अन्य खबरेंतीर कमान: गम्मत का मजा, कार्रवाई-सजा या प्रमोशन?

तीर कमान: गम्मत का मजा, कार्रवाई-सजा या प्रमोशन?

तीर कमान (वासु सोनी)। अब ये क्या सुन लिया गम्मत भी हो रहा और मजा भी आ रहा लेकिन कार्रवाई का क्या? अब ये तो पता नहीं कि कार्रवाई क्यों नहीं हो रहा शायद कोई शिकायत नहीं किया होगा। यही जवाब अधिकारियों से मिलता नजर आता है। जब भी कहीं गम्मत गया आर्केस्टा की बात आती है तो प्रशासन सचेत और सतर्क तो हो जाता है लेकिन रोक नहीं पाता। नियम की बात करेें तो एसडीएम कार्यालय से रात 10 बजे तक तो कागज मिल जाता है लेकिन उसके बाद का क्या? अब किसी ने क्या हर किसी ने यही कहा शिकायत होगी तब कार्रवाई नहीं तो गम्मत और आर्केस्टा मजा लो… कुछ दिन पहले भी कोस के मंदा में ये काम हो गया किसी ने विडियो भी बनाया वो भी 10 बजे के बाद लेकिन पुलिस हो या प्रशासन शिकायत तो चाहिए ना…वो भी लिखित में…साहब पढ़े लिखे जो हैं… बाकी ठहरे अनपढ़ जो रात 10 के बाद विडियो बनाते रहे… कुछ माह पहले भी यही हुआ था, एक विडियो आया जिसमें एक वर्दीधारी साहब नाचते दिखे फिर क्या था अटैच…अटैच… लेकिन गम्मत या आर्केस्टा पर रोक के मामले में कागज या फिर शिकायत साहब करें भी तो क्या? वहीं कुछ छपने छापने वाले भी पहुंच गए साहब हमारे यहां भी गम्मत हो जाए तो साहब ने कह दिया परमिशन और समय तक जानते तो हो लड़ाई झगड़ा क्या हो जाए लेकिन कोस के मंदा में ये कैसे संभव हो गया…आखिर साहब है कुछ भी कर सकते हैं…कोई फर्क नहीं पड़ेगा?

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तीर कमान (वासु सोनी)। अब ये क्या सुन लिया गम्मत भी हो रहा और मजा भी आ रहा लेकिन कार्रवाई का क्या? अब ये तो पता नहीं कि कार्रवाई क्यों नहीं हो रहा शायद कोई शिकायत नहीं किया होगा। यही जवाब अधिकारियों से मिलता नजर आता है। जब भी कहीं गम्मत गया आर्केस्टा की बात आती है तो प्रशासन सचेत और सतर्क तो हो जाता है लेकिन रोक नहीं पाता। नियम की बात करेें तो एसडीएम कार्यालय से रात 10 बजे तक तो कागज मिल जाता है लेकिन उसके बाद का क्या? अब किसी ने क्या हर किसी ने यही कहा शिकायत होगी तब कार्रवाई नहीं तो गम्मत और आर्केस्टा मजा लो... कुछ दिन पहले भी कोस के मंदा में ये काम हो गया किसी ने विडियो भी बनाया वो भी 10 बजे के बाद लेकिन पुलिस हो या प्रशासन शिकायत तो चाहिए ना...वो भी लिखित में...साहब पढ़े लिखे जो हैं... बाकी ठहरे अनपढ़ जो रात 10 के बाद विडियो बनाते रहे... कुछ माह पहले भी यही हुआ था, एक विडियो आया जिसमें एक वर्दीधारी साहब नाचते दिखे फिर क्या था अटैच...अटैच... लेकिन गम्मत या आर्केस्टा पर रोक के मामले में कागज या फिर शिकायत साहब करें भी तो क्या? वहीं कुछ छपने छापने वाले भी पहुंच गए साहब हमारे यहां भी गम्मत हो जाए तो साहब ने कह दिया परमिशन और समय तक जानते तो हो लड़ाई झगड़ा क्या हो जाए लेकिन कोस के मंदा में ये कैसे संभव हो गया...आखिर साहब है कुछ भी कर सकते हैं...कोई फर्क नहीं पड़ेगा?
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