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रोज 8000 बिलासपुरवासियों को सस्ती यात्रा की सुविधा दे रही सिटी बस पुनः शुरू करने आज़ाद मंच ने खोला मोर्चा, दिया 7 दिन का अल्टीमेटम

बिलासपुर। बिलासपुरवासियों को सस्ती और आरामदायक यातायात सुविधा दे रही सिटी बस सर्विसेज को पुनः शुरू कराने आज़ाद मंच ने मुहिम छेड़ी है। आज़ाद मंच के प्रमुख विक्रान्त तिवारी ने कहा की 21 माह से बंद सिटी बस सुविधा के कारण लोगो को 20 रुपय की जगह 70 से 100 रुपय तक देकर सफर करना पड़ रहा। बिलासपुर के कुछ जिम्मेदार लोगों और सिटी बस का संचालन करवाने वाली बिलासपुर शहरी सार्वजनिक यातायात सोसाइटी के पदादिकरियो द्वारा अनदेखी के कारण आम जनता को इस असुविधा का सामना करना पड़ रहा था। जिसे पुनः शुरू करवाने आज आज़ाद मंच की बिलासपुर इकाई, बिलासपुर आज़ाद मंच ने मोर्चा खोल दिया है। मंच के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा सचिव, बिलासपुर शहरी सार्वजनिक यातायात सोसायटी के पद पे आसीन आयुक्त नगरनिगम बिलासपुर के द्वारा बिलासपुर कलेक्टर एवं सोसायटी अध्यक्ष के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बिलासपुर की आम जनता की तकलीफ से अधिकारियों को अवगत करवाते हुए 1 हफ्ते में इस ओर उचित कदम उठाने का आग्रह किया गया साथ ही इसे नजरंदाज करने पर 7 दिन के बाद क्रमिक हड़ताल और जन आंदोलन करने की सूचना भी अधिकारियों को ज्ञापन के साथ दी गई।

ज्ञापन में आज़ाद मंच ने बताया की केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की आम जनता को किफायती, आरामदेह और विश्वशनीय पब्लिक ट्रांपॉर्ट की सुविधा मुहैया करवाने प्रदेश के 21 क्लस्टरों के 70 शहरों में 451 सिटी बसों हेतु 183.69 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई। जिसके अंतर्गत प्रदेश के साथ हमारे बिलासपुर जिले में 1.10.2015 को 50 बसों का संचालन 25 करोड़ रुपए की लागत से शुरू किया गया था। जिसमें 40 नॉन एसी एवं 10 एसी बसों को शामिल किया गया था। भारत सरकार द्वारा जहाँ हमारे प्रदेश को “बेस्ट सिटी बस सर्विसेस” का तमगा हासिल हुआ तो पूरे प्रदेश में बिलासपुर को सर्वश्रेष्ठ रूप से सिटी बस संचालन हेतु पुरस्कृत किया गया था।
बिलासपुर शहर के साथ साथ ग्रमीण क्षेत्रों में( तखतपुर, कोटा, खूँटाघाट, चकरभाठा,बिल्हा) के 12 रूटों पर चलने वाली सिटी बसों में (प्राप्त आंकड़ो के अनुसार) 8000 से अधिक आम बिलासपुरवासी प्रतिदिन सफर करते थे। जिसकी अनुबंध अनुसार ठेका कंपनी द्वारा समय पर सोसाइटी को ठेके की राशि ₹रुपय 150000 प्रति माह) प्रदान भी की जाती रही। 14 बसें खराब होने पर भी पूरी 50 बसों की राशि ठेका कंपनी द्वारा दी जाती रही। किन्तु कोरोना काल मे 21 मार्च 2020 को 8 दिनों के लिए बसें बन्द की गई जिसके बाद आज दिनांक तक बिलासपुर की आम जनता को किफायती दर में सफर करने से वंचित होना पड़ रहा है। जिसका कारण सोसाइटी द्वारा समाचार पत्रों में ठेका कंपनी द्वारा कार्य नही करना बताया जाता है। 10 करोड़ से अधिक की 4 एकड़ भूमि पर 5 करोड़ की लागत से बने सिटी बस टर्मिनल, कोनी में खड़ी सभी बसें पूरी तरह से कंडम हो चुकी हैं जब कि लगभग 15 करोड़ की उक्त राशि उन बसों की देखरेख के नाम पर ही खर्च की गई थी। ये वहां कार्यकर्त कर्मचारियों और अधिकारियों का एक गैरजिम्मेदाराना कृत है जिसकी जांच होनी चाहिए। बिलासपुर जिले की आम जनता को सुविधा उपलब्ध करवाने की दृष्टि से 25 करोड़ की राशि से बसें लेने, 10 करोड़ से अधिक की भूमि, 5 करोड़ की लागत से बाउंड्री और भवन बनाने के बाद, लगभग 40 करोड़ की लागत लगाने के बाद भी बिलासपुर की आम जनता इससे 21 माह (लगभग 2 सालों) से वंचित है। जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा न ही उन 40 करोड़ रुपयों के व्यय को गंभीरता से लिया जा रहा है ना ही जनता को हो रही असुविधा को । यह रवैया बहुत ही दुर्भाग्यजनक है।

