महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार का साइड इफेक्ट दिखना शुरू हो गया है। उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन से बाहर हो सकते हैं। शिवसेना यूबीटी चीफ उद्धव ठाकरे पर पार्टी नेताओं का दबाव है, जिसके चलते वह MVA छोड़ने का फैसला ले सकते हैं। बताया जा रहा है कि यूबीटी के नेताओं ने नाराजगी जताई है। अगर उद्धव ठाकरे एमवीए से अलग होते हैं तो माहाराष्ट्र में इंडिया अलांयस के लिए बड़े झटके के रूप में होगा।
बताया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे के सामने शिवसेना यूबीटी के नेताओं ने नाराजगी पेश की है। नेताओं के दबाव में उद्धव ठाकरे एमवीए छोड़ने का फैसला ले सकते हैं। गौरतलब है कि मुंबई महानगर निगम के चुनाव होने वाले हैंय़ पिछले 24 साल से उद्धव ठाकरे की मुंबई पर सत्ता रही है।
दरअसल, उद्धव ठाकरे ने हारे हुए उम्मीदवारों की बैठक बुलाई, जिसमें ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे को प्रमुखता से रखा गया। इसी के साथ कुछ हारे हुए उम्मीदवारों ने स्वतंत्र चुनाव लड़ने का मुद्दा भी उद्धव ठाकरे के सामने उठाया। अपनी सीटों पर महायुति से चुनाव हारे शिवसेना यूबीटी के उम्मीदवारों का कहना है कि उन्हें महाविकास अघाड़ी में चुनाव लड़ने से कोई खास फायदा नहीं मिला। लिहाजा अह अकेले चुनाव लड़ना चाहिए।
केवल 20 सीटें जीत जाईं उद्धव की शिवसेना
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। उद्धव सेना ने 97 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से केवल 20 सीटें ही जीत सकी। इसके अलावा, कांग्रेस को 16 और शरद पवार की एनसीपी को केवल 10 सीटें जीतने में सफल हुई। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सिर्फ 46 सीटों पर सिमट कर रह गई।