महाराष्ट्र की राजनीति से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। एनसीपी (NCP) अजित पवार गुट ने वित्त मंत्रालय पर दावा ठोका है। खबर है कि एनसीपी ने बीजेपी और सीएम देवेन्द्र फडणवीस को साफ-साफ कह दिया है कि हमें किसी भी हाल में वित्त मंत्रालय चाहिए। अगर ये मंत्रालय नहीं मिला तो सरकार का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि यहां उन्होंने वित्त मंत्रालय को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया था। एनसीपी प्रवक्ता अमोल मिटकरी ने कहा, “अगर अजित पवार को वित्त मंत्रालय नहीं मिला तो सरकार का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
अजित पवार ने क्या कहा?
अमित शाह से मुलाकात के दौरान अजित पवार के साथ एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे और उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार मौजूद थीं। अजित पवार ने अमित शाह से मुलाकात के बाद कहा कि हमने गन्ने के मुद्दे पर चर्चा की। मैंने अमित शाह से गन्ने की दर बढ़ाने का अनुरोध किया। उन्होंने जनवरी तक निर्णय लेने का वादा किया है। अजित पवार ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा 14 दिसंबर को होगी।
शिंदे की सरकार में भी उप-मुख्यमंत्री के साथ वित्त मंत्री थे अजित
अजित पवार पूर्ववर्ती एकनाथ शिंदे की सरकार में भी उप-मुख्यमंत्री के साथ वित्त मंत्री थे। अब देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में भी वित्त मंत्रालय पर दावा ठोक दिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि कैबिनेट विस्तार के बाद फडणवीस अजित पवार को कौन सा मंत्रालय सौंपते हैं।
एकनाथ शिंदे गृह मंत्रालय पर अड़े
मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री के शपथ लेने के 8 दिन बाद भी महाराष्ट्र में कैबिनेट का विस्तार नहीं हो पाया है। एकनाथ शिंदे पहले सीएम पद छोड़ने को राजी नहीं हुए। बीजेपी ने किसी तरह मनाया तो गृह मंत्रालय लेने पर अड़ गए हैं। जबकि सीएम देवेन्द्र फडणवीस गृह मंत्रालय खुद अपने पास रखना चाहते हैं। वहीं अब अजिट पवार गुट वित्त मंत्रालय पर दावा ठोक दिया है। ऐेसे में दोनों को समझाना बीजेपी के लिए मुश्किल हो रहा है। अब देखना होगा कि महाराष्ट्र में कैबिनेट का विस्तार कब तक हो पाता है।