बिलासपुरवासियों को हवा हवाई सपने और तालाब में क्रूज होटल की नही सस्ती सिटी बस की आवश्यकता है जिसमे जिले की आधी से अधिक आबादी सफर करती है। पिछले लगभग 2 सालो से आम जनता की इस तकलीफ को नज़र अंदाज़ करते हुए कलेक्टर महोदय एवं आयुक्त महोदय द्वारा संचालित बिलासपुर शहरी सार्वजनिक यातायात सोसाइटी द्वारा 1 भी बैठक नही की गई है। जिस वजह से इस असुविधा का निराकरण नही निकल रहा है। और आम जनता को इसका खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। जहाँ शहर में 1 प्रतिशत से कम लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हवाई सेवा पे पूरा जोर एवं राशि खर्च की जा रही है और नगरनिगम द्वारा बिलासपुरवासियों को तालाब में क्रूज होटल दिखाने के नाम पर लाखों रुपय व्यय किये जा रहे हैं जिसमे शहर के लोगों को कोई लाभ नही होगा वहीं रोज़ 8000 यात्रियों को सुविधा दे रही सिटी बस सेवा सोसाइटी की बैठक के इंतज़ार में और खराब गाड़ीयों को ठीक करवाने के आदेश के इंतज़ार में परेशान हो रही है। इस ओर संवेदनशीलता दिखाते हुए सिटी बसें पुनः बिलासपुर में शुरू करने हम आपसे आग्रह करते हैं। साथ ही विक्रान्त ने कहा कि अगर अगले 1 हफ्ते में इसपर उपयुक्त कदम नही उठाए गए तो आज़ाद मंच द्वारा क्रमिक हड़ताल और जनांदोलन किया जाएगा जिसकी सूचना भी इसी ज्ञापन के माध्यम से स्वीकार करें।

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बिलासपुर। बिलासपुरवासियों को सस्ती और आरामदायक यातायात सुविधा दे रही सिटी बस सर्विसेज को पुनः शुरू कराने आज़ाद मंच ने मुहिम छेड़ी है। आज़ाद मंच के प्रमुख विक्रान्त तिवारी ने कहा की 21 माह से बंद सिटी बस सुविधा के कारण लोगो को 20 रुपय की जगह 70 से 100 रुपय तक देकर सफर करना पड़ रहा। बिलासपुर के कुछ जिम्मेदार लोगों और सिटी बस का संचालन करवाने वाली बिलासपुर शहरी सार्वजनिक यातायात सोसाइटी के पदादिकरियो द्वारा अनदेखी के कारण आम जनता को इस असुविधा का सामना करना पड़ रहा था। जिसे पुनः शुरू करवाने आज आज़ाद मंच की बिलासपुर इकाई, बिलासपुर आज़ाद मंच ने मोर्चा खोल दिया है। मंच के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा सचिव, बिलासपुर शहरी सार्वजनिक यातायात सोसायटी के पद पे आसीन आयुक्त नगरनिगम बिलासपुर के द्वारा बिलासपुर कलेक्टर एवं सोसायटी अध्यक्ष के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बिलासपुर की आम जनता की तकलीफ से अधिकारियों को अवगत करवाते हुए 1 हफ्ते में इस ओर उचित कदम उठाने का आग्रह किया गया साथ ही इसे नजरंदाज करने पर 7 दिन के बाद क्रमिक हड़ताल और जन आंदोलन करने की सूचना भी अधिकारियों को ज्ञापन के साथ दी गई। ज्ञापन में आज़ाद मंच ने बताया की केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की आम जनता को किफायती, आरामदेह और विश्वशनीय पब्लिक ट्रांपॉर्ट की सुविधा मुहैया करवाने प्रदेश के 21 क्लस्टरों के 70 शहरों में 451 सिटी बसों हेतु 183.69 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई। जिसके अंतर्गत प्रदेश के साथ हमारे