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सीएम बनने के 7 दिन के अंदर ही हेमंत सोरेन को लगा झटका, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लोअर कोर्ट ने लिया एक्शन तो भागकर पहुंचे झारखंड हाईकोर्ट

सीएम बनने के 7 दिन के अंदर ही हेमंत सोरेन को बड़ा झटका लगा है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लोअर कोर्ट ने झारखंड मुख्यमंत्री को पेश होने के आदेश जारी किया है। ईडी (Ed) के समन का उल्लंघन करने के मामले में PMLA कोर्ट ने हेमंत सोरेन को 4 दिसंबर (बुधवार) को पेश होने का निर्देश दिया है। इसे लेकर एमपी-एमएलए ने पिछली सुनवाई में आदेश दिया है। इस आदेश को हेमंत सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी है

दरअसल, सोरेन को रांची के बरगई सर्कल में 8.86 एकड़ भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 10 समन भेजे गए थे। सभी समन में हेमंत ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। इसे लेकर ईडी ने कोर्ट में याचिका लगाई है।

एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें ED के समन की अवहेलना मामले में अदालत में पेश होने को कहा है। उन्होंने इस मामले में व्यक्तिगत पेशी से छूट का आग्रह करते हुए याचिका दायर की थी, जिसे 26 नवंबर को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। साथ ही उन्हें चार दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया था।

सीएम सोरेन ने उन्होंने अधिवक्ता पियूष चित्रेश के माध्यम से क्रिमिनल मिसलिनियस पिटीशन दाखिल की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की यह याचिका न्यायाधीश जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की बेंच में सूचीबद्ध हुई है। इस संबंध में अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने बताया कि हम अदालत से इस मामले की जल्द सुनवाई की अपील करेंगे।

जेएमएम ने क्या कहा

सोरेन दो मौकों पर 20 जनवरी और 31 जनवरी को पेश हुए थे. बाद में उन्हें 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया। झामुमो नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हर समन पर जब सोरेन ईडी के सामने पेश नहीं होते थे तो एजेंसी को उचित कारण भेजा जाता था। एजेंसी हमेशा अपनी मनमर्जी से काम करती है। जब मुख्यमंत्री स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारी में व्यस्त थे तो उन्हें 14 अगस्त को उपस्थित होने के लिए कहा गया था. क्या यह उचित था?

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सीएम बनने के 7 दिन के अंदर ही हेमंत सोरेन को बड़ा झटका लगा है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लोअर कोर्ट ने झारखंड मुख्यमंत्री को पेश होने के आदेश जारी किया है। ईडी (Ed) के समन का उल्लंघन करने के मामले में PMLA कोर्ट ने हेमंत सोरेन को 4 दिसंबर (बुधवार) को पेश होने का निर्देश दिया है। इसे लेकर एमपी-एमएलए ने पिछली सुनवाई में आदेश दिया है। इस आदेश को हेमंत सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी है

दरअसल, सोरेन को रांची के बरगई सर्कल में 8.86 एकड़ भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 10 समन भेजे गए थे। सभी समन में हेमंत ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। इसे लेकर ईडी ने कोर्ट में याचिका लगाई है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें ED के समन की अवहेलना मामले में अदालत में पेश होने को कहा है। उन्होंने इस मामले में व्यक्तिगत पेशी से छूट का आग्रह करते हुए याचिका दायर की थी, जिसे 26 नवंबर को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। साथ ही उन्हें चार दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया था। सीएम सोरेन ने उन्होंने अधिवक्ता पियूष चित्रेश के माध्यम से क्रिमिनल मिसलिनियस पिटीशन दाखिल की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की यह याचिका न्यायाधीश जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की बेंच में सूचीबद्ध हुई है। इस संबंध में अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने बताया कि हम अदालत से इस मामले की जल्द सुनवाई की अपील करेंगे। जेएमएम ने क्या कहा सोरेन दो मौकों पर 20 जनवरी और 31 जनवरी को पेश हुए थे. बाद में उन्हें 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया। झामुमो नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हर समन पर जब सोरेन ईडी के सामने पेश नहीं होते थे तो एजेंसी को उचित कारण भेजा जाता था। एजेंसी हमेशा अपनी मनमर्जी से काम करती है। जब मुख्यमंत्री स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारी में व्यस्त थे तो उन्हें 14 अगस्त को उपस्थित होने के लिए कहा गया था. क्या यह उचित था?
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