मणिपुर में हिंसा फिर भड़क उठी है। मणिपुर में बिहा के दो मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। घटना शनिवार की शाम करीब 5.20 मणिपुर के काकचिंग जिले की है। दोनों बिहारी मजदूर केइराक में कंस्ट्रक्शन का काम करके साइकिल से घर लौट रहे थे। इसी दौरान उपद्रवियों ने दोनों को गोली मार दी। इससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतकों की पहचान बिहार के गोपालगंज जिले के राजवाही गांव के 18 वर्षीय सुनालाल कुमार और 17 वर्षीय दशरथ कुमार के रूप में की गई। वहीं हमलावरों की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
जानकारी के मुताबिक, दोनों निर्माण श्रमिक थे और मैतेयी के प्रभुत्व वाले काकचिंग में किराये के मकान में रहते थे। काकचिंग पुलिस के अनुसार दोनों मजदूर अपने घर की तरफ लौट रहे थे। इस दौरान बंदूकधारियों ने उन्हें गोली मार दी। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस दोनों को स्थानीय अस्पताल ले गई जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इससे पहले मई में इंफाल पश्चिम जिले में झारखंड के 3 मजदूरों को घर से बाहर खींचकर हमलावरों ने गोलियां मारी थीं। इनमें से एक मजदूर की मौत हो गई थी, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
नवंबर में भी मैतेयी समुदाय के 6 लोगों की हत्या के बाद भी भड़की थी हिंसा
विगत नवंबर महीने में भी मैतेयी समुदाय की 3 महिलाओं और 3 बच्चों समेत कुल 6 लोगों का अपहण करने के बाद मार दिया गया था। इसके बाद भी राज्य में हिंसा भड़क गई थी। मैतेई बहुल इंफाल घाटी में प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार के तीन मंत्रियों और 6 भाजपा विधायकों के घरों पर हमला कर दिया था। वहीं उग्र भीड़ ने मंत्री सपम रंजन, सीएम एन बीरेन सिंह के दामाद और भाजपा विधायक आरके ईमो सिंह के घरों को भी निशाना बनाया था। देर रात उग्र भीड़ मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के भी आवास तक पहुंच गई थी। हालात बिगड़ते देख 5 जिलों में कर्फ्यू लगाया गया था। वहीं, 7 जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया था।
कुकी और मैतेई समुदाय के कारण राज्य में जारी है हिंसा
मणिपुर में पिछले साल 3 मई 2023 को तब हिंसा भड़क गई थी जब कुकी समुदाय की ओर से आदिवासी एकता मार्च निकाला जा रहा था। ये मार्च चुरचांदपुर के तोरबंग इलाके से निकल रहा था। ये मार्च मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के खिलाफ निकाला जा रहा था। इसी दौरान कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। तब से प्रदेश में हिंसा जारी हैं।