बिलासपुर जिले में 1.10.2015 को 50 बसों का संचालन 25 करोड़ रुपए की लागत से शुरू किया गया था। जिसमें 40 नॉन एसी एवं 10 एसी बसों को शामिल किया गया था। भारत सरकार द्वारा जहाँ हमारे प्रदेश को "बेस्ट सिटी बस सर्विसेस" का तमगा हासिल हुआ तो पूरे प्रदेश में बिलासपुर को सर्वश्रेष्ठ रूप से सिटी बस संचालन हेतु पुरस्कृत किया गया था। बिलासपुर शहर के साथ साथ ग्रमीण क्षेत्रों में( तखतपुर, कोटा, खूँटाघाट, चकरभाठा,बिल्हा) के 12 रूटों पर चलने वाली सिटी बसों में (प्राप्त आंकड़ो के अनुसार) 8000 से अधिक आम बिलासपुरवासी प्रतिदिन सफर करते थे। जिसकी अनुबंध अनुसार ठेका कंपनी द्वारा समय पर सोसाइटी को ठेके की राशि ₹रुपय 150000 प्रति माह) प्रदान भी की जाती रही। 14 बसें खराब होने पर भी पूरी 50 बसों की राशि ठेका कंपनी द्वारा दी जाती रही। किन्तु कोरोना काल मे 21 मार्च 2020 को 8 दिनों के लिए बसें बन्द की गई जिसके बाद आज दिनांक तक बिलासपुर की आम जनता को किफायती दर में सफर करने से वंचित होना पड़ रहा है। जिसका कारण सोसाइटी द्वारा समाचार पत्रों में ठेका कंपनी द्वारा कार्य नही करना बताया जाता है। 10 करोड़ से अधिक की 4 एकड़ भूमि पर 5 करोड़ की लागत से बने सिटी बस टर्मिनल, कोनी में खड़ी सभी बसें पूरी तरह से कंडम हो चुकी हैं जब कि लगभग 15 करोड़ की उक्त राशि उन बसों की देखरेख के नाम पर ही खर्च की गई थी। ये वहां कार्यकर्त कर्मचारियों और अधिकारियों का एक गैरजिम्मेदाराना कृत है जिसकी जांच होनी चाहिए। बिलासपुर जिले की आम जनता को सुविधा उपलब्ध करवाने की दृष्टि से 25 करोड़ की राशि से बसें लेने, 10 करोड़ से अधिक की भूमि, 5 करोड़ की लागत से बाउंड्री और भवन बनाने के बाद, लगभग 40 करोड़ की लागत लगाने के बाद भी बिलासपुर की आम जनता इससे 21 माह (लगभग 2 सालों) से वंचित है। जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा न ही उन 40 करोड़ रुपयों के व्यय को गंभीरता से लिया जा रहा है ना ही जनता को हो रही असुविधा को । यह रवैया बहुत ही दुर्भाग्यजनक है। बिलासपुरवासियों को हवा हवाई सपने और तालाब में क्रूज होटल की नही सस्ती सिटी बस की आवश्यकता है जिसमे जिले की आधी से अधिक आबादी सफर करती है। पिछले लगभग 2 सालो से आम जनता की इस तकलीफ को नज़र अंदाज़ करते हुए कलेक्टर महोदय एवं आयुक्त महोदय द्वारा संचालित बिलासपुर शहरी सार्वजनिक यातायात सोसाइटी द्वारा 1 भी बैठक नही की गई है। जिस वजह से इस असुविधा का निराकरण नही निकल रहा है। और आम जनता को इसका खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। जहाँ शहर में 1 प्रतिशत से कम लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हवाई सेवा पे पूरा जोर एवं राशि खर्च की जा रही है और नगरनिगम द्वारा बिलासपुरवासियों को तालाब में क्रूज होटल दिखाने के नाम पर लाखों रुपय व्यय किये जा रहे हैं जिसमे शहर के लोगों को कोई लाभ नही होगा वहीं रोज़ 8000 यात्रियों को सुविधा दे रही सिटी बस सेवा सोसाइटी की बैठक के इंतज़ार में और खराब गाड़ीयों को ठीक करवाने के आदेश के इंतज़ार में परेशान हो रही है। इस ओर संवेदनशीलता दिखाते हुए सिटी बसें पुनः बिलासपुर में शुरू करने हम आपसे आग्रह करते हैं। साथ ही विक्रान्त ने कहा कि अगर अगले 1 हफ्ते में इसपर उपयुक्त कदम नही उठाए गए तो आज़ाद मंच द्वारा क्रमिक हड़ताल और जनांदोलन किया जाएगा जिसकी सूचना भी इसी ज्ञापन के माध्यम से स्वीकार करें।
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