अजित पवार के सीएम पद के लिए देवेंद्र फडणवीस के नाम पर सहमति जताने पर शिंदे गुट के रामदास कदम बोले . अजित ने शिवसेना के दावेदारी की शक्ति कम कर दी
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति के जबरदस्त जीत के बाद सीएम पद को लेकर घमासान जारी है. सीएम के नाम को लेकर अब भी संस्पेस बना हुआ है. महायुति गठबंधन की सबसे बड़ी और ज्यादा सीटें जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी के देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाए जाने की चर्चा महाराष्ट्र की सियासत में जोरों से चल रही है, हालांकि अब तक सीएम के दो दावेदारों के नाम चर्चा में है, जिसमें महाराष्ट्र के कार्यवाहक सीएम व शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे व बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस शामिल हैण् दोनों नामों में सीएम तय करने अजित पवार किंगमेकर साबित होंगे.
दरअसल शिवसेना शिंदे गुट मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ने की जिद पर अड़ी हुई है. शिंदे गुट इसके लिए अजित गुट से समर्थन भी मांगा था. दोनों गुटों के बीच 25 नवंबर को करीब एक घंटे तक चर्चा चली लेकिन अजित पवार ने समर्थन देने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया. महायुति के अजित पवार ने पहले ही सीएम पद बीजेपी को देने देवेंद्र फडणवीस के नाम पर हामी भर दी थी.
अजित पवार के इस फैसले पर अब शिंदे गुट के नेता रामदास कदम का ब्यान आया है, जिसमें उन्होनें कहा कि अजित के इस निर्णय से शिवसेना के दावेदारी की शक्ति कम हो गई है.
उन्होंने कहा, हमें लगता है कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनना चाहिए और बीजेपी देवेंद्र फडणवीस को बनाना चाहती है और अजित पवार ने फडणवीस के नाम पर सरेंडर कर दिया है. उन्होंने हमारी दावेदारी की शक्ति कम कर दी है जो भी हो, लेकिन महायुति में कोई विवाद नहीं होगा, हमने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और हमें बड़ी जीत मिली
महायुति ने 288 सीटों में 235 सीटों पर जीत दर्ज की है. इसमें बीजेपी अकेले 132, शिवसेना ने 57 व एनसीपी अजित पवार गुट ने 41 सीटों पर दर्ज की है. आकड़ो के अनुसार बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के बिना सरकार नहीं बना सकती, सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 145 है, उसके लिए किसी एक का साथ जरूरी है. अगर शिवसेना और एनसीपी मिलकर सरकार बनाना चाहें तो 145 के जादुई आंकेड़े तक नही पहुंच पाएगी। दोनों मिलकर भी सिर्फ 98 सीटों का आंकड़ा ही जोड़ पाएंगे हालांकि सीएम पद के लिए अजित पवार क्लियर है उन्होंने देवेंद्र के नाम पर हामी भर दी है अगर बीजेपी देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी, अजित के निर्णय से शिंदेगुट में नाराजगी देखी जा रही है.