की है. मौजूदा शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त हो रहा है. ऐसे में इस सत्र में विधेयक लाने की संभावना कम है.

मोदी कैबिनेट में वन नेशन, वन इलेक्शन को मंजूरी मिलने के बाद देश में इस पर खूब चर्चा हो रही है. सरकार इससे जुड़े दो विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश करने की तैयारी में थी. अब जानकारी मिल रही है कि दोनों विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश नहीं किए जाएंगे. सरकार इस विधेयक को पेश कर जेपीसी (JPC) गठित करने की तैयारी में थी. लेकिन संशोधित कार्यसूची से बिल को हटा दिया है.

शुक्रवार को जारी की गई कार्यसूची में बताया गया था कि बिल सोमवार को लोकसभा में रखा जाएगा. इस पर अभी कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिरी समय में सरकार ने सोमवार को बिल नहीं लाने का फैसला क्यों किया और कब बिल लाया जाएगा. लोकसभा का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होने जा रहा है. ऐसे में इसकी संभावनाए कम है कि सरकार सदन में इस सत्र बिल पेश कर पाएगी.

सरकार ने बिल लाने में की देरी

सरकार द्वारा ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर विधेयक वित्तीय व्यवसाय के पूरा होने के बाद सदन में लाए जा सकते हैं. पहले ये विधेयक, संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और संघ शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, लोकसभा में साेमवार को पेश करने लिस्ट किए थे.

लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी संशोधित कार्यसूची में इन विधेयकों को सोमवार के एजेंडे में शामिल नहीं किया गया है. हालांकि, लोकसभा स्पीकर की इजाजत के बाद सरकार बिल को सप्लीमेंट्री लिस्टिंग के माध्यम से सदन में आखिरी समय में भी पेश कर सकती है.

जानें क्या है वन नेशन, वन इलेक्शन बिल

वन नेशन वन इलेक्शन बिल लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव संबंधित है. पिछले सप्ताह नियमों के मुताबिक इन विधेयकों की प्रतियां सदस्यों के बीच बांटी गई थीं.

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“वन नेशन, वन इलेक्शन” के प्रस्तावित विधेयक काे संसद की कार्यसूची से हटा दिया गया है. सोमवार को सदन में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल चर्चा के लिए लाया जाना था, लेकिन आखिरी समय पर इस बिल को हटा दिया गया है. अब इस विधेयक को इस सत्र में पेश करने की संभावना कम है. सरकार ने इस बिल को पेश करने तारीख अब तक तय नहीं की है. मौजूदा शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त हो रहा है. ऐसे में इस सत्र में विधेयक लाने की संभावना कम है.

मोदी कैबिनेट में वन नेशन, वन इलेक्शन को मंजूरी मिलने के बाद देश में इस पर खूब चर्चा हो रही है. सरकार इससे जुड़े दो विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश करने की तैयारी में थी. अब जानकारी मिल रही है कि दोनों विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश नहीं किए जाएंगे. सरकार इस विधेयक को पेश कर जेपीसी (JPC) गठित करने की तैयारी में थी. लेकिन संशोधित कार्यसूची से बिल को हटा दिया है. शुक्रवार को जारी की गई कार्यसूची में बताया गया था कि बिल सोमवार को लोकसभा में रखा जाएगा. इस पर अभी कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिरी समय में सरकार ने सोमवार को बिल नहीं लाने का फैसला क्यों किया और कब बिल लाया जाएगा. लोकसभा का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होने जा रहा है. ऐसे में इसकी संभावनाए कम है कि सरकार सदन में इस सत्र बिल पेश कर पाएगी. सरकार ने बिल लाने में की देरी सरकार द्वारा ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर विधेयक वित्तीय व्यवसाय के पूरा होने के बाद सदन में लाए जा सकते हैं. पहले ये विधेयक, संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और संघ शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, लोकसभा में साेमवार को पेश करने लिस्ट किए थे. लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी संशोधित कार्यसूची में इन विधेयकों को सोमवार के एजेंडे में शामिल नहीं किया गया है. हालांकि, लोकसभा स्पीकर की इजाजत के बाद सरकार बिल को सप्लीमेंट्री लिस्टिंग के माध्यम से सदन में आखिरी समय में भी पेश कर सकती है. जानें क्या है वन नेशन, वन इलेक्शन बिल वन नेशन वन इलेक्शन बिल लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव संबंधित है. पिछले सप्ताह नियमों के मुताबिक इन विधेयकों की प्रतियां सदस्यों के बीच बांटी गई थीं.
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