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भाजपा नेता और सरकारी कर्मचारी हुए आमने-सामने, एक ने काम नहीं करने, तो दूसरे ने काम नहीं करने देने का आरोप लगाते हुए धरना पर बैठे, कलेक्टर को करना पड़ा बीच-बचाव,

महासमुंद,

ऐसा वाकया आपने न कभी सुना होगा, न कभी देखा होगा. आज महासमुंद तहसील कार्यालय में जैसा वाकया हुआ, उससे परिसर में मौजूद लोग अवाक रह गए. एक तरह भाजपा प्रवक्ता व उनके समर्थक तो दूसरी तरफ तहसील कार्यालय के कर्मचारी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए एक ही परिसर में धरने पर बैठे गए. आखिरकार कलेक्टर को बीच-बचाव कर मामला शांत कराना पड़ा.

दरअसल, भाजपा प्रवक्ता डॉ. विमल चोपड़ा आज महासमुंद तहसील परिसर में अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी की. डॉ. चोपड़ा ने आरोप लगाया कि पिछले 7-8 माह से छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर किसान, कामगार, गरीब और तमाम लोग तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर के पास आ रहे हैं, पर कोई काम नहीं हो रहा है. तहसील में बिना पैसा दिए कोई कार्य नहीं होता है. जनता प्रताड़ित है, इसीलिए आज यहां धरने पर बैठे है. एक सप्ताह में कार्य नहीं होता है तो हम लोग राजस्व मंत्री, मुख्यमंत्री के पास जाएंगे.

दूसरी तरफ तहसील कार्यालय के कर्मचारी भी डॉ विमल चोपड़ा पर न्यायालीन कार्य नहीं करने देने का आरोप लगाते हुए तहसील परिसर में धरने पर बैठ गए. तहसील कर्मचारियों ने कहना था कि हम लोग पिछले दो-तीन महीनों से परेशान हैं. डॉ. विमल चोपड़ा न्यायालीन एवं कार्यालयीन कार्यों मे दखलअंदाजी करके दवाब डालते हैं, इसीलिए हम लोग अनिश्चितकालीन कलमबंद हडताल कर धरने पर बैठे हैं. धरने से बनी स्थिति को देखते हुए कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने दोनों पक्षों से बातचीत कर समस्या का समाधान जल्द निकालने की बात कही.

 

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महासमुंद, ऐसा वाकया आपने न कभी सुना होगा, न कभी देखा होगा. आज महासमुंद तहसील कार्यालय में जैसा वाकया हुआ, उससे परिसर में मौजूद लोग अवाक रह गए. एक तरह भाजपा प्रवक्ता व उनके समर्थक तो दूसरी तरफ तहसील कार्यालय के कर्मचारी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए एक ही परिसर में धरने पर बैठे गए. आखिरकार कलेक्टर को बीच-बचाव कर मामला शांत कराना पड़ा. दरअसल, भाजपा प्रवक्ता डॉ. विमल चोपड़ा आज महासमुंद तहसील परिसर में अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी की. डॉ. चोपड़ा ने आरोप लगाया कि पिछले 7-8 माह से छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर किसान, कामगार, गरीब और तमाम लोग तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर के पास आ रहे हैं, पर कोई काम नहीं हो रहा है. तहसील में बिना पैसा दिए कोई कार्य नहीं होता है. जनता प्रताड़ित है, इसीलिए आज यहां धरने पर बैठे है. एक सप्ताह में कार्य नहीं होता है तो हम लोग राजस्व मंत्री, मुख्यमंत्री के पास जाएंगे. दूसरी तरफ तहसील कार्यालय के कर्मचारी भी डॉ विमल चोपड़ा पर न्यायालीन कार्य नहीं करने देने का आरोप लगाते हुए तहसील परिसर में धरने पर बैठ गए. तहसील कर्मचारियों ने कहना था कि हम लोग पिछले दो-तीन महीनों से परेशान हैं. डॉ. विमल चोपड़ा न्यायालीन एवं कार्यालयीन कार्यों मे दखलअंदाजी करके दवाब डालते हैं, इसीलिए हम लोग अनिश्चितकालीन कलमबंद हडताल कर धरने पर बैठे हैं. धरने से बनी स्थिति को देखते हुए कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने दोनों पक्षों से बातचीत कर समस्या का समाधान जल्द निकालने की बात कही.  
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