आज विवाह पंचमी का दिन है. आज ही के दिन माता सीता का श्रीराम से विवाह हुआ. वाल्मिकी रामायण के अनुसार माता सीता का जन्म जनकपुर में हुआ था. जनकपुर का प्राचीन नाम मिथिला था. माता जानकी का विवाह भी यहीं से हुआ था. जनकपुर में जानकी मंदिर के पास ही रंगभूमि नामक स्थान है. जहां श्रीराम ने विवाह से पहले भगवान शिव का पिनाक धनुष तोड़ा था. रामायण के अनुसार जब इस स्थान पर धनुष टूटा तो एक जोरदार विस्फोट के साथ तेज आवाज हुई और धनुष के टुकड़े करीब 18 किलोमीटर दूर जाकर गिरे. आज उस स्थान पर धनुषाधाम बना हुआ है. इसके अलावा जनकपुर के निकट रानी बाजार नामक स्थान पर मणिमंडप है. डॉ. रामअवतार के शोध के अनुसार यही वह स्थान है, जहां सीता-राम का विवाह हुआ था.
जनकपुर मंदिर
यहां माता सीता का मंदिर बना हुआ है. यह मंदिर लगभग 4860 वर्ग फुट में फैला हुआ है. मंदिर में माता सीता की एक प्राचीन मूर्ति है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह 1657 के आसपास की है.
रंगभूमि
जानकी मंदिर के पास एक मैदान है जिसे रंगभूमि कहा जाता है. जनश्रुति के अनुसार इसी मैदान पर सीताजी के स्वयंवर में शक्तिशाली राजाओं के बीच से श्री राम ने शंकरजी का धनुष तोड़कर सीताजी से विवाह की शर्त पूरी की थी. रामचरित मानस में इसे रंगभूमि भी कहा गया है. यह नेपाल का बहुत प्रसिद्ध मैदान है.
धनुषा धाम नेपाल
धनुषा नेपाल का प्रमुख जिला है. धनुषधाम यहीं स्थित है जो जनकपुर से लगभग 18 किमी दूर है. धनुषा धाम में आज भी भगवान शिव के धनुष के अवशेष पत्थर के रूप में मौजूद हैं.
मणि मंडप जनकपुर
अयोध्या से निकली बारात. श्रीराम सहित चारों भाइयों का विवाह यही हुआ. जनकपुर में वह स्थान जहां मणि मंडप वेदी और यज्ञ मंडप का निर्माण किया गया था, आज भी रानी बाजार के पास है. यह स्थान मणि मंडप के नाम से प्रसिद्ध है. यहां विवाह के लिए एक यज्ञवेदी भी श्रद्धालु आते हैं.