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साय मंत्रिमंडल विस्तार पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के बयान के मायने क्या ?

रायपुर,

छत्तीसगढ़ में साय मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. अभी भाजपा सरकार में दो मंत्रियों का पद खाली है. माना जा रहा कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. इसे लेकर भाजपा नेताओं के अलग-अलग समय पर बयान भी सामने आते रहे हैं. बीते दिनों भाजपा के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर दिल्ली दौरे पर थे तो अफवाहों का दौर शुरू हो गया था. ये कहा जा रहा था कि चंद्राकर अपने लिए लॉबिंग करने गए हैं, लेकिन जब दिल्ली दौरे से लौटे तो अजय चंद्राकर ने कहा था कि मंत्रिमंडल का विस्तार मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. वहीं आज फिर चंद्राकर ने मंत्रिमंडल विस्तार पर अपना बयान दिया है, जिसकी चर्चा राजनीतिक गलियारों में हो रही है.

आज दिए गए बयान पर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अजय चंद्राकर ने कहा है कि “मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस मोदी जी की मंशा है. मंत्रिमंडल का विस्तार हो न हो, सरकार अच्छे से चल रही है. हो सकता है इसी नीति पर काम हो.”

साय कैबिनेट के विस्तार से ठीक पहले बीजेपी विधायक चंद्राकर के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. सवाल ये उठ रहा है कि क्या चंद्राकर नाराज चल रहे हैं. मौजूदा मंत्रिमंडल से वो खुश नहीं है या कहीं ये भी तो नहीं की खुद चंद्राकर साय कैबिनेट में शामिल होने जा रहे हैं. दावेदारों की बात की जाए तो बहुत सारे वरिष्ठ नेता कतार में हैं. इनमें से एक नाम अजय चंद्राकर का भी है. इसके अलावा गजेंद्र यादव, किरण देव, राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, धरमलाल कौशिक, अमर अग्रवाल, सुनील सोनी का नाम भी चल रहा है.

मंत्रिमंडल का विस्तार मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार : चंद्राकर

हाल ही में पूर्व मंत्री और विधायक अजय चंद्राकर दिल्ली दौरे पर थे, जहां उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, नितिन गडकरी सहित कई बड़े नेताओं से मुलाकात की थी. चर्चा थी कि मंत्री के दो पद खाली पड़े हैं. इनमें एक नाम अजय चंद्राकर का भी हो सकता है. इसे लेकर अजय चंद्राकर ने कहा था कि मंत्री बनना, नहीं बनना कब बनना और कैसे बनना है, यह विशुद्ध रूप से मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. इस बारे में मुझे कुछ नहीं बोलना है. जो खाली विभाग है वह मुख्यमंत्री के पास है.

बृजमोहन जैसे कद्दावर नेता को मंत्री बनाने की संभावना

भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल साय कैबिनेट में मंत्री रहे हैं. उनके सांसद बनने के बाद से मंत्री का एक पद रिक्त हुआ है. ये भी संभावना जताई जा रही है कि इस पद पर बृजमोहन के कद के नेता को मंत्री बनाया जा सकता है. ऐसा हुआ तो यहीं वो नाम हैं जिनमें से मंत्री बन सकते हैं.

बीजेपी में अंदरूनी कलह : कांग्रेस

साय मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होने पर कांग्रेस भी लगातार भाजपा पर तंज कस रहे हैं. पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि एक साल हो गया, साय सरकार अपने मंत्रिमंडल का कोटा पूरा नहीं कर पा रहे. यहां मंत्री के दो पद खाली हैं. सरकार का ये हाल है. वहीं एक साल बाद भी मंत्री मंडल के विस्तार नहीं होने को पीसीसी चीफ दीपक बैज ने अंतर्कलह बताया है. बैज ने कहा है कि तीन दिशाओं से सरकार चल रही है. एक साल में 2 मंत्री नहीं बन पाए. बीजेपी में अंदरूनी कलह है.

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रायपुर, छत्तीसगढ़ में साय मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. अभी भाजपा सरकार में दो मंत्रियों का पद खाली है. माना जा रहा कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. इसे लेकर भाजपा नेताओं के अलग-अलग समय पर बयान भी सामने आते रहे हैं. बीते दिनों भाजपा के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर दिल्ली दौरे पर थे तो अफवाहों का दौर शुरू हो गया था. ये कहा जा रहा था कि चंद्राकर अपने लिए लॉबिंग करने गए हैं, लेकिन जब दिल्ली दौरे से लौटे तो अजय चंद्राकर ने कहा था कि मंत्रिमंडल का विस्तार मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. वहीं आज फिर चंद्राकर ने मंत्रिमंडल विस्तार पर अपना बयान दिया है, जिसकी चर्चा राजनीतिक गलियारों में हो रही है. आज दिए गए बयान पर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अजय चंद्राकर ने कहा है कि “मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस मोदी जी की मंशा है. मंत्रिमंडल का विस्तार हो न हो, सरकार अच्छे से चल रही है. हो सकता है इसी नीति पर काम हो.” साय कैबिनेट के विस्तार से ठीक पहले बीजेपी विधायक चंद्राकर के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. सवाल ये उठ रहा है कि क्या चंद्राकर नाराज चल रहे हैं. मौजूदा मंत्रिमंडल से वो खुश नहीं है या कहीं ये भी तो नहीं की खुद चंद्राकर साय कैबिनेट में शामिल होने जा रहे हैं. दावेदारों की बात की जाए तो बहुत सारे वरिष्ठ नेता कतार में हैं. इनमें से एक नाम अजय चंद्राकर का भी है. इसके अलावा गजेंद्र यादव, किरण देव, राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, धरमलाल कौशिक, अमर अग्रवाल, सुनील सोनी का नाम भी चल रहा है.

मंत्रिमंडल का विस्तार मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार : चंद्राकर

हाल ही में पूर्व मंत्री और विधायक अजय चंद्राकर दिल्ली दौरे पर थे, जहां उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, नितिन गडकरी सहित कई बड़े नेताओं से मुलाकात की थी. चर्चा थी कि मंत्री के दो पद खाली पड़े हैं. इनमें एक नाम अजय चंद्राकर का भी हो सकता है. इसे लेकर अजय चंद्राकर ने कहा था कि मंत्री बनना, नहीं बनना कब बनना और कैसे बनना है, यह विशुद्ध रूप से मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. इस बारे में मुझे कुछ नहीं बोलना है. जो खाली विभाग है वह मुख्यमंत्री के पास है.

बृजमोहन जैसे कद्दावर नेता को मंत्री बनाने की संभावना

भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल साय कैबिनेट में मंत्री रहे हैं. उनके सांसद बनने के बाद से मंत्री का एक पद रिक्त हुआ है. ये भी संभावना जताई जा रही है कि इस पद पर बृजमोहन के कद के नेता को मंत्री बनाया जा सकता है. ऐसा हुआ तो यहीं वो नाम हैं जिनमें से मंत्री बन सकते हैं.

बीजेपी में अंदरूनी कलह : कांग्रेस

साय मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होने पर कांग्रेस भी लगातार भाजपा पर तंज कस रहे हैं. पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि एक साल हो गया, साय सरकार अपने मंत्रिमंडल का कोटा पूरा नहीं कर पा रहे. यहां मंत्री के दो पद खाली हैं. सरकार का ये हाल है. वहीं एक साल बाद भी मंत्री मंडल के विस्तार नहीं होने को पीसीसी चीफ दीपक बैज ने अंतर्कलह बताया है. बैज ने कहा है कि तीन दिशाओं से सरकार चल रही है. एक साल में 2 मंत्री नहीं बन पाए. बीजेपी में अंदरूनी कलह है.
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