छत्तीसगढअकलतरापास में मंडराते हाथियों की परवाह किए बगैर ग्रामीणों ने गड्ढे में...

पास में मंडराते हाथियों की परवाह किए बगैर ग्रामीणों ने गड्ढे में फंसे हाथी के शावक को बचाया,

रायगढ़,

पास में मंडराते हाथियों के झुंड की परवाह किए बगैर ग्रामीणों ने खेत में पानी से भरे गड्ढे में फंसे हाथी के शावक को बचाकर अदम्य साहस का परिचय दिया. इस पूरे वाकये के दौरान वन विभाग का अमला कहीं नजर नहीं आया.

रायगढ़ जिले के लैलूंगा रेंज मे विचरण कर रहे 41 हाथियों का दल बीती रात रायगढ़ वन मंडल के दानोट पहुंच गया था. हाथियों के दल का एक शावक नहाते समय चिल्कागुडा में एक खेत में बने गड्ढे में फंस गया. शावक बार-बार गड्ढे से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पार की ऊंचाई ज्यादा होने की वजह से वह निकल नहीं पा रहा था.

संभव: हाथियों के झुंड के साथ उसकी मां ने भी उसे निकालने का प्रयास किया होगा, लेकिन निकालने में असफल रहने के बाद शावक को छोड़कर झुंड भी आगे निकल गया था. इस बात की जानकारी जैसे ही सुबह जैसे ही ग्रामीणों को हुई उन्होंने तत्काल बिना वन विभाग की मदद से मोर्चा संभाल लिया. खड्डे के आस-पास खुदाई शुरू कर घंटों बाद हाथी शावक को बाहर निकलने में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई.

निकलते ही दौड़ा झुंड की ओर

हाथी शावक वहां से निकलते ही दौड़ते हुए अपने झुंड में पहुंच गया. ग्रामीणों ने बताया कि इस दौरान हाथियों का दल इस गड्ढे के आसपास चिंघड़ते हुए मंडराते रहा, फिर भी गांव के ग्रामीणों ने बिना डरे हाथी शावक की जान बचाने जुटे रहे और उन्हें सफलता भी मिली.

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रायगढ़, पास में मंडराते हाथियों के झुंड की परवाह किए बगैर ग्रामीणों ने खेत में पानी से भरे गड्ढे में फंसे हाथी के शावक को बचाकर अदम्य साहस का परिचय दिया. इस पूरे वाकये के दौरान वन विभाग का अमला कहीं नजर नहीं आया. रायगढ़ जिले के लैलूंगा रेंज मे विचरण कर रहे 41 हाथियों का दल बीती रात रायगढ़ वन मंडल के दानोट पहुंच गया था. हाथियों के दल का एक शावक नहाते समय चिल्कागुडा में एक खेत में बने गड्ढे में फंस गया. शावक बार-बार गड्ढे से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पार की ऊंचाई ज्यादा होने की वजह से वह निकल नहीं पा रहा था. संभव: हाथियों के झुंड के साथ उसकी मां ने भी उसे निकालने का प्रयास किया होगा, लेकिन निकालने में असफल रहने के बाद शावक को छोड़कर झुंड भी आगे निकल गया था. इस बात की जानकारी जैसे ही सुबह जैसे ही ग्रामीणों को हुई उन्होंने तत्काल बिना वन विभाग की मदद से मोर्चा संभाल लिया. खड्डे के आस-पास खुदाई शुरू कर घंटों बाद हाथी शावक को बाहर निकलने में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई.

निकलते ही दौड़ा झुंड की ओर

हाथी शावक वहां से निकलते ही दौड़ते हुए अपने झुंड में पहुंच गया. ग्रामीणों ने बताया कि इस दौरान हाथियों का दल इस गड्ढे के आसपास चिंघड़ते हुए मंडराते रहा, फिर भी गांव के ग्रामीणों ने बिना डरे हाथी शावक की जान बचाने जुटे रहे और उन्हें सफलता भी मिली.
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