दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी संभावनाओं को मजबूत करने के लिए कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व सड़कों पर उतरेगा. अगले 5 दिनों में राहुल गांधी सहित पार्टी के तमाम राष्ट्रीय नेता दिल्ली की जनता से मिलेंगे, इस दौरान AAP और केंद्र सरकार की भाजपा सरकार पर निशाना साधा जाएगा. दिल्ली में अगले साल जनवरी या फरवरी की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. आम आदमी पार्टी के उभार के बाद शीला दीक्षित के नेतृत्व में 15 साल तक राजधानी का शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी को राजनीतिक संकट का सामना करना पड़ा है.
पार्टी ने पिछले दो विधानसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं जीती, इसलिए इस बार विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने पिछले महीने की आठ तारीख को दिल्ली न्याय यात्रा की शुरुआत की, जिसमें पार्टी नेता और कार्यकर्ता दिल्ली के 50 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों से गुजर चुके हैं. यात्रा के दौरान दिल्ली अध्यक्ष यादव ने आम लोगों से मुलाकात करने और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश की है. हाल के दिनों में, यादव ने सत्ता में आने पर ऑटो चालकों की समस्याओं को हल करने और 400 यूनिट तक बिजली मुफ्त में देने की घोषणा की है.
कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व अभी तक देश के कुछ राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों और उपचुनावों के दौरान दिल्ली के राजनीतिक कार्यक्रमों में नहीं दिख रहा था, लेकिन अब महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में चुनावी गतिविधियां खत्म होने के साथ ही दिल्ली में भी कार्यक्रम रखे जाएंगे.
एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल अगले दो दिनों में दिल्ली न्याय यात्रा में शामिल हो सकते हैं. न्याय यात्रा का समापन 9 तारीख को तालकटोरा स्टेडियम में होगा, जहां राहुल गांधी और अन्य केंद्रीय नेताओं की उपस्थिति होगी.