अब तक ED के दुरुपयोग की बात सिर्फ विपक्ष उठाते रहा है। खासकर चुनावों के वक्त विपक्ष के नेताओं को ED परेशान करती है और उन्हें जेल भेजती है लेकिन ED उन लोगों को भी परेशान कर रही है जो विपक्षी पार्टियों से जुड़े हैं या उनसे सहानुभूति रखते हैं। विपक्षी पार्टियों से संबंध रखने वाले लोगों को भी परेशान और प्रताड़ित करने का आरोप अब लग रहा है। मामला उज्जैन के परमार दंपत्ति के सुसाइड केस का है।
शुक्रवार की रात उज्जैन के आष्टा निवासी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा परमार ने अपने घर में फांसी के फंदे से झूलकर आत्महत्या कर ली। अपने पीछे उन्होंने सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसमें उन्होंने ED (Enforcement Directorate) पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उन्होंने ED के अधिकारियों पर बेवजह दबाव बनाने, गाली गलौज करने, भाजपा ज्वाइन करने, कांग्रेस नेताओं की तस्वीर घर में न लगाने का दवाब का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है कि ED के एक अधिकारी उनपर भाजपा ज्वाइन करने या जेल के लिए तैयार रहने की धमकी देता था।
कौन हैं मनोज परमार
मनोज परमार एक व्यवसायी हैं और ये तब चर्चा में आए थे जब भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी को इनके तीनों बच्चों ने अपना गुल्लक तोड़कर पैसे दिए थे। बाद में इन बच्चों ने छत्तीसगढ़ के तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल को भी अपने गुल्लक सौंपे थे। आरोप है कि इसके बाद ED इस परिवार के पीछे पद गई और आए दिन प्रताड़ित कर रही थी।
सुसाइड नोट में यह लिखा है
परमार दंपत्ति ने आत्महत्या करने के पहले एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसमें अपने बच्चों की जिम्मेदारी कांग्रेस और राहुल गांधी को देने की बात कही गई है। इस नोट में ही ED अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित करने, भाजपा ज्वाइन करने के लिए दवाब देने, गाली गुफ्तार की बात लिखी गई है। अब इस मामले पर राजनीति गरम है