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महाराष्ट्र में शक्तिशाली कौन हैं? इन सीटों पर BJP-Congress ,चाचा-भतीजा, UBT-शिंदे सेना में सीधा मुकाबला

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान में बस कुछ घंटे ही बीत चुके हैं, जिससे राज्य की राजनीति में काफी उत्साह है. 288 में से 288 में से कांग्रेस 100 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि बीजेपी ने 149 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं. इनमें से 73 सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस और बीजेपी सीधी टक्कर में हैं. बीजेपी को 6 महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में हार हुई थी, लेकिन पार्टी अब विधानसभा में जीत का दावा कर रही है.

बीजेपी-कांग्रेस ने कई सीटों पर संघर्ष किया है, जिनमें से कुछ नंदुरबार जिले की शाहादा और नंदुरबार ग्रामीण सीटें हैं; धुले जिले की धुले ग्रामीण सीटें; जलगांव जिले की रावेर और भुसावल सीटें; बुलढाना जिले की मल्कापुर, चिखाली, खामगांव और जलगांव जामोद सीटें; और अकोला जिले की अकोट और अकोला वेस्ट सीटें…. आदि.

2019 में 66 सीटों पर था बीजेपी vs कांग्रेस

2019 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने 66 सीटों पर प्रतिस्पर्धा की. इनमें से 50 सीटें बीजेपी ने जीतीं, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 16 सीटें मिलीं.

बीजेपी और कांग्रेस में कौन भारी?

कांग्रेस का कहना है कि महाराष्ट्र में बीजेपी के खिलाफ एंटी इन्कम्बेंसी बन गई है और जनता बदलाव चाहती है, जबकि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में हार के बाद ‘वोट जिहाद’ और ‘फॉल्स नरेटिव’ पर आरोप लगाया.

विपक्षी पार्टी के नेताओं का मानना है कि महायुति सरकार की ‘लाडकी बहिन योजना’ जनता को समझाने और ‘डैमेज कंट्रोल’ करने के लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकती है. हालांकि, कांग्रेस ने इसे खारिज करते हुए अपने घोषणा पत्र में महिलाओं को 3000 रुपये देने का वादा किया है, इसलिए लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार का मुकाबला अधिक कांटे की होगी.

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में एमवीए का अधिक प्रभाव है, लेकिन लाडकी बहिन योजना के लाभार्थियों की भी बहुतायत है. उत्तर महाराष्ट्र (नासिक, धुले और जलगांव) भी बीजेपी का गढ़ है.

50 सीटों पर शिवसेना vs शिवसेना UBT

शिवसेना के विभाजित होने के बाद महाराष्ट्र में पहला विधानसभा चुनाव हो रहा है, जिसमें एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच वर्चस्व की बड़ी लड़ाई है. इनमें जलगांव की चोपड़ा सीट, पचोरा सीट, बुलधाना जिले की बुलधाना सीट, मेहकर एससी सीट और अकोला जिले की बालापुर सीट शामिल हैं.

चाचा-भतीजे यानी अजित पवार और शरद पवार के बीच महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की 37 सीटों पर लड़ाई है. एनसीपी के विभाजित होने के बाद, एनीसीपी और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) में भी वर्चस्व की जंग है. इनमें बुलाधाना जिले की सिंधखेड राजा, अमरावती जिले की मोरशी सीट, नागपुर जिले की कटोल सीट, भंडारा की तुमसर सीट, गढ़चिरौली की अहेरी सीट, यवतमाल की पुसाद सीट शामिल हैं.

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान में बस कुछ घंटे ही बीत चुके हैं, जिससे राज्य की राजनीति में काफी उत्साह है. 288 में से 288 में से कांग्रेस 100 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि बीजेपी ने 149 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं. इनमें से 73 सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस और बीजेपी सीधी टक्कर में हैं. बीजेपी को 6 महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में हार हुई थी, लेकिन पार्टी अब विधानसभा में जीत का दावा कर रही है. बीजेपी-कांग्रेस ने कई सीटों पर संघर्ष किया है, जिनमें से कुछ नंदुरबार जिले की शाहादा और नंदुरबार ग्रामीण सीटें हैं; धुले जिले की धुले ग्रामीण सीटें; जलगांव जिले की रावेर और भुसावल सीटें; बुलढाना जिले की मल्कापुर, चिखाली, खामगांव और जलगांव जामोद सीटें; और अकोला जिले की अकोट और अकोला वेस्ट सीटें…. आदि. 2019 में 66 सीटों पर था बीजेपी vs कांग्रेस 2019 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने 66 सीटों पर प्रतिस्पर्धा की. इनमें से 50 सीटें बीजेपी ने जीतीं, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 16 सीटें मिलीं. बीजेपी और कांग्रेस में कौन भारी? कांग्रेस का कहना है कि महाराष्ट्र में बीजेपी के खिलाफ एंटी इन्कम्बेंसी बन गई है और जनता बदलाव चाहती है, जबकि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में हार के बाद ‘वोट जिहाद’ और ‘फॉल्स नरेटिव’ पर आरोप लगाया. विपक्षी पार्टी के नेताओं का मानना है कि महायुति सरकार की ‘लाडकी बहिन योजना’ जनता को समझाने और ‘डैमेज कंट्रोल’ करने के लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकती है. हालांकि, कांग्रेस ने इसे खारिज करते हुए अपने घोषणा पत्र में महिलाओं को 3000 रुपये देने का वादा किया है, इसलिए लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार का मुकाबला अधिक कांटे की होगी. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में एमवीए का अधिक प्रभाव है, लेकिन लाडकी बहिन योजना के लाभार्थियों की भी बहुतायत है. उत्तर महाराष्ट्र (नासिक, धुले और जलगांव) भी बीजेपी का गढ़ है. 50 सीटों पर शिवसेना vs शिवसेना UBT शिवसेना के विभाजित होने के बाद महाराष्ट्र में पहला विधानसभा चुनाव हो रहा है, जिसमें एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच वर्चस्व की बड़ी लड़ाई है. इनमें जलगांव की चोपड़ा सीट, पचोरा सीट, बुलधाना जिले की बुलधाना सीट, मेहकर एससी सीट और अकोला जिले की बालापुर सीट शामिल हैं. चाचा-भतीजे यानी अजित पवार और शरद पवार के बीच महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की 37 सीटों पर लड़ाई है. एनसीपी के विभाजित होने के बाद, एनीसीपी और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) में भी वर्चस्व की जंग है. इनमें बुलाधाना जिले की सिंधखेड राजा, अमरावती जिले की मोरशी सीट, नागपुर जिले की कटोल सीट, भंडारा की तुमसर सीट, गढ़चिरौली की अहेरी सीट, यवतमाल की पुसाद सीट शामिल हैं.
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