पाकिस्तान में हालात बिगड़ते जा रहे हैं, जब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों ने उनकी रिहाई की मांग को लेकर इस्लामाबाद में बड़ी संख्या में प्रदर्शन किया. इन समर्थकों ने राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर रेंजर्स को गाड़ियों से कुचलने के साथ ही कई गंभीर हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया, जिसमें चार पैराट्रूपर्स की मौत हो गई. रिपोर्टों के अनुसार, इस प्रकार की हिंसक घटनाओं में अब तक चार रेंजर्स और दो पुलिस अधिकारियों की जान जा चुकी है, जबकि 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
पाकिस्तान सरकार ने अनुच्छेद 245 के तहत सेना को तैनात किया है, और वर्तमान अशांति तथा आतंकवाद से सख्ती से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को देख लेते ही गोली चलाने के आदेश दिए गए हैं. प्रदर्शनकारियों ने इमरान खान की रिहाई के लिए संसद की ओर मार्च निकालने और धरना देने का ऐलान किया है. सरकार ने विरोध को रोकने के लिए नाकाबंदी की है और नेशनल हाईवे पर बैरिकेड्स लगाए हैं, लेकिन इमरान के समर्थकों ने इन्हें हटा दिया और इससे हिंसक संघर्ष हुआ.
इमरान खान, जो पिछले साल अगस्त से जेल में हैं, ने हाल ही में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों का आह्वान किया था. उन्होंने अपने खिलाफ हो रहे अन्यायपूर्ण गिरफ्तारियों का विरोध किया और अपनी पार्टी का समर्थन जुटाने का प्रयास किया.
खैबर-पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर और इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी आतंकवाद से प्रभावित प्रांत से यात्रा शुरू करते हुए डी-चौक तक पहुंचे, जो कई प्रमुख सरकार इमारतों के निकट स्थित है. वहां पहुंचने के लिए प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों द्वारा रखे गए शिपिंग कंटेनर्स को भी हटा दिया.
इसी बीच, पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी ने इमरान खान समर्थकों को चेतावनी दी है कि वे “रेड लाइन” को पार न करें. उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद की स्थिति पहले से ही संवेदनशील है और किसी भी अतिवादी कदम से बचने के लिए सभी को संयम से काम लेना होगा.