फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी और किसानों की बकाया समस्याओं का समाधान समेत अन्य मांगों को लेकर किसान एक बार फिर से आंदोलन पर हैं। 2 दिसंबर 2024 को किसानों ने नोएडा की तरफ से दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश की थी। हालांकि पुलिस ने उन्हें नोएडा में ही रोक दिया। आदंलोन को और उग्र और दिल्ली कूच करने पर रणनीति तैयार करने आज नोएडा में किसान महापंचायत हो रही है। इसी बीच किसानों के आंदोलन पर संगठनों में फूट पड़ गया है। किसानों के दिल्ली मार्च से हरियाणा के किसान संगठनों ने दूरी बना ली है। वहीं SKM और किसान सभा भी नाराज है।
6 दिसंबर को पंजाब के किसान दिल्ली कूच करने वाले हैं। दिल्ली कूच आंदोलन का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान नेता सरवन सिंह पंधेर करने वाले हैं। हालांकि, एक अम्ब्रेला के नीचे आने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और किसान सभा इस मार्च का हिस्सा नहीं होंगे। किसानों के दिल्ली मार्च से संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने खुद को अलग कर लिया है।
दिल्ली कूच आंदोलन का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान नेता सरवन सिंह पंधेर करने वाले हैं। एक अम्ब्रेला के नीचे आने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और किसान सभा इस मार्च का हिस्सा नहीं होंगे। ऑल इंडिया किसान सभा (AIKS) के नेता हन्नान मोल्लाह का कहना है कि SKM इस विरोध मार्च में शामिल नहीं है।
हमसे संपर्क नहीं किया: गुरनाम सिंह चढूनी
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के चीफ गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, ’हमसे संपर्क नहीं किया गया और न ही हमसे सलाह ली गई। इसलिए अब तक हमने किसी भी मार्च में भाग लेने की कोई योजना नहीं बनाई है। हमने पहले भी समर्थन देने की कोशिश की थी, लेकिन चीजें ठीक नहीं रहीं। वे अपने हिसाब से फैसले ले रहे हैं और हमारी तरफ से कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।
‘SKM के साथ जुड़ा है हमारा संकल्प’
भारतीय किसान मजदूर यूनियन के अध्यक्ष सुरेश कोथ ने कहा, ‘हमारा संगठन SKM से जुड़ा हुआ है और शंभू बॉर्डर पर आंदोलन में हमारी कोई भूमिका नहीं है। 6 दिसंबर को दिल्ली मार्च के आह्वान में भाग लेने की हमारी कोई योजना नहीं है।