छत्तीसगढअकलतराआश्रय स्थल है या गोदाम, नगर पालिका परिषद के अधिकारी को नहीं...

आश्रय स्थल है या गोदाम, नगर पालिका परिषद के अधिकारी को नहीं खबर…. रूकने वाले की जानकारी भी पर्याप्त नहीं, ना ही नगर पालिका को ना ही पुलिस को…

 

चांपा,

नगर पालिका परिषद के द्वारा संचालित आश्रय स्थल में घूमकर सामान बेचने वाले बाहरी व्यक्तियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। लेकिन उनकी पर्याप्त जानकारी के बगैर किसी भी व्यक्ति को आश्रय स्थल में रहने देना एक संदेह को जन्म देता है। वहीं बाहरी व्यक्ति अपने काम के सामानों को भी आश्रय स्थल के बाहर रख अपना काम निपटाते नजर आ रहे है। वहीं लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि आश्रय स्थल में रूकने की व्यवस्था तो है लेकिन उनके सामानों की भी पर्याप्त सुविधा आश्रय स्थल में दी जा रही है।

 

 

नगर पालिका परिषद चांपा के अधिकारी-कर्मचारी सिर्फ अपने कार्यों का हवाला देकर पल्ला झाड़ते नजर आते है। लेकिन नगर पालिका परिषद द्वारा संचालित आश्रय स्थल का जायजा कोई नहीं लेता। वहीं चांपा पुलिस विभाग द्वारा इस प्रकार के लोगों पर कार्रवाई तो दूर जानकारी लेना भी मुनासिब नहीं समझा जा रहा है। आए दिन अन्य जिलों में बाहरी व्यक्तियों द्वारा स्थानीय लोगों के घर में घुसकर कई घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। बावजूद चांपा नगर में भी सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम नजर नही आ रहा है।

गली मोहल्ले में घुमकर सामान बेचने वालों की संख्या नगर में लगातार बढ़ती जा रही है जिससे नगर के लोगों को खतरे का अंदेशा भी नहीं है। समय रहते पुलिस विभाग या चांपा नगर के लोगों ने इस पर लगाम नहीं कसा तो शायद कोई बड़ी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता। अब देखना यह है इस गंभीर विषय पर नगर पालिका परिषद चांपा और पुलिस कोई उचित कदम उठा पाता है या यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

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  चांपा, नगर पालिका परिषद के द्वारा संचालित आश्रय स्थल में घूमकर सामान बेचने वाले बाहरी व्यक्तियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। लेकिन उनकी पर्याप्त जानकारी के बगैर किसी भी व्यक्ति को आश्रय स्थल में रहने देना एक संदेह को जन्म देता है। वहीं बाहरी व्यक्ति अपने काम के सामानों को भी आश्रय स्थल के बाहर रख अपना काम निपटाते नजर आ रहे है। वहीं लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि आश्रय स्थल में रूकने की व्यवस्था तो है लेकिन उनके सामानों की भी पर्याप्त सुविधा आश्रय स्थल में दी जा रही है।     नगर पालिका परिषद चांपा के अधिकारी-कर्मचारी सिर्फ अपने कार्यों का हवाला देकर पल्ला झाड़ते नजर आते है। लेकिन नगर पालिका परिषद द्वारा संचालित आश्रय स्थल का जायजा कोई नहीं लेता। वहीं चांपा पुलिस विभाग द्वारा इस प्रकार के लोगों पर कार्रवाई तो दूर जानकारी लेना भी मुनासिब नहीं समझा जा रहा है। आए दिन अन्य जिलों में बाहरी व्यक्तियों द्वारा स्थानीय लोगों के घर में घुसकर कई घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। बावजूद चांपा नगर में भी सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम नजर नही आ रहा है। गली मोहल्ले में घुमकर सामान बेचने वालों की संख्या नगर में लगातार बढ़ती जा रही है जिससे नगर के लोगों को खतरे का अंदेशा भी नहीं है। समय रहते पुलिस विभाग या चांपा नगर के लोगों ने इस पर लगाम नहीं कसा तो शायद कोई बड़ी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता। अब देखना यह है इस गंभीर विषय पर नगर पालिका परिषद चांपा और पुलिस कोई उचित कदम उठा पाता है या यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
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