फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी और किसानों की बकाया समस्याओं का समाधान समेत अन्य मांगों को लेकर किसान फिर से आंदोलन पर हैं।पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर से किसान एक बार फिर दिल्ली कूच करने जा रहे हैं। आज दोपहर 1 बजे 101 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए कूच करेगा।
पिछले 8 महीने से शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान संगठन एक बार फिर दिल्ली कूच करने के लिए तैयार हैं। पंजाब-हरियाणा (शंभू) बॉर्डर से किसान एक बार फिर दिल्ली कूच करने जा रहे हैं। किसानों ने इसे ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन नाम दिया है, जिसमें शंभू बॉर्डर पर 8 महीने (13 फरवरी) से धरना दे रहे किसान आज 1 बजे ट्रैक्टर-ट्रॉली के बिना पैदल ही दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे। आज 101 किसानों का पहला जत्था रवाना होगा।
हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी
किसान आंदोलन को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। हरियाणा सरकार ने अंबाला (शंभू बॉर्डर) में धारा 144 लागू कर दी है। सार्वजनिक सभाओं और जुलूसों पर लगा दी गई है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। ड्रोन और वाटर कैनन का अरेंजमेंट भी किया गया है. शंभू बॉर्डर पंजाब के पटियाला और हरियाणा के अंबाला को जोड़ती है।
SKM और किसान सभा आंदोलन से बनाई दूरी
इधऱ किसानों के आंदोलन पर संगठनों में फूट पड़ गया है। किसानों के दिल्ली मार्च से हरियाणा के किसान संगठनों ने दूरी बना ली है। वहीं SKM और किसान सभा भी नाराज है। किसानों के दिल्ली मार्च से संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने खुद को अलग कर लिया है।
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के चीफ गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, ’हमसे संपर्क नहीं किया गया और न ही हमसे सलाह ली गई। इसलिए अब तक हमने किसी भी मार्च में भाग लेने की कोई योजना नहीं बनाई है। हमने पहले भी समर्थन देने की कोशिश की थी, लेकिन चीजें ठीक नहीं रहीं। वे अपने हिसाब से फैसले ले रहे हैं और हमारी तरफ से कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।