छत्तीसगढनॉन पावर सेक्टर को कोयला नही मिलने के कारण कांग्रेस और युवा...

नॉन पावर सेक्टर को कोयला नही मिलने के कारण कांग्रेस और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने घेर दिया एसईसीएल

 

 

वासु सोनी बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के सीपीपी आधारित उद्योगों के हितों की कीमत पर राज्य का कोयला बाहरी राज्यों को भेजने के खिलाफ आज कांग्रेस ने एसईसीएल के खिलाफ विशाल जंगी प्रदर्शन किया। छत्तीसगढ़ युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष श्याम नारायण सोनी के नेतृत्व में हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एसईसीएल के बिलासपुर स्थित मुख्यालय का घेराव और धरना प्रदर्शन किया। श्री सोनी के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने एसईसीएल के सीएमडी प्रेमसागर मिश्रा से मुलाकात की और राज्य के नॉन पावर सेक्टर को प्राथमिकता के आधार पर कोयला देने के संबंध में ज्ञापन सौंपा। सीएमडी श्री मिश्रा ने कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन दिया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के नॉन पावर सेक्टर को कोयले की कमी नहीं होने दी जाएगी। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष श्री महेंद्र गागोत्री और प्रदेश कांग्रेसी कमेटी के प्रवक्ता श्री अभय नारायण मौजूद थे।

 

 

श्री सोनी ने मीडिया को दिए अपने बयान में एसईसीएल प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पूछा कि छत्तीसगढ़ राज्य के नॉन पावर सेक्टर को प्राथमिकता के आधार पर पर्याप्त कोयला क्यों नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है ? उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य के संसाधनों पर पहला अधिकार यहां के नागरिकों और उद्योगों का है। उद्योगों के साथ कांग्रेस खड़ी है और वह राज्य के उद्योगों को कमजोर करने के केंद्र के मनसूबों को कामयाब नहीं होने देगी।

 

 

धरना प्रदर्शन के दौरान श्री सोनी ने केंद्र सरकार की नीतियों की भी जमकर आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के नेतृत्व में देश बेरोजगारी के गंभीर संकट से जूझ रहा है ऐसे में गैर भाजपा शासित राज्यों में उद्योगों को सोची समझी रणनीति के तहत कमजोर किया जा रहा है ताकि वह राज्य सरकारों के खिलाफ माहौल बनाकर चुनावी फायदा ले सके। श्री सोनी ने कहा कि भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश की सरकार मजदूरों और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न उद्योग-धंधों से न सिर्फ प्रदेश बल्कि देश भर के लाखों नागरिकों को रोजगार मिल रहा है। यदि कोयला संकट के कारण उद्योगों में तालाबंदी जैसी स्थिति बनी तो लाखों नागरिक बेरोजगार हो जाएंगे जिसका सीधा असर प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने पर होगा।

 

 

श्री सोनी ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। देश के कुल कोयला भंडार का 18 प्रतिशत हिस्सा यानी लगभग 56 बिलियन टन छत्तीसगढ़ में है। एसईसीएल का वार्षिक उत्पादन लक्ष्य 165 मिलियन टन है और देश के कुल कोयला उत्पादन का 25 प्रतिशत राज्य में उत्पादन किया जाता है। ऐसे में कोई कारण नहीं है जिससे की राज्य के सीपीपी आधारित उद्योगों को पर्याप्त कोयला न दिया जाए।

युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हिला डाला एसईसीएल गेट

युवा कांग्रेस की भीड़ को देखकर यही अंदाजा लगाया जा रहा था की रैली एसईसीएल का गेट तोड़ अंदर चली जायेगी। लेकिन पुलिस बल काफी मशक्कत के बाद उन्हें रोक पाई। कार्यकर्ताओं ने इतनी जोर जोर से गेट हिलाया की एसईसीएल के सुरक्षा में तैनात कर्मियों के पसीने छूट गए। कुछ पल के लिए उन्हें लगा कि गेट टूट ही जायेगा।

 

युवा कार्यकताओं की टोली से से पुलिस भी हार मान गई

धरना के दौरान युवा कार्यकर्ताओं ने जमकर हो हल्ला मचाया झूमा झटकी भी खूब हुई। काफी समय तक पुलिस बल ने रोकने की कोशिश की लेकिन युवा कार्यकर्ताओं के आगे किसकी चलने वाली थी। फिर भी पुलिस बल के जवान पूरी कोशिश में लगे थे की उन्हें रोक सके। वही महिला पुलिस को झूमा झटकी के दौरान चोटे भी आई।

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    वासु सोनी बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के सीपीपी आधारित उद्योगों के हितों की कीमत पर राज्य का कोयला बाहरी राज्यों को भेजने के खिलाफ आज कांग्रेस ने एसईसीएल के खिलाफ विशाल जंगी प्रदर्शन किया। छत्तीसगढ़ युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष श्याम नारायण सोनी के नेतृत्व में हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एसईसीएल के बिलासपुर स्थित मुख्यालय का घेराव और धरना प्रदर्शन किया। श्री सोनी के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने एसईसीएल के सीएमडी प्रेमसागर मिश्रा से मुलाकात की और राज्य के नॉन पावर सेक्टर को प्राथमिकता के आधार पर कोयला देने के संबंध में ज्ञापन सौंपा। सीएमडी श्री मिश्रा ने कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन दिया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के नॉन पावर सेक्टर को कोयले की कमी नहीं होने दी जाएगी। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष श्री महेंद्र गागोत्री और प्रदेश कांग्रेसी कमेटी के प्रवक्ता श्री अभय नारायण मौजूद थे।     श्री सोनी ने मीडिया को दिए अपने बयान में एसईसीएल प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पूछा कि छत्तीसगढ़ राज्य के नॉन पावर सेक्टर को प्राथमिकता के आधार पर पर्याप्त कोयला क्यों नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है ? उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य के संसाधनों पर पहला अधिकार यहां के नागरिकों और उद्योगों का है। उद्योगों के साथ कांग्रेस खड़ी है और वह राज्य के उद्योगों को कमजोर करने के केंद्र के मनसूबों को कामयाब नहीं होने देगी।     धरना प्रदर्शन के दौरान श्री सोनी ने केंद्र सरकार की नीतियों की भी जमकर आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के नेतृत्व में देश बेरोजगारी के गंभीर संकट से जूझ रहा है ऐसे में गैर भाजपा शासित राज्यों में उद्योगों को सोची समझी रणनीति के तहत कमजोर किया जा रहा है ताकि वह राज्य सरकारों के खिलाफ माहौल बनाकर चुनावी फायदा ले सके। श्री सोनी ने कहा कि भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश की सरकार मजदूरों और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न उद्योग-धंधों से न सिर्फ प्रदेश बल्कि देश भर के लाखों नागरिकों को रोजगार मिल रहा है। यदि कोयला संकट के कारण उद्योगों में तालाबंदी जैसी स्थिति बनी तो लाखों नागरिक बेरोजगार हो जाएंगे जिसका सीधा असर प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने पर होगा।     श्री सोनी ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। देश के कुल कोयला भंडार का 18 प्रतिशत हिस्सा यानी लगभग 56 बिलियन टन छत्तीसगढ़ में है। एसईसीएल का वार्षिक उत्पादन लक्ष्य 165 मिलियन टन है और देश के कुल कोयला उत्पादन का 25 प्रतिशत राज्य में उत्पादन किया जाता है। ऐसे में कोई कारण नहीं है जिससे की राज्य के सीपीपी आधारित उद्योगों को पर्याप्त कोयला न दिया जाए। युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हिला डाला एसईसीएल गेट युवा कांग्रेस की भीड़ को देखकर यही अंदाजा लगाया जा रहा था की रैली एसईसीएल का गेट तोड़ अंदर चली जायेगी। लेकिन पुलिस बल काफी मशक्कत के बाद उन्हें रोक पाई। कार्यकर्ताओं ने इतनी जोर जोर से गेट हिलाया की एसईसीएल के सुरक्षा में तैनात कर्मियों के पसीने छूट गए। कुछ पल के लिए उन्हें लगा कि गेट टूट ही जायेगा।   युवा कार्यकताओं की टोली से से पुलिस भी हार मान गई धरना के दौरान युवा कार्यकर्ताओं ने जमकर हो हल्ला मचाया झूमा झटकी भी खूब हुई। काफी समय तक पुलिस बल ने रोकने की कोशिश की लेकिन युवा कार्यकर्ताओं के आगे किसकी चलने वाली थी। फिर भी पुलिस बल के जवान पूरी कोशिश में लगे थे की उन्हें रोक सके। वही महिला पुलिस को झूमा झटकी के दौरान चोटे भी आई।
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