छात्रों ने शिक्षकों के नामवार आरोपों का ब्यौरा दिया है, जिसमें कौन क्या कहकर प्रताड़ित करता है उसका उल्लेख है. शिकायत के मुताबिक, उपरोक्त स्टाफ द्वारा प्रैक्टिकल में अंक कम करने, पालकों को कॉल कर छात्रों के खिलाफ झूठी शिकायत, निराधार आरोपों पर बेवजह नोटिस थमाने के अलावा शिक्षिकाओं द्वारा बालक छात्रों को उनके गर्ल फ्रेंड और छात्राओं को बायफ्रेंड का नाम तक पूछने जैसे संगीन आरोप लगाया गया है. छात्रों ने कहा है कि 12 दिसंबर तक अगर पूर्व प्राचार्य हरिनारायण सिंह को वापस पद में नहीं भेजते हैं, उन पर लगाए निराधार आरोपों की जांच नहीं करते हैं तो छात्र अर्धवार्षिक परीक्षा का विरोध कर आंदोलन करेंगे.
हरिनारायण को हटाने के बाद उपजा विवाद
छात्रों ने बताया कि 1998 में पदस्थ व्याख्याता हरिनारायण सिंह रसायन शास्त्र पढ़ाते थे. सबसे सीनियर होने के साथ ही उन्हें बालक व पालक सबसे उत्कृष्ट होने का दावा कर रहे है. कहा जाता है कि स्कूल में दो पावर फूल शिक्षिका है, जिनका दखल प्रशासन में है. एक गरियाबंद से तो दूसरी राजिम से आना-जाना करती है. अध्यापन प्रभावित होता देख तत्कालीन प्राचार्य द्वारा इनके खिलाफ कार्यवाही करते थे. परीक्षा ड्यूटी में लापरवाही को लेकर भी तीसरी शिक्षिका पर कार्यवाही हुई थी. छात्रों का आरोप है कि उक्त तीनों द्वारा मनगढ़ंत आरोप लगाकर तत्कालीन प्राचार्य के खिलाफ 18 बिंदु में शिकायत हुई, जिसकी जांच किए बगैर उन्हें जिला अधिकारियों ने एक तरफा हटा दिया. वर्तमान में प्राचार्य का चार्ज माधुरी नागेश के पास है.
तीन दिन के भीतर होगी जांच : अपर कलेक्टर
इस मामले में अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय ने कहा कि छात्रों से मिली शिकायत के आधार पर जांच टीम गठित की गई है. तीन दिवस के भीतर जांच कर प्रतिवेदन चाही गई है. जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.