जांजगीर-चांपा। जिले में कलेक्टर कार्यालय कहने से ऐसा लगता है जैसे जिले के लोगों को सहायता आसानी से मिल जाएगी। जिले के सभी शासकीय सेवकों का जमावड़ा कलेक्टर कार्यालय में ही अधिकतर देखने को मिलता है। लेकिन क्या आपको पता है वहां के कर्मचारियों को सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर प्रार्थी को सिर्फ इस दरवाजे से उस दरवाजे तक झांकने के लिए भेज दिया जाता है। साथ ही प्रार्थी को डाक के जरिये जिले के कलेक्टर को सूचना का अधिकार भेजने परामर्श भी दिया जाता है लेकिन उचित जानकारी के साथ सूचना का अधिकार लेने से साफ इंकार कर दिया जाता है। कुछ इसी तरह का वाक्या 02 दिसंबर को जिला कलेक्टर कार्यालय जांजगीर चांपा में देखने को मिला जहां खाद्य विभाग में सूचना का अधिकार आवेदन देने पहुंचे प्रार्थी को यह कहकर वापस भेजा गया कि यह प्रकरण हमारे विभाग में नहीं है। यह आवेदन आपको अपर कलेक्टर के कार्यालय में जनसूचना विभाग में देना होगा। वहीं जब प्रार्थी कक्ष क्रमांक 07 में सूचना का अधिकार शाखा में आवेदन देने पहुंचा तो वहां उपस्थित कर्मचारी ने भी यही जवाब दिया कि खाद्य विभाग का प्रकरण है अपर कलेक्टर कार्यालय से कैसे मिलेगा। जब सूचना का अधिकार शाखा का कर्मचारी खाद्य विभाग के कर्मचारी से जानकारी लेने पहुंचा उस समय भी खाद्य विभाग की महिला कर्मचारी ने यही जवाब दिया कि हमारे विभाग में यह प्रकरण है ही नहीं तो कहां से दें। जबकि सूचना का अधिकार शाखा का कर्मचारी बार बार यही कहता रहा कि खाद्य विभाग का प्रकरण है तो कहां से मिलेगा। जिस पर महिला कर्मचारी ने अपर कलेक्टर के कार्यालय में आवेदन भेजने की बात कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया। वहीं जब अपर कलेक्टर के कार्यालय में उपस्थित कर्मचारी से यही जानकारी ली गई तो उन्होंने भी यही कहा कि खाद्य विभाग का प्रकरण अपर कलेक्टर के कार्यालय में कैसे मिलेगा। अब सोचने वाली बात यह है कि जिला कलेक्टर कार्यालय के कर्मचारियों को यह भी जानकारी नहीं की किस विभाग में कौन सा प्रकरण रहता है। जिस पर प्रार्थी ने सीधे डाक के माध्यम से जिले के कलेक्टर को सूचना के अधिकारी आवेदन भेजने की बात कही। उस पर भी वहां उपस्थित कर्मचारी ने यही कहा कि यही सही रास्ता है आप सीधे डाक के माध्यम से जिले के कलेक्टर को सूचना का अधिकार आवेदन भेज दिजीए।