नागपुर,
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को अब सिर्फ दो दिन शेष है। इससे पहले जांच एजेंसियां ने बड़ी कार्रवाई की है। नागपुर में 14 करोड़ रुपये का सोना जब्त किया गया है। सोना जेवरात और बिस्किट के रूप में गुजरात की कंपनी सीक्वेल लॉजिस्टिक्स द्वारा ले जाया जा रहा था। यह शिपमेंट गुरुवार को फ्लाइट से नागपुर पहुंचा था, जिसके बाद इसे अमरावती भेजा जा रहा था। चुनावी माहौल के बीच इतनी बड़ी मात्रा में सोना ले जाने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति नहीं है। इससे एक दिन पहले (16 नवंबर) पुलिस ने 80 करोड़ की चांदी जब्त की थी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर 20 नवंबर को वोटिंग होनी है। चुनाव के मद्देनजर जांच एजेंसियां और पुलिस राज्य में होने वाली गतिविधियों पर नजर रख रही हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक नागपुर यूनिवर्सिटी के सामने सड़क बाधित थी। इसी दौरान आपूर्ति कंपनी ‘सीक्वल लॉजिस्टिक्स’ के वाहन को पुलिस और चुनाव आयोग के अधिकारियों की एक टीम ने रोका। वैन में आभूषणों के रूप में 17 किलो सोना और 55 किलो चांदी की प्लेटें मिलीं। यह सोना और चांदी विदर्भ के अलग-अलग सराफा व्यापारियों के ऑर्डर के मुताबिक उनके प्रतिष्ठानों तक पहुंचाया जा रहा था।
ये सोने के आभूषण और चांदी की प्लेटें नागपुर, अकोला, अमरावती समेत विदर्भ के विभिन्न शहरों से सराफा व्यापारियों ने ऑर्डर के रूप में मंगाई हैं। कहा ये भी जा रहा है कि संबंधित दस्तावेज, बिल सीक्वेल लॉजिस्टिक्स कंपनी के पास थे लेकिन विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता के दौरान इतनी बड़ी मात्रा में सोना-चांदी ट्रांसपोर्ट के जरिए ले जाने के लिए उनके पास जरूरी अनुमति नहीं थी। इसी वजह से जांच टीम ने संबंधित सोने के आभूषणों और चांदी की प्लेटों को जब्त कर लिया। इस संबंध में आयकर विभाग के साथ-साथ जीएसटी विभाग को भी सूचित कर दिया गया है।
मुंबई में जब्त की गई थी 80 करोड़ की चांदी
इससे पहले मुंबई के वाशी चेक नाके के पास पुलिस ने एक ट्रक से 8,476 किलोग्राम चांदी जब्त की थी, जिसकी अनुमानित कीमत 80 करोड़ रुपये आंकी गई थी। मानखुर्द पुलिस ने यह कार्रवाई शुक्रवार की देर रात की थी। दरअसल, यहां पुलिस चेक नाके पर तलाशी ले रही थी, उसी दौरान एक वाहन नजर आया। संदेह होने पर पुलिस ने ट्रक को रुकवाकर उसकी जांच की तो मौके पर मौजूद अधिकारी दंग रह गए। ट्रक में 80 करोड़ की चांदी लदी हुई थी। पुलिस ने इस मामले में फिलहाल चालक को हिरासत में लिया। इसी के साथ मामले की जानकारी आयकर विभाग और चुनाव आयोग को भी दी थी।