18वीं लोकसभा का पहला शीतकालीन सत्र आज (25 नवंबर) से शुरू हो रहा है। संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले पीएम नरेन्द्र मोदी ने संसद परिसर से देश को संबोधित किया। इस दौरान उनके निशाने पर कांग्रेस-सभा और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी रहे।
उन्होंने कहा कि जनता से नकारे गए लोग संसद नहीं चलने देते हैं। दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने राजनीतिक स्वार्थ के लिए जिनको जनता ने अस्वीकार किया है, वे संसद को भी मुठ्ठी भर लोगों के हुडदंगबाजी से कंट्रोल करने का प्रयास कर रहे हैं। उनका अपना मकसद संसद की गतिविधि को रोकने में सफल नहीं होता, जनता देखती है फिर सजा देती है।
उन्होंने कहा,’जिन्हें जनता 80 बार नकार चुकी है, वो संसद का काम रोकते हैं. दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संसद को कंट्रोल करने की कोशिश की है।
इससे पहले अपने भाषण की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2024 का अंतिम चरण चल रहा है और देश 2025 की तैयारी कर रहा है. संसद का यह सत्र कई मायनों में खास है। सबसे खास बात है संविधान के 75वें वर्ष की शुरुआत. कल संविधान सदन में सभी लोग हमारे संविधान की 75वीं वर्षगांठ का जश्न मनाएंगे।
20 दिसंबर तक चलेगा सत्र
ये सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार वक्फ संशोधन बिल और ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ समेत कम से कम 16 विधेयक पेश करेगी। लोकसभा में आठ और राज्यसभा में दो विधेयक लंबित हैं।
ये विधेयक शीतकालीन सत्र में किए जा सकते हैं पेश
इस सत्र में सरकार पांच नए बिल पेश करेगी। इसमें शिपिंग सेक्टर से जुड़े तीन बिल शामिल है। सरकार कोस्टल शिपिंग बिल, इंडियन पोर्ट्स बिल, मर्चेंट शिपिंग बिल पेश करेगी।भारतीय शिपिंग के विकास के लिए तीनों बिल काफी अहम है। वहीं, पहले से पेश 13 बिल को पास कराने के लिए लिस्ट किया गया। इनमें बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल और वक्फ बिल भी लिस्ट में शामिल है। लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक और मुसलमान वक्फ विधेयक समेत आठ विधेयक लंबित हैं। साथ ही राज्यसभा में दो विधेयक लंबित हैं। एक देश एक चुनाव विधेयक इस संसद सत्र में पेश करने की उम्मीद कम ही